
सुनील माहेश्वरी @ रिंगनोद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों में नगर में पथ संचलन किया। पथसंचलन बड़ी स्कूल प्रांगण से शुरू होकर नगर के मुख्य बाजार से होते हुए पथ संचलन पुनः बड़ी स्कूल प्रांगण पर संपन्न हुआ। संघ के पथ संचलन में अनुशासन और समय बद्धता देखी गई। पथ संचलन में ध्वज वाहिनी घोष और दंड घोष शामिल थे। पथ संचलन में सभी स्वयंसेवक हाथों में दंड लिए कदमताल मिलाते हुए चल रहे थे। निर्धारित गणवेश में वाद्य यंत्रों की धुन पर स्वयंसेवक चले तो मार्ग में लोगों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। संचलन का शुभारंभ ध्वज वंदन, अमृत वचन व एकल गीत के साथ हुआ। कार्यक्रम स्थल पर राजगढ़ खंड कार्यवाह परशराम कुमावत व रिंगनोद मंडल कार्यवाह जितेंद्र परवार मंचासीन थे।

उपस्थित स्वयंसेवकों को पथ संचलन का महत्व बताते हुए कुमावत ने कहा कि प्राचीन काल में हमारा देश सम्रद्ध संपन्न था, जब हमारा समाज जातियों में विभाजित हुआ तो हिंदू समाज विघटित और पतित हो गया। हिंदुओं के विघटन का विरोधियों ने जमकर लाभ उठाया, हिंदू राजाओं को आपस में लड़ाकर हमारे देश पर राज्य किया वर्ष 1889 गुड़ी पड़वा को एक युगपुरुष परम पूज्य डॉ केशवराव बलिराम हेडगेवार का जन्म हुआ, जो जन्म से देश भक्त थे जिन्होंने 1925 में विजयादशमी के दिन मोहिते के बाड़े नागपुर में शाखा शुरू की जो आज विश्व का सबसे बड़ा संगठन है। पूरे भारतवर्ष को एक समाज के रूप में प्रतिष्ठित करना संघ की सोच है, संघ इसके लिए नित्य साधना कर रहा है।

पथ संचलन में रिंगनोद मंडल के 9 ग्राम कंजरोटा, रिंगनोद, उजाड़िया, नयापुरा, भिलखेड़ी, मालपुरिया, लिमडीपाड़ा, मवड़ी, करमदिया के सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।