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दसाई – नगर की आस्था का केन्द्र है अतिप्राचीन भवानी माता मन्दिर, समय-समय पर हुए चमत्कार, नवरात्रि में दर्शन के लिए उमडता हैं जनसैलाब

 नरेन्द्र पँवार, दसाई। शक्ति पर्व नवरात्र महोत्सव आज से प्रारम्भ हो रहा हैं। नवरात्रि में हर कोई माता की आराधना में लिन रहेगा । घट स्थपना से लगाकर समापन तक घर-घर में माता का पूजन होता हैं। यहॉ नवरात्रि प्रारम्भ के साथ ही अतिप्राचीन भवानी माता मन्दिर में भक्तो का जमावडा प्रारम्भ हो जाता हैं धर्म की नगरी दसाई मे ऐसे तो कई धार्मिक कार्यक्रमो का समय-समय पर आयोजन होता हैं।  साढे बाराह हनुमानजी नगरी होने के साथ-साथ अतिप्राचीन रामरामेश्वर मन्दिर हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता हैं वही गंगाजलिया पर इच्छापूर्ण हनुमान मन्दिर भी किसी चमत्कार से कम नही हैं। तो भवानी माता मन्दिर भी लोगो का आस्था का केन्द्र बना हुआ हैं। नगर के बीचोबीच भवानी माता मन्दिर में चमत्कार से हर कोई माता के दर्शन  के  बिना नही रह सकता हैं। यहॉ का इतिहास भी चमत्कारो से भरा होने से नवरात्रि में भक्तो का दर्शन के लिए जनसैलाब उमडता हैं। कहते हैं सच्चे मन से माता के दरबार में प्रार्थना करो तो मनोकामना जरुर पूरी होती हैं संवत 1372 वैषाक सुदी 3 को पावागढ से भवानी माता की प्रतिमा लाकर विराजित की थी जब से ही यहॉ चमत्कार होते आ रहे हैं। माता के मन्दिर में मन्नत मांगने पर 70 वर्ष की आयु में भी सन्तान हुई हैं। राजा सांगाराव तहसीलदार तानाजी के पुत्र जालमसिह को संतान नही होने पर भवानी माता के मन्दिर में नवरात्रि के पावन दिनो में मन्नत मांगने पर 70 वर्ष में पुत्र की प्राप्ति ने हर किसी को चौका दिया था। तब से जहॉ चमत्कार पर चमत्कार होते आ रहे हैं। अतिचमत्कारी भवानी माता के दर्शन के लिए नवरात्रि में दूर-दूर से भक्तजन दर्शन करने आते हैं। यहॉ माता दिन में तीन रुप में अपने भक्तो को दर्शन देती हैं। पण्डित संजय शर्मा ने बताया कि सच्चे मन से माता के दरबार में आने पर भक्तो की हर मनोकामना पूरी होती हैं।  

शाम को आरती के समय मन्दिर में पैर रखने की जगह नही मिलती हैं। मेरे परिवार की  कई पीढी  मॉ भवानी की पूजा-अर्चना कर रहा हैं। यहॉ जिसने भी माता के दरबार में माथा टेका हैं खाली नही गया हैं । मेने भी कई चमत्कार माता के देखे हैं। अष्टमी के दिन महाआरती के बाद महाप्रसादी का आयोजन किया जाता हैं। नवमीं की रात्रि में महायज्ञ का आयोजन किया जाता हैं। जिसमें नगर के कई लोग आहुति देने आते हैं। नवरात्रि के प्रारम्भ से ही यहॉ 108 दीपक प्रतिदिन लगाये जाते हैं जो आकर्षण का केन्द्र बिन्दु रहता हैं। इन दिनो माता का प्रतिदिन विशेष श्रंगार भी किया जाता हैं। नवरात्रि पर्व को लेकर मन्दिर में विशेष साज-सज्जा की गई वही जगमग रोशनी भी चलते राहगीर को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। इस बार कोरोना महामारी के चलते भक्तो से निवेदन किया गया हैं कोरोना गाइड-लाइन का पालन कर दर्शन-लाभ लेने का अनुरोध पण्डित शर्मा ने किया हैं।

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