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पीएचई विभाग कि लापरवाही व ठेकेदार की मिली भगत के चलते लाखों रूपयेंं की प्रस्तावीत परियोंजना रह गई धरी की धरी…

नरेन्द्र पवांर, दसई। जैसे जैसे शीतकालीन समय गुजरता जा रहा है वैसे-वैसे स्थानीय लोगो को पेयजल का संकट दिखाई देने लगा है। बरसो की मांग के बाद यहां पेयजल हेतु बामनखेडी नाले पर एक डेम बना था जिससे नगर मे पेयजल सप्लाई के लिये ग्राम पंचायत की मांग तथा तत्कालीन विधायक मुकाम सिंह निगवाल की अनुशंसा पर वर्ष 2007 -08 मे पेय जल सप्लाई परियोजना केन्द्र एवं राज्य सरकार की संयुक्त निधि से 98.07 लाख की लागत की स्वीकृत हुई थी। इस परियोजना को 2009 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित था। लेकिन इसे लोक स्वस्थ्य यांत्रिकी विभाग की लापरवाही तथा ठेकेदार की मिली भगत के चलते यह परियोजना अभी तक पूर्ण नहीं हो सकी है। उक्त जानकारी सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी से उजागर हुई है। विभाग के अधिकारी से बात करने पर पता चला की ढाक के तीन पात है।
ये कार्य होना थे इस योजना मे :- योजना मंडल द्वारा अनुमोदित आवर्धन नल-जल प्रदाय योजना के तहत जल शुध्दिकरण संयत्र का निर्माण करना, 175000 लीटर क्षमता की टंकी का निर्माण करना, बामनखेडी तालाब से हायर सेंकडरी परिसर मे निर्माणाधीन टंकी तक तथा टंकी से लेकर पूरे नगर  मे पेयजल वितरण की पाईप लाईन को बिछाना , वाटर पंप की स्थापना, विद्युत कनेक्षन तथा रेम्प निर्माण सहित समस्त कार्य पूर्ण कर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को सांपना था जिसे विभाग तीन महिने तक परीक्षण के तौर पर पानी आपूर्ति कर ग्राम पंचायत को सौंपना था। ग्राम पंचायत को इसके संधारण  हेतु प्रतिमाह राशि मिलती जिससे उसका संधारण किया जाना प्रस्तावित था।    

 दो साल मे योजना पूरी होना थी :- उक्त जल प्रदाय योजना 2007 मे बनी थी जिसमे इसे 2009 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित थी। मगर इस परियोजना को पता नहीं कौनसा घुन लगा की इसे आज पूरा एक दशक बित जाने के बाद भी पूरा नहीं किया जा सका। योजना के प्रस्ताव के अनुसार वर्ष 2007-08 मे 60 लाख तथा वर्ष 2008-09 मे 38.07 लाख का व्यय किया जाकर वर्तमान मे प्रतिदिन 0.43 एमएलडी  से लगाकर 2039 तक 0.65 एमएलडी पानी आपूर्ति करने की योजना थी।  योजना मे वर्ष 2039 तक की जनसंख्या को आंकलित कर पानी आपूर्ति का ध्यान रखा गया था। जिसमे नगर मे आगामी दिनो मे बढने वाली जनसंख्यां का भी ध्यान रखा गया था।
क्या रहीं कमिया :- पानी की टंकी तो बन गई लेकिन उस पर आज तक रैलिग नहीं लग सकी। साथ ही उसका कोई उपयोग नही हो रहा है। पानी की आपूर्ति के लिये जो कुआ बनना था उसकी खुदाई भी अभी तक नहीं हो सकी है। वहीं फिल्टर प्लांट जो बनना था उसको धरातल पर देखें तो उसकी अभी तक कोई रूपरेखा नहीं बन सकी। नगर मे किसी प्रकार की कोई पाईप लाईन नहीं बिछाई गई है।
  इनका कहना है…
    पानी की टंकी तो बन चुकी है मगर सात आठ साल होने के बावजूद आज तक पानी की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। जब इसका भुमि पूजन हुआ था तब काफि आशा थी कि अब हमे पानी के लिये इधर उधर नहीं भटकना पडेगा। सारी आशा पर पानी फिर गया। क्योंकि योजना मात्र कागजी दिखावा बनकर रह गई। – राकेश प्रजापत निवासी कुमारपाट दसई

उक्त पानी की टंकी का निर्माण तो हो चुका है लेकिन आज तक इस पानी की टंकी मे पानी नहीं भरा गया। वहीं इस योजना को पंचायत के हेंड ओवर भी नहीं किया गया है। इस मामले मे पंचायत द्वारा आला अधिकारीयों को लिखित एवं मौखिक रूप से अवगत करवा दिया गया है।  – दिनेश पटेल उपसरपंच ग्राम पंचायत दसई

  विभाग द्वारा ठेकेदार को टेंडर निरस्त कर दिया गया है। शीघ्र ही नये टेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है अतिशीघ्र यह कार्य पूर्ण कर दिया जावेगा। कार्य मे हुई लापरवाही करने वाले के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही होगी। – आर एस अहिरवार, अनुविभागीय अधिकारी पीचई सरदारपुर

कुए का निर्माण पूर्ण होने पर टंकी का उपयोग चालू होगा साथ जल प्रदाय प्रारंभ किया जावेगा। कार्य योजना के मामले मे मुझे पूर्ण जानकारी नहीं है। पता लगाकर कार्य पूर्ण करवाया जावेगा। – राजीव खुराना, पीएचई धार

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