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श्री मोहनखेड़ा तीर्थ में वर्षीतप आराधको का हुआ अभिनन्दन, नजर हटी दुर्घटना घटी – मुनि रजतचन्द्रविजयजी…

श्री मोहनखेड़ा तीर्थ/राजगढ़। शत्रुंजयावतार श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर युवाप्रेरक मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा. ने श्रीमती ममता सुनील मण्डलेचा परिवार द्वारा आयोजित वर्षीतप आराधकों के तप अभिनन्दन समारोह में आराधकों को प्रेरक उद्बोधन देते हुये कहा कि मुनि व साध्वीवृंद विहार यात्रा करते है और संसारी लोग वाहन यात्रा करते है और मार्ग में सभी ने देखा है कि मार्ग पर ’’नजर हटी दुर्घटना घटी’’ के बोर्ड लगे रहते है । मेने जब इस विषय पर चिन्तन किया तो उसका निष्कर्ष यह निकला कि जीवन में व्यक्ति जब अपने जीवन यापन का तरीका नहीं बदलता है पुरा जीवन लापरवाही के साथ जी लेता है तब वह अपना यह भव तो बिगाड़ता ही है पर आने वाले भवों को भी बिगाड़ लेता है जिस प्रकार ड्राईवर वाहन चलाते वक्त सड़क पर जरा सी असावधानी बरतता है तो दुर्घटना घट जाती है । उस समय सिर्फ एक भव बिगड़ता है यदि हम अपना जीवन प्रभु भक्ति में नही लगायेगे, जीवन में जप- तप, पूजा – आराधना का आचरण में नही लायेगें तब तक हमारी आत्मा कल्याण सम्भव नही है । दादा गुरुदेव की पाट परम्परा के सप्तम पटधर गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती प.पू. भावी गच्छाधिपति आचार्यदेवेश ज्योतिष सम्राट श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म.सा., मालवकेसरी मुनिराज श्री हितेशचन्द्रविजयजी म.सा., कार्यदक्ष मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री दिव्यचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री चन्द्रयशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री प्रीतियशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री वैराग्ययशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जिनचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा. एवं इस अवसर पधारे प.पू. प्रवचनकार मुनिराज श्री पुष्पेन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रुपेन्द्रविजयजी म.सा. एवं साध्वी श्री किरणप्रभाश्री जी, साध्वी श्री सद्गुणाश्री जी म.सा., साध्वी श्री संघवणश्री म.सा., साध्वी श्री बसन्तबालाश्री जी म.सा. आदि ठाणा की पावनतम निश्रा में श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढी़ ट्रस्ट, श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के तत्वाधान में वर्षीतप के 50 आराधकों के तप अभिनन्दन समारोह का आयोजन श्रीमती ममता सुनील मण्डलेचा के वर्षीतप आराधना की पूर्णाहुति के अवसर पर आयोजित किया गया था ।
कार्यक्रम में स्वागत गीत की प्रस्तुति सुरभी चण्डालिया द्वारा दी गयी, पिंकी कोचर, अभय तांतेड, खुश्बु मण्डलेचा राकेश नाहर ने भी तप एवं वर्षीतप आराधना पर अपने विचार व्यक्त किये । तप अभिनन्दन समारोह के पश्चात् श्रीमती मनोरमा देवी सरदारमलजी मण्डलेचा परिवार द्वारा स्वामीवात्सल्य का आयोजन किया गया ।

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