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गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के अगामी चातुर्मास हेतु श्रीसंघो ने की विनंती, वर्ष 2017 के चातुर्मास की आचार्य श्री ने की घोषणा…

श्री मोहनखेड़ा तीर्थ /राजगढ़। दादा गुरुदेव की पाट परम्परा के अष्ठम पटधर गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. एवं मुनिमण्डल का अगामी चातुर्मास राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र की सीमा- जिला झाबुआ शहर में होने जा रहा है । आचार्यश्री के अगामी चातुर्मास हेतु राजगढ़, मंदसौर, दसई, रतलाम, टाण्डा, जावरा, बांसवाड़ा, उज्जैन, आहोर, प्रतापगढ़ श्रीसंघ द्वारा विनंती की गई परन्तु आचार्यश्री ने गहन चिन्तन के बाद घोषणा करते हुये कहा कि स्वास्थ्य की अनुकुलता नहीं होने के बाद भी चातुर्मास तो कही ना कही करना ही है । अतः वर्ष 2017 का अगामी चातुर्मास झाबुआ शहर श्रीसंघ को दिया जाता है । झाबुआ शहर की और से श्रीसंघ अध्यक्ष धर्मचंद मेहता, सचिव यशवंत भण्डारी, मनोहर मोदी, संजय कांठी, एडवोकेट निर्मल मेहता आदि ने पूरजोर विनंती करते हुये आखिरकार झाबुआ श्रीसंघ में आचार्यश्री को चातुर्मास की आज्ञा प्रदान करने के लिये राजी कर ही लिया।

उक्त चातुर्मास से झाबुआ शहर एवं अंचल में हर्षोल्लास का वातावरण हो गया है। स्मरण रहे आचार्यश्री का इससे पूर्व 2004 में भी झाबुआ शहर में यशस्वी चातुर्मास हुआ था । 2004 चातुर्मास में आचार्यश्री के अथक प्रयासों से महावीर बाग का उद्धार हुआ था । इस चातुर्मास से झाबुआ वासीयों के मन में काफी आस्था एवं अपेक्षायें लगी हुई है । आचार्यश्री के चातुर्मास को लेकर झाबुआ नगर में तैयारियां जोरों पर शुरु हो गयी है । आचार्यश्री ने बताया कि उनका चातुर्मासिक प्रवेश 2 जुलाई रविवार को होगा ।

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