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स्वास्थ्यकर्मी ने की जिला पंचायत सदस्य से अभद्रता, जिला पंचायत सदस्य पर ही स्वास्थ्यकर्मी ने दर्ज करवा दी एफआईआर, राजनितिक दबाव के चलते पुलिस ने नही किया स्वास्थ्यकर्मी पर मामला दर्ज…

सरदारपुर। कई की तरह की बातों को लेकर सामुदायीक स्वास्थ्य कैन्द्र सरदारपुर यु तो काफी चर्चा में रहता है। मरिजों से कई बार अस्पताल के स्टाॅफ द्वारा अभ्रद व्यवहार करने की शिकायते आये दिन समाने आती रहती है। वहीं सामुदायीक स्वास्थ्य कैन्द्र सरदारपुर एक बार फीर चर्चा में आ गया है। कल रात्री में जिला पंचायत सदस्य रामकन्या दिलीप वसुनिया के साथ अस्पताल की एक स्वास्थ्यकर्मी द्वारा अभद्र व्यवहार करते हुए धक्का- मुक्की कर बाहर निकाल दिया गया। जिसके बाद स्वास्थ्यकर्मी द्वारा जिला पंचायत सदस्य पर ही थाने में मामला दर्ज करवा दिया। लेकिन जब जिला पंचायत सदस्य रामकन्या वसुनिया थाने पर पहुंची तो राजनितिक दबाव के चलते उनकी रिपोर्ट ना लिखते हुए केवल आवेदन ही ले लिया गया।

जिला पंचायत सदस्य रामकन्या दिलिप वसुनिया ने बताया की में कल रात्री में लगभग 8ः30 बजे अपनी सासुुजी रामीबाई को लेकर सामुदायीक स्वास्थ्य केन्द्र में पेट दर्द का उपचार करवाने पहुंची थी। वहा पर डाॅ. संगीता पाटीदार द्वारा प्राथमीक उपचार के लिए अस्पताल के वार्ड में बाॅटल चढ़ाने का निर्देश दिया था। अस्ताल में लगभग आधा घण्टा  प्रतिक्षा करने के बाद भी अस्पताल में पदस्थ स्वास्थ्यकर्मी मरिज के उपचार हेतु नही पहुंची तो स्वास्थ्यकर्मी की तलाश के लिए प्र्रसुती गृह वार्ड में पहुची जहां पर स्वास्थ्यकर्मी आशा भाबर द्वारा उपचार के लिए पैसे जमा कराने की बात कहते हुए कहा की ऐसे कई नेता अपने परिवार का इलाज कराने आते है। इतनी बात कहते हुए उसने मुझ पर झल्लाकर प्रसुती ग्रह में बने स्टाॅफ रूम में बाहर धक्का मुक्की की। धक्का मुक्की के पश्चात उसने अभद्र भाषा का प्रयोग किया। जब हम थाने पर पहुंचे तो पुलिस ने आशा भाबर की रिपोर्ट मेरे विरूद्ध दर्ज कर ली और मेरी रिपोर्ट दर्ज ना करते हुए केवल आवेदन लिया। जिससे यह साफ होता है की पुलिस पर राजनितिक दबाव बनाया गया है।

मामले में राजतितिक दबाव की सुबगुबाहट:- जनता जनप्रतिनिधी को अपनी समस्याओं को आगे तक पहुंचाने हेतु चुनती है। अगर जन प्रतिनिधी के साथ ही स्वास्थ्यकर्मी का ऐसा व्यवहार है तो इससे यह अंदाजा साफ लगाया जा सकता है की आम इंसान के साथ स्वास्थ्यकर्मी कैसा व्यवहार करते होंगे। वहीं जिला पंचायत सदस्य की और से पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज ना किया जाना स्पष्ट ही राजनितिक दबाव को दर्शा रहा है। रामकन्या वसुनिया किस तरह चुनाव जिती यह तो सभी को पता ही होगा शायद उसी बड़े नेता के दबाव में पुलिस ने मामला दर्ज नही किया है।
मामले में एडीशनल एसपी अजयसिंह (आईपीएस) ने चर्चा में बताया की मामले की निष्पक्ष जांच की जायेंगी। जो भी तथ्य निकलकर सामने आयेंगा हम उस पर कार्यवाही करेंगे। जिला पंचायत सदस्य के पक्ष में भी कार्यवाही की जायेंगी। 

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