चेतक टाइम्सधार जिला

सरदारपुर – पंचायत चुनाव करवाने हेतु हाई कोर्ट इंदौर में याचिका दायर करने वाले तोलाराम गामड़ ने प्रेसवार्ता में कहा – न्यायालय के आदेश के बाद भी नहीं कराये जा रहे पंचायत चुनाव, जो आदेश की अवहेलना

Spread the love

सरदारपुर।  पंचायत चुनाव करवाने हेतु हाई कोर्ट इंदौर में याचिका दायर करने वाले तोलाराम गामड़ ने आज स्थानीय सर्किट हाउस पर प्रेसवार्ता कर कहा की न्यायालय के आदेश के बाद भी पंचायत चुनाव नहीं कराये जा रहे है। जो आदेश की अवहेलना है। तोलाराम गामड़ ने कहा की  ग्राम पंचायत चुनाव के 6 वर्ष से अधिक समय हो जाने के बाद भी निर्वाचन आयोग एवं राज्य सरकार कोरोना महामारी का बहाना लेकर चुनाव बार-बार आगे बढ़ाते जा रहे हैं। इसी बात को लेकर माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में हमारे द्वारा एक जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें निर्वाचन आयोग एवं मध्य प्रदेश सरकार ने हलफनामा पेश कर कहा था कि हम चुनाव करवाने के लिए तैयार हैं जिस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निर्वाचन आयोग एवं राज्य सरकार को आदेश दिया गया था की अविलंब चुनाव करवाया जावे।  लेकिन  निर्वाचन आयोग एवं मध्य प्रदेश सरकार टालमटोल रवैया अपनाकर माननीय न्यायालय की आदेश की अवहेलना करने जैसी हरकतें कर रहे हैं। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का 1 माह बीत जाने के बाद भी चुनाव आयोग चुनाव करवाने जैसी स्थिति में नहीं है। पंचायत चुनाव जानबूझकर टाले जा रहे हैं। जबकि मध्य प्रदेश में उपचुनाव एवं बंगाल विधानसभा चुनाव और पूरे भारत में उपचुनाव करवाने की अधिसूचना जारी हो चुकी हैं और और चुनाव कार्यक्रम चालू है। परंतु मध्य प्रदेश सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर गरीबों को डरा रही है वैसे ही ग्राम पंचायत एक ऐसी छोटी संस्था है जो भारत के नागरिकों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाती हैं। ऐसी छोटी संस्थाओं का चुनाव नहीं कराना यह सिद्ध करता है की मध्य प्रदेश सरकार  गरीबों को डरा धमका कर दबाकर रखना चाहती हैं एवं पंचायती राज्य व्यवस्था को खत्म करने की कोशिश में है। 

याचिका दायर करने वाले तोलाराम गामड़ ने कहा की हम चाहते हैं कि न्यायालय के आदेश के मुताबिक शीघ्र पंचायत चुनाव करना सुनिश्चित किया जावे अन्यथा हमें मजबूरन पुनः न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने का मामला क्यों ना दर्ज कराना पड़े। सरकार अपने स्वार्थ के लिए भयंकर कोरोना काल में 28 विधानसभा चुनाव का करवाया जा सकता फिर पंचायत चुनाव क्यों नहीं करवाया जा रहा।  जबकि 28 विधानसभा उपचुनाव के समय कोरोना वैक्सीन भी तैयार नहीं हुई थी और आज कोरोना महामारी का वैक्सीन भी  तैयार हैं और भारत के अन्य प्रदेशों के साथ-साथ मध्यप्रदेश के उप चुनाव भी करवाए जा रहे हैं तो पंचायत चुनाव से मध्य प्रदेश सरकार क्यों भाग रही हैं। मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र संस्था होकर अपने निर्धारित समय अनुसार निर्वाचन प्रक्रिया पूरी करवाना चाहिए ना कि राज्य सरकार के भरोसे ना रहे या दबाव ना  रह कर चुनाव करवाया जावे। निर्वाचन आयोग को स्वतंत्र रूप से कार्य करके यह सिद्ध करना चाहिए कि लोकतंत्र स्वतंत्र है। प्रेसवार्ता के दौरान तोलाराम गामड़ के साथ बद्रीलाल मुणिया आदि मोजूद थे।  


Spread the love

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button