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भागवत कथा का हुआ समापन, पं. वैष्णव – भगवान की शरण में आने से हो जाता है दूःखों का अंत…

दसई। भगवान की शरण मे आने से सारे दुःख का अंत हो जाता है। ईष्वर सदैव अपने भक्तो की सेवा करता हे इसके लिये भक्तो को पहले भगवान की सेवा करना पडती है जीवन तो  अमुल्य है इसलिये हमे धर्म की राह मे सदैव सहयोग करना चाहिये ।भागवत कथा तो अमृत तुल्य है इसका श्रवण समय-समय पर करते रहना चाहिये । उक्त विचार मंगलवार अतिप्राचाीन रामरामेष्वर मन्दिर प्रागंण मे संगीतमय 7 दिवसीय भागवत कथा के समापन अवसर पर दिग्ठान से आये पण्डित कमलकिषोर वैष्णव ने कहें । आपने कहा कि धर्म मार्ग से ही जीवन की नैया आगे बढती है व्यक्ति अपने लिये तो हमेषा कुछ न कुछ करता रहता है लेकिन धर्म और समाज के लिये कंजुस बन जाता है जबकि धर्म ही सबकुछ है।इष्वर ने भागवत गीता मे कहा है कि चिंता मत करो सिर्फ कर्म करते रहो फल अपने आप मिल जावेगा । अच्छा करोगे तो अच्छा ही मिलेगा ।श्री वैष्णव ने दान का महत्व बताते हुवे कहाॅ कि जिस प्रकार हम खेत मे एक दाना डालते है तो कई दाने प्राप्त होते है उसी प्रकार धर्म का भी महत्व है । समापन अवसर पर महाआरती के साथ महाप्रसादी का वितरण भी समिति द्वारा किया गया । इस अवसर पर नगर सहित आसपास के धर्मप्रेमी जनता उपस्थित थी ।

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