

रिंगनोद। जनजाति विकास मंच तहसील सरदारपुर द्वारा आदिवासी (जनजाति) क्रांतिकारी वीर योद्धा भीमा नायक का शहादत दिवस मनाया गया। रिंगनोद के ग्राम नयापुरा में भेरुसिह भुरिया, दिलीप मछार ने महान वीर योद्धा भीमा नायक के जीवन के बारे में बताया की भीमा नायक वर्तमान में मध्यप्रदेश के पश्चिम हिस्से निमाड़ इलाका है, बड़वानी रियासत पंचमोहली बस्ती में स्वतंत्रता के मतवाले आदिवासी भीमा नायक का घर था। भीमा नायक जीवन को लेकर अभी भी कई तथ्य नहीं है। 1875 की स्वतंत्रता संग्राम में भीमा नायक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। क्रांतिकारी भीमा नायक को कालेपानी की सजा दी गयी। उन्हें अंडमान निकोबार की जेल में रखा गया। जेल में ही उनका निधन 29 दिसंबर 1876 को हुआ। हालांकि उनकी मृत्यु को लेकर अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ। साथ ही यह भी कहा कि युवाओं को शिक्षा और गांव में समाज एकजुट रहे और ईसाई मिशनरियों द्वारा आदिवासी जनजाति समाज के भोले-भाले लोगों को धर्मान्तरण करवाया जाता है। उस पर भी युवा पीढ़ी धयान देवें। मिशनरी लोग वही है जिन्होंने हमारे महापुरुषों की हत्या कर दी और हमारे समाज के लोग उन्हीं की गुलामी करने में लगे हुए हैं। जो कि समाज देश के लिए घातक है। कार्यक्रम में महेश भुरिया, मगुसिह मावी, अजय मावी,महेश हटिला, मनोज भुरिया, सोभाराम सिंगार, अर्जुन, गजेन्द्र मावी, सतिश, निलेश आदि उपस्थित रहे। अंत मे आभार भुपेंद्र सिंह भुरिया ने व्यक्त किया।