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गुस्ताखी माफ हो… समझने की बात हो… पार्टी के लिए समर्पीत रहने वाले जिला पंचायत सदस्य कमल मामा के साथ लगता है मजाक हो गया…

रिन की सफेदी से ज्यादा सफेद है एरियल कमल मामा की सफेदी…


रमेश प्रजापति,राजगढ़। लम्बे समय के बाद प्रदेश के 14 जिलों में एक साथ भारतीय जनता यूवा मोर्चा के जिला अध्यक्षों की घोषणा हुई। जिसमें धार जिले में भी भाजयूमों जिलाध्यक्ष की घोषणा हुई। साथ ही जिले में दो महामंत्रीयों की भी घोषणा कर दी गई। इस बार यूवा मोर्चा में हुई जिलाध्यक्षों की घोषणा तो मेंरी नजर में भाजपा में जारी किसी पठ्ठावाद से कम नही है। खेर जो भी यह पार्टी की बात है। यूवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा होने के बाद यह लग रहा था की जिले में यूवा मोर्चा के लिए हमेशा खड़े रहने वाले जिला पंचायत सदस्य कमल यादव को प्रदेश की कार्यकारिणी में जगह मिलेगी। कमल यादव एक उर्जावान यूवा नेता है जो मध्यप्रदेश से बाहर भी अपने व्यक्तीत्व के लिए अच्छी तरह पहचानें जाते है। कमल यादव सरदारपुर तहसील के अमझेरा के निवासी है। राजगढ़ में कमल यादव की पहचान एक समय में मारूती जीम वाले कमल मामा के रूप में होती थी और आज भी यहां के कई यूवा कमल यादव को कमल मामा ही कहतें है। बताया जा रहा था की कमल मामा को भाजयूमों का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है अगर नही बने तो कमल मामा भाजयूमों के जिलाध्यक्ष बनेंगे। लम्बे समय तक इंतजार करने के बाद प्रदेश की कार्यकारिणी की घोषणा हुई जिसमें कमल मामा को कोई पद नही दिया गया। कमल मामा से जूड़ा यूवा मोर्चा का हर कार्यकर्ता एवं कई आमजन यही सोच रहें थे की कमल मामा को प्रदेश कार्यकारिणी में जगह ना मिली तो अब संभवतः ही कमल मामा यूवा मोर्चा के धार जिलाध्यक्ष बनेंगे। काफी इंतजार करने के बाद भाजयूमों ने जिला अध्यक्षों की घोषणा की जिसमें सन्नी रिन को रिपीट करते हुए भाजयूमों का जिलाध्यक्ष बनाया साथ ही जिले में दो महामंत्रीयों की घोषणा भी हुई। जिलाध्यक्षों की घोषणा के बाद कमल मामा को जिला अध्यक्ष ना बनाना ऐसा लगता है जैसे कमल मामा के साथ संगठन ने मजाक कर लिया है। जिस तरह रोते हुए बच्चें के हाथ में टाॅफी पकड़ा दी जाती है वैसे कमल मामा को समझाने के लिए प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बना दिया गया। ऐसा लगता है कि प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बना कर कमल मामा को लुप लाईन में डाल दिया है। पार्टी के लिए समर्पीत रहने वाले कमल मामा को भी यह विश्वास नही था की उनके साथ संगठन ऐंसा करेगा। संगठन ने कमल मामा को जहां भी जो दी जिम्मेदारी दी मामा ने वहां जी जान से मेहनत करते हुए अपने जिम्मेदारी पर खरा उतरे। यहां तक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर को जीत दिलाने में कमल मामा की हरियाणा में की गई मेहनत को कोई भी भुल नही पाया होगा। उर्जावान होने के साथ ही हर वक्त पार्टी के लिए समर्पीत रहने वाले कमल मामा के साथ जिले में युवाओं एक बड़ी लाॅबी उनके साथ है। रिन की सफाई चाहे कितनी भी हो पर एरियल के आगे फिकी दिखाई देती है क्योंकी कमल मामा के साथ युवाओं बड़ी लाॅबी है। सन्नी रिन भले ही जिले में बैठे हो लेकिन रिन से ज्यादा कमल मामा से युवा सिधे जुड़े हुए है। पार्टी के लिए हर समय समर्पीत रहने वाले कमल मामा के साथ संगठन ने जो किया है वह किसी मजाक से कम नही है। यह केवल मे ही नही कह रहा हुं बल्की यह हर वों कार्यकर्ता कह  रहा है जिसे कमल मामा ने यूवा मोर्चा से जोड़ा है। बात कड़वी है लेकिन जी हां जिसे प्रदेश कार्यकारिणी में पदाधिकारी रहना था उसे संगठन ने मात्र एक सदस्य बना कर रख दिया है। मेरी खबर पढ़ने वाला यूवा मोर्चा का हर कार्यकर्ता एक बार नही दस बार सोंचेगा की कमल मामा के साथ ऐंसा क्यूं हुआ और कमल मामा भी यह सोंच रहें होंगे। चलो जो भी हों लेकिन सच लिख दिया है गुस्ताखी माफ हों…..

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