बामनिया। नगर में 18 प्लस के ऑन स्पाॅट रजिस्ट्रेशन एवं वैक्सीनेशन में युवाओ में उत्साह देखा जा रहा है।पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर सुबह 100 टीकों के लिए टोकन वितरण किए जा रहे है। स्लाॅट बुकिंग की बाध्यता समाप्त होने पर अब वैक्सीनेशन सुविधा स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो रही है। जिससे खासकर युवाओं में उत्साह देखा जा रहा है। 18 प्लस के साथ ही यहां 45 प्लस का वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है।
ये दे रहे है सेवाएं-
बामनिया में शासकिय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बनाए गए वैक्सीनेशन सेन्टर पर सुपरवाईजर महेश पाटीदार, एमपीडब्ल्यू जगदीश नायक, आपरेटर मोहन पारगी एवं दुर्गा सिंगाड, सहायक वैक्सीनेटर कुंजला मैडा, वैक्सीनेटर तारामणि मुजादले एवं आशा कार्यकर्ता सुनिता बसोड द्वारा सेवाऐं दी जा रही है।
वैक्सीनेशन को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे है पत्रकार –
कोरोना संक्रमण से बचाव की दिशा में सरकार द्वारा चलाए जा रहे वैक्सीनेषन अभियान के प्रति ग्रामीण अंचल में पत्रकारों द्वारा लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। पत्रकारों द्वारा स्वंय भी टीकाकरण करवाकर लोगों को संदेश दिया जा रहा है कि हर व्यक्ति के बेहतर स्वास्थ्य के लिए वैक्सीनेशन टीका आवश्यक है। जिला पत्रकार संघ महासचिव राजेश सोनी ने बताया कि कोरोनाकाल में अंचल के पत्रकारों द्वारा विषम परिस्थितियों में भी समाचार संकलन का कार्य जोखिम लेकर किया है और कोरोना यौद्वा होना साबित किया है । जिला कलेक्टर द्वारा भी जिले में पत्रकारों के वैक्सीनेशन को लेकर विशेष रूप से दिशा निर्देशित किया गया है। अंचल के पत्रकारों द्वारा इस राष्ट्रव्यापी अभियान का हिस्सा बनकर अपने अपने क्षेत्रों में आम लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक किया जा रहा है। बामनिया एवं क्षेत्र में जिला महासचिव राजेश सोनी, नगर अध्यक्ष सत्तू गौड़, अजय गांधी, शाबीर मंसूरी, दिलीप मालवीय गौरव भण्डारी, जीतू वैरागी, सुमित राठौर, उत्सव सोनी, आरिफ मंसूरी, दिलीप परिहार नईम शेख आदि पत्रकारों द्वारा लोगों को बताया जा रहा है कि वैक्सीनेशन को लेकर गलत भ्रांतियां चल रही है, जबकि कोरोना महामारी से बचाव के लिए सभी को इसे आवश्यक मानना चाहिए एवं अन्य व्यक्तियों को भी प्रेरित किया जाना चाहिए।
गांवों में नहीं हो पा रही लक्ष्य की पूर्ति –
45 प्लस एवं अब आनलाइन बाध्यता हट जाने पर 18 प्लस, इन दोनों तरह के टीकाकरण को लेकर ग्रामों में लोगों को वैक्सीनेशन को लेकर अभी भी भय एवं भ्रांतियां बनी हुई है। गांव में लगाए जा रहे कैम्पों में अपेक्षित लक्ष्य की पूर्ति नहीं हो पा रही है। प्रशासन द्वारा सतत रूप से इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है कि ग्रामीणों का वेक्सीन को लेकर भय और भ्रांति दूर हो।इधर ग्रामों में सरपंच, सचिव से लेकर शिक्षित युवाओं द्वारा भी आम ग्रामीणों को प्रेरित किए जाने के प्रयास किए जा रहे है ।