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पुर्व विधायक के साथ पुलिस थाना पहुँचे सैकड़ो ग्रामीण, आवेदन देकर प्रकरण खत्म करने की रखी मांग, सीरवी समाज ने भी सौपा ज्ञापन, मामला गांव गुमानपुरा का…

सरदारपुर। ग्राम गुमानपुरा में ठाकुर समाज के विजयसिंह राठौर की मृत्यू होने के बाद आज गुमानपुरा के सैकड़ो ग्रामीण पुर्व विधायक प्रताप ग्रेवाल के साथ थाना सरदारपुर पहुँचे एवं टीआई कैलाश बारिया को आवेदन देकर बलात्कार का प्रकरण दर्ज करवाने वाली महिला एवं उसके पति के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर प्रकरण समाप्त करने की मांग रखी गई। आवेदन के पुर्व सरदारपुर में ग्रामीणों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर मौन झुलुस निकाला। वही मामले में सीरवी समाज द्वारा भी ज्ञापन सौपा गया।

ग्रामीणों द्वारा दिए  गए आवेदन   में बताया की धर्मेन्द्र पिता स्वं. विजयसिंह राठौर मेरे पिताजी का दिनांक 22 दिसम्बर 2016 को सरदारपुर थाने पर मालती पति संजय द्वारा असत्य प्रकरण दर्ज करवाने से मेरे पिता को मानसिक तनाव उतपन्न हुआ जिससे मेरे पिता की मृत्यु 11 मई को हो गई। जबकि उसके पुर्व में जमीन हड़पने के लिये इन्हें असत्य रूप से बलात्कार के प्रकरण में फ़साने की धमकियां दी थी जिसके बारे में  प्रार्थीगण स्वं. विजयसिंह राठौर, कृष्णपालसिंह, रमेश पिता बाबुलाल, मन्नालाल पिता श्यामाजी, शंकरलाल पिता श्यामा जी  गुमानपुरा, पूनमसिंह राजपूत द्वारा पुलिस अधिक्षक कार्यालय धार में दिनांक 19 नवम्बर 2016 को आवेदन दिया गया था। उसके बाद असत्य रिपोर्ट धारा 376 की 22 दिसम्बर 2016 को सरदारपुर थाने में दर्ज कराई गई। त्वरीत जांच के लिये 23 जनवरी 2017 को पुनः पुलिस अधिक्षक को आरोपीगणों के किये गये अनुबंध पत्र के साथ में आवेदन पत्र दिया था कि मालती पति संजय निवासी तिरला उन्हें असत्य रूप से बलात्कार के प्रकरण में फसाना चाहती है। अतः प्रार्थीगणों के विरूद्ध बिना जांच किये बलात्कार का प्रकरण दर्ज नही किया जा। लेकिन थाना सरदारपुर द्वारा प्रार्थीगणों द्वारा पुलिस अधिक्षक के दिए गए आवेदन की अनदेखी कर महिला की रिपोर्ट के अधारा पर प्रार्थीगणों के विरूद्ध झुठा प्रकरण दर्ज कर प्रार्थीगणों को गिरफ्तार करने के लिये परेशान करने लगे जिसमें 3 लोगो को पुलिस द्वारा असत्य प्रकरण में जेल भेज दिया गया। स्वं. विजयसिंह राठौर कांग्रेस के एक कद्दावर नेता होकर समाज व क्षैत्र में उनकी इज्जत थी पुलिस द्वारा बिना कोई ठोस साक्ष्य के स्वं. विजयसिंह के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया उससे आहत होकर स्वं. विजयसिंह को इतना अधिक मानसिक तनाव पैदा हुआ जिसके कारण दिनांक 11 मई 2017 को हृदयघात हो जाने से निधन हो गया। पुलिस अधिक्षक को दिनांक 19 नवम्बर 2016 व 23 जनवरी 2017 को दिये गये आवेदन कि यदि जांच पूर्ण होने के पश्चात सत्य या असत्य निराकरण होता तो स्वं. विजयसिंह की मृत्यु हृदयघात से नही होती।  ऐसे में स्वं. विजयसिंह की मृत्यु आवेदन की जांचकर्ता द्वारा बरती गई लापरवाही का परिणाम है।

आवेदन में मांग की गई है की प्रकरण की निष्पक्ष जाँच की जाए ताकि मरणोपरांत भी मेरे पिता को खोया हुआ सम्मान पुनः प्राप्त हो सके तथा परिवार की मान प्रतिष्ठा को जो क्षति पहुँची है उसकी कुछ हद तक पूर्ति हो सके। असत्य रिपोर्ट लिखवाने वाली मालती एवं उसके पति संजय के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करें ताकि समाज में पुलिस प्रशासन की साफ स्वच्छ छवि होने का सन्देश का जा सके एवं शेष 1 गिरफ्तार व्यक्ति शंकरलाल जमादारी, जमानत पर छूटे हुए रमेश चौधरी, मन्नालाल जमादारी एवं प्रकरण में बाहर कृष्णपलसिह, पूनमसिंह राजपूत के विरुद्ध असत्य प्रकरण को खत्म किया जाए। वही सीरवी समाज द्वारा भी ज्ञापन देकर उक्त मांग रखी गई है। ग्रामीणों ने जाँच नही होने पर उग्र आंदोलन की मांग की है।
इस दौरन पुर्व विधायक प्रताप ग्रेवाल, पुष्पेन्द्र बना, दिलीप वसुनिया, ऋषिराजसिंह ठाकुर, कमलसिंह राठौर,  हेमाजी मोलवा, प्रकाश वर्फा, मांगीलाल जमादारी आदि बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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