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शोपीस बनकर रह गया प्राथमिक स्वास्थ्य केंन्द्र बरमण्डल, अपनी मनमर्जी से काम करते अस्थाई डॉक्टर…

सरदारपुर। बरमंडल पंचायत तेहसील क्षैत्र की सबसे बड़ी ग्राम पंचायतो मे से एक मानी जाती है। लेकीन यहा पर स्वास्थ सेवा की बात करे तो उसका ढर्रा पुरी तरह बिगड़ चुका है। बरमंडल मे संचालित होने वाला प्राथमिक स्वास्थ केंद्र मात्र एक शोपीस बन कर रह गया है। वैसे तो बरमंडल प्राथमिक स्वास्थ पर स्थाई मेडिकल आफीसर का पद पिछले तीन वर्ष से अधिक समय से रिक्त पड़ा  है। लेकीन स्वास्थ विभाग है जो की जानकर भी अनजान बना हुआ है। कुछ माह से यहा पर कर्तव्य की इतिश्री करने के लिये अस्थाई तौर पर अन्य स्थानो के डाक्टरो की सेवाये लगाई गई थी लेकीन विभाग के लचीले व्यवहार के चलते यहा पर तैनात होने वाले डाक्टर अपनी मर्जी से ड्युटी करने लगे। दसाई के मेडिकल आफीसर डॉ अमितेश वर्मा की तैनाती यहा पर सप्ताह मे दो दिन की गई लेकीन डॉ. वर्मा मात्र एक घंटे ही अपनी सेवा देते है। जबकी डयुटी समय सुबह 9 से दोपहर 1 बजे व शाम को 5 से 6 बजे तक का है। मंगलवार व शनिवार को उनकी सेवा बरमंडल प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पर है। लेकीन डॉ. वर्मा मंगलवार को मात्र 1 घंटे की अपनी सेवा देते है। पिछले डेढ माह से तो वे हड़ताल पर थे और मंगलवार को आये तो मात्र एक घंटे रूके कुछ मरीजो को देखा और पुनः दसाई चले गये। जबकी केंद्र पर उपचार के लिये आये मरीज इधर उधर भटकते रहे। वहीं केंद्र पर स्टाफ के नाम पर कपांउडर, फार्मास्सिट, एएनएम और स्वीपर है।

प्राथमिक स्वास्थ केंद्र बरमंडल पर 20 से अधिक ग्रामो की करीब 35 हजार जनता आश्रित है। रोगी कल्याण समिती भी यहा पर कागजो मे सिमटकर रह चुकी  है। और जो सत्ता व विपक्ष से जुडे़ जनप्रतिनिधी जिनके कंधो पर जनता की समस्या को हल कर उन्हे सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओ का लाभ दिलवाने की जिम्मेदारी है। या  विपक्ष जिसके पास सरकार की नाकमायाबीयो को उजागर जनता के पक्ष मे आंदोलन करना चाहिये सभी कुभकंरणीय निदं मे सोये हुये है।

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