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”परिंदो मे कभी फिरका परस्ती की जंग नही होती..कभी मंदिर पर जा बैठे तो कभी मस्जिद पर..”, सरकारी चादर पेश करने के साथ कालेशाह दाता के उर्स का हुआ आगाज…

सरदारपुर। लेकर दिवाने चले चादर मेरे सरकार की …..कालेशाह वली सरकार तेरे दिवाने आये …..जैसे कलामो के साथ हिन्दु-मुस्लिम कौमी एकता के प्रतिक हजरत कालेशाह दाता रहमतुल्लाह अलैह का 80 वाॅ ऐलाने उर्स का आगाज हुआ। शाम को मग्रिब की नमाज के बाद पंरपंरागत रूप  से मरहुम कल्लु चाचा के निवास से सरकारी चादर जुलुस के साथ निकली। नगर के प्रमुख मार्गो से होता हुआ जुलुस ईशा की नमाज के बाद आस्ताने आलिया पर पहुॅचा जहा पर सदर मनीष श्रीवास्तव की अगुवाई मे उर्स कमेटी के सदस्य एंव जायरीनो के द्वारा आस्ताने आलीया पर सरकारी चादर पेश कर उर्स का आगाज किया। गुल पोशी कर वतन मे अमन एंव खुशहाली के लिये दुआ भी गई।

उर्स के पहले दिन बडी संख्या मे जायरीन मजार पर जियारत करने आये। मन्नतधारीयो ने अपनी मन्नते भी पुरी की। रात्रि 10 बजे करीब महफिले सिमाअ के साथ कव्वाली का आगाज हुआ।  शाहीद नियाजी रामपुर एंव आफताब कादरी कव्वाल पार्टि इंदौर द्वारा एक से बढकर एक कव्वाली पेश की गई।  साहिब नियाजी रामपुर के द्वारा मेरी बातो मे सच्चाई है,झुठा नही मेरा उद्देश्य मेरा भारत जैसा कोई देश नही……..। हिन्दु-मुस्लिम  एक थाली मे खाये ऐसा हिन्दुस्तान बना दे अल्लाह जैसे कलामो पर दाद बटोरी। काबे मे तेरा जलवा,काशी मे तेरा नजारा है……….यह घर भी हमारा है वह घर भी हमारा है। गीता मे तेरा नाम.कुरआन मे तेरा नाम जैसी कौमी एकता के कलाम भी पेश किये।  परिंदो मे कभी फिरका परस्ती की जंग नही होती.कभी मंदिर पर जा बैठे तो कभी मंदिर पर जा बैठे कलाम के साथ हिन्दु-मुस्लिम एकता पर आधारित कव्वाली को सभी ने सराहा। आज शाम को राम रहीम एकता कमेटी के द्वारा जुलुस के साथ आस्ताने आलीया पर चादर पेश की जायेगी।

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