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रवानगी के पहले एसडीएम ओहरिया ने उगले शासकिय भूमि पर प्लाट काटकर बेचने वालों के नाम, पुलिस को दिया प्रकरण दर्ज करने हेतु प्रतिवेदन, राजनितिक दबाव के चलते नही हो रहा मण्डल अध्यक्ष पर प्रकरण दर्ज…

रमेश प्रजापति, राजगढ़। नगर में बहुचर्चीत आदेश्वर मंदिर के पिछे विगत दिनों हुई राजस्व विभाग की कार्यवाही के बाद शासकीय भूमि पर अवैध रूप से प्लाट काटकर बेचने के मामले में तात्कालिन एसडीएम द्वारा जांच में दोषी पाये जाने वालो पर प्राथमीकी दर्ज करने हेतु पुलिस को प्रतिवेदन सौपा गया। जांच प्रतिवेदन देने के बाद राजनितिक माहोल काफी गरमा गया है और गरमायेंगा भी क्यों नही क्योंकि मामले में सत्तारूड़ पार्टी के विधायक वेलसिंह भूरिया के करिबी भाजपा मण्डल अध्यक्ष नविन बानिया का भी नाम सामने आया है।

आदेश्वर मंदिर के पिछे शासकिय भूमि पर प्लाट काटकर बेचने का मामला काफी दिनों से चर्चा में था एवं विभाग ने कार्यवाही करते हुए 6 मकानों को ध्वस्त किया जिसके बाद अचानक एसडीएम अभयसिंह ओहरिया का स्थानांतरण हो गया। लेकिन रिलिव होने से ठिक पहले एसडीएम ओहरिया ने पुलिस थाना राजगढ़ पर जांच प्रतिवेदन, प्रमाण सहीत सौपा गया की शासकिय भूमि सर्वे नं. 577, 78, 84 के भू-खण्ड पर भाजपा मण्डल अध्यक्ष नविन बानिया सहित कुल 10 व्यक्तीयों द्वारा विक्रय करने के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कि जाये। एसडीएम ने ओहरिया ने प्रतिवेदन के साथ वे सभी प्रमाण भी पुलिस को सौपे जिसमें कुल 10 व्यक्तीयों पर आरोप भी लगभग सिद्ध हो रहें है। लेकिन पुलिस विभाग की और से अभी तक किसी भी व्यक्ती पर एफआईआर दर्ज ना करना भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है।

अब कई तरह के सवाल खड़े करती मण्डल अध्यक्ष बानिया,एसडीएम ओहरिया एवं विधायक भूरिया की यह सेल्फी…

मण्डल अध्यक्ष सहित 2 पार्षद व 2 पार्षद पतियों के नाम भी:- नगर में शासकिय भूमि पर प्लाट काटकर काॅलोनी बनाने का यह कोई नया मामला नही है। नगर में अन्य जगह भी शासकिय भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया जा चुका है। आदेश्वर मंदिर के पिछे शासकिय भूमि पर प्लाट काटने का मामला जमकर उछला था। एसडीएम ने कार्यवाही करते हुए दोषीयों पर प्रकरण दर्ज करवाने की पुरी तैयारी कर ली थी लेकिन एन वक्त पर एसडीएम का स्थानांतरण हो जाना मामले को पुरी तरह दबाने की दिषा में था लेकिन एसडीएम ने रिलिव से पहले पुलिस को जो जांच प्रतिवेदन सौपा उसमे भाजपा मण्डल अध्यक्ष  नवीन बानिया, नगर परिषद राजगढ़ के 2 पार्षद एवं 2 पार्षद पतियों के भी नाम है। चुंकी सभी सत्ताधारी पार्टी भाजपा के नेता होने के कारण शायद मामले में पुरि तरह राजनिति हांवी होकर मामला दर्ज नही होने दिया जा रहा है। ज्ञात रहें की पुर्व में भी मण्डल अध्यक्ष बानिया पर धोखाधड़ी के कई आरोप लग चुके है। लेकिन उन पर भी कोई कार्यवाही नही हुई है।


कांग्रेस क्यों खामोश:- आदेश्वर मंदिर के पिछ जिन लोगो को प्लाट बेचे गये उन्होने अपने मकान बना लिये लेकिन कार्यवाही में उनके मकान ध्वस्त कर दिये गये। जिसके बाद उन लोगो को न्याय मिलना अभी कौसो दुर दिख रहा है क्योंकी मामला राजनिति के चलते दबाये जाने के पुरे – पुरे प्रयास किये जा रहें है। वहीं मामले में भाजपा नेताओं के नाम आने के बाद कांग्रेस पुरी तरह खामोश दिखाई दे रही है। गबिरों के हक के लिये लड़ने वाली कांग्रेस को अब आगे आना चाहिए।

बानिया लगे ओहरिया पर आरोप लगाने की तैयारी में:- पुरे मामले में जब मण्डल अध्यक्ष नविन बानिया का पक्ष जानने हेतु उनसे मोबाईल पर सम्पर्क किया तों वे धार होने का कहते हुए प्रेसवार्ता का हवाला दिया। बानिया ने कहा की में प्रेसवार्ता कर अपने उपर लगे सारे इल्जामों पर सफाई दुंगा। सुत्रों की माने तों नविन बानिया प्रेस वार्ता कर एसडीएम अभयसिंह ओहरिया पर आरोप लगाने की तैयारी कर रहें है।

पुलिस दर्ज करें एफआईआर:- मामले में तात्कालिन एसडीएम अभयसिंह ओहरिया से चर्चा की गई तो उनका कहना था की मेंने पुरे मामले की जांच कर मय तथ्यों के थाना राजगढ़ पर पुलिस को प्रतिवेदन दिया है। पुलिस ने अभी तक एफआईआर दर्ज क्यों नही की यह पता नही लेकिन पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी चाहिए।

दर्ज होगा प्रकरण:- पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज नही करने की बात पर जिला पुलिस अधिक्षक बिरेन्द्रसिंह से चर्चा की गई तो उनका कहना था की में बाहर हुं, पुरे मामले को दिखवाता हुं। प्रकरण तो दर्ज होगा।

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