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कलश यात्रा के साथ हुआ महोत्सव का आगाज, मोहनखेड़ा तीर्थ पर लगा गुरू भक्तों का मेला, अ.भा. विराट कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन…

श्री मोहनखेड़ा तीर्थ/राजगढ़ । शत्रुंजयावतार श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर बुधवार को दादा गुुरुदेव की पाट परम्परा के आठवें आचार्य पद पर भावी गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म.सा. के आचार्य पद प्रदान समारोह का भव्य आगाज हुआ । सम्पूर्ण मालवांचल, मारवाड़, गुजरात, राजस्थान, दक्षिण भारत के गुरुभक्तों के आने का क्रम प्रारम्भ हो गया । अपने गुरु को नमस्कार महामंत्र के तृतीय पद ’’आचार्य पद’’ पर सुशोभित होते देखने हेतु एकत्रित हो रहे है । आचार्य पद पट्टाभिषेक समारोह में देश की जानीमानी राजनैतिक, सामाजिक, लोकप्रिय हस्तियां व मुम्बई की फिल्मी हस्तियां भी मोहनखेड़ा पहुंचेगी । ख्यात नाम कई जैन संत व महामण्डलेश्वर भी आचार्यपद के विधि- विधान के साक्षी बनेगे ।
दादा गुरुदेव की पाट परम्परा के सप्तम पटधर गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती मालवकेसरी मुनिराज श्री हितेशचन्द्रविजयजी म.सा., कार्यदक्ष मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री दिव्यचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री चन्द्रयशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री प्रीतियशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री वैराग्ययशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जिनचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा. एवं इस अवसर पधारे प.पू. प्रवचनकार मुनिराज श्री पुष्पेन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रुपेन्द्रविजयजी म.सा. एवं साध्वी श्री किरणप्रभाश्री जी, साध्वी श्री सद्गुणाश्री जी म.सा., साध्वी श्री संघवणश्री म.सा., साध्वी श्री बसन्तबालाश्री जी म.सा. आदि ठाणा की निश्रा सानिध्यता में श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढी़ ट्रस्ट, श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के तत्वाधान में आचार्य पद पट्टाभिषेक समारोह का आयोजन आज से 7 मई तक होने जा रहा है ।

बुधवार को प्रातः की वेला में जय तलेटी से सेकड़ों महिलाऐं सिर पर कलश लेकर विशाल कलश यात्रा में शामिल हुई । कलश यात्रा श्री मोहनखेड़ा तीर्थ पर पहुंची । पूजन पाण्डल में दोपहर में ज्वारारोपण, नवग्रह पाटला, दश दिग्गपाल एवं अष्टमंगल पाटला पूजन के साथ कुंभ कलश की स्थापना की गयी । उक्त पाटला पूजन का विधि विधान विधिकारक वेलजी भाई इन्दौर, आनन्दीलाल धाडीवाल मोहनखेड़ा, ललीत जैन, मुकेश जैन द्वारा पूजा विधान सम्पन्न करवाया गया । मुनिभगवन्तों ने पाटला पूजन में मंत्रोच्चार कर प्रभु प्रतिमा व दादा गुरुदेव की प्रतिमा की स्थापना पश्चात वासक्षेप किया । प्रभु एवं गुरु प्रतिमा की स्थापना व समस्त पाटला पूजनों में राजगढ़ नगर सहित पधारे हुये गुरु भक्तों श्रावक- श्राविकाओं ने बढ- चढ कर हिस्सा लिया । साथ ही भक्तामर पाठ, गुरु चालीसा का पाठ हुआ । प्रवचन के माध्यम से आचार्यपद की महिमा बतायी गयी । दोपहर विजय मुहूर्त में श्री पाश्र्वनाथ पंचकल्याणक पूजन, संध्या 6ः30 बजे राजगढ़ की महिला मण्डलों द्वारा नाट्य प्रस्तुति रात्रि 9 बजे अ.भा. विराट कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन तीर्थ परिसर में किया गया । इस कवि सम्मेलन में तारक मेहता का उल्टा चश्मा के प्रसिद्ध  शेलेष लोढ़ा मुम्बई, वीररस योगेन्द्र शर्मा, हास्यरस अजात शत्रु, हास्य पेरोडी पार्थ नवीन, हास्य कवि शांति तूफान, गीतकार डाॅ. शम्भुसिंग, गीत गजल सुश्री गोरी मिश्रा काव्य पाठ किया । कवि सम्मेलन का संचालन शशिकांत ’’शशि’’ यादव द्वारा किया गया ।

तीर्थ के मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ ने अधिक से अधिक संख्या में आचार्य पद पट्टाभिषेक समारोह कार्यक्रम में पधारने का आग्रह किया है । महोत्सव के प्रथम दिन जिन मंदिर एवं दादा गुरुदेव के समाधि मंदिर को चारों और पुष्प सज्जा से सुसज्जित किया गया । गुरु भक्तों ने लम्बी- लम्बी लाईनों में लगकर पूजा अर्चना की । सम्पूर्ण तीर्थ परिसर को पुष्प सज्जा एवं विधुत सज्जा से सजाया जा चूका है ।

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