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कावड़ीयो ने रचा इतिहास, मानव श्रृंखला द्वारा गौमाता की विहंगम आकृति बनाकर गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज़ किया नाम…

धार। सावन आते ही शिव भक्त कावड़िया हर जगह दिखाई देने लगते है, लेकिन इस बार धार के मांडू में कावड़ियों ने कावड़ यात्रा शुरू होने से पहले मानव श्रृंखला द्वारा गौ माता की विहंगम आकृति बनाकर कर इतिहास रच दिया।.गाय की विशाल आकृति के चलते आयोजन गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो गया इस बात की घोषणा संस्था के अधिकारी द्वारा आयोजको को प्रमाण पत्र देते हुए की गई इसके बाद प्रतिवर्ष अनुसार विशाल यात्रा प्रारम्भ हुई जिसमे हजारो कावड़ियों ने हिस्सा लिया।

हर साल सावन के पहले सोमवार शिव पर जल चढाने के लिए मांडू से बोकनेश्वर महादेव तक निकलने वाली शिवभक्त कावड़ियों की यात्रा इस बार ख़ास आकर्षण का केंद्र रही। मांडू के काकड़ा खो में कावड़ियो ने विशाल श्रृंखला बनाकर गाय की विशाल आकृति । बनाई इस विहंगम आकृति के चलते इसे गोल्डन बुक ऑफ world रिकार्ड में दर्ज किया गया है। ड्रोन केमरे से ली गई इस आकृति को देख कर आप समझ सकते हे कितनी बड़ी संख्या में इस आयोजन में कावड़िये इसमें शामिल हुए। लाल कुर्सियों पर बैठ और खड़े भगवा कपड़ो में गाय पूरी तरह से भगवा नजर आ रही है। इसके पहले यह रिकार्ड गुजरात के नाम था जहाँ 1500 लोग शामिल थे लेकिन 3 हज़ार से ज्यादा कावड़ियो ने नया रिकार्ड रच दिया। .इस आयोजन में 200 से ज्यादा गाँव के लोग शामिल हुए। .सांस्कृतिक जागरण मंच के द्वारा प्रतिवर्ष कावड़ यात्रा का 3 दिवसीय आयोजन किया जाता है आयोजक निलेश भारती का कहना है गाय मात्र एक प्राणी नही हमारी माँ है हमारे आस्था का केंद्र है इसलिए गाय को वर्ल्ड रिकार्ड के लिए चुना गया। मौके पर पहुचे गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड के एशिया के को-आर्डीनेटर मनीष विश्नोई ने आयोजन की तारीफ़ करते हुए संस्था की तरफ से आयोजको को प्रमाण पत्र देकर बेच लगाया गया। उक्त जानकारी पंडित देवेन्द्र सिंह कुशवाह द्वारा दी गई। 

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