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खईडिया नदी की समस्या हुई हल तो डोजाखाली बनी विद्यार्थीयो एंव ग्रामीणो के लिये मुसीबत, पढाई के लिये पालक बच्चो को पीठ पर लादकर नदी करवाते है पार…

सरदारपुर। सरकार भले ही प्रधानमंत्री सडको से सुदुर अंचल के क्षैत्रो को पक्की सडको से जोडना चाहती हो लेकीन सरकार की योजनाओ पर पानी फेरने के कार्य मे अफसर कोई कसर नही छोडना चाहते। जनप्रतिनिधी जिले  से लेकर राजधानी तक जनता की समस्या को उठाकर उनका समाधान करने के लिये एडी चोटी का जोर लगा रहे हो लेकीन अफसर है की नियमो का हवाला देकर उनके प्रस्तावो को खारिज कर रहे है।
सात वर्ष पुर्व जब खईडिया नदी की समस्या को मिडीया द्वारा प्रमुखता के साथ उठाकर ग्रामीणो को खतरो से सफर से मुक्ति दिलवाने के लिये नदी पर दो करोड का पुल मंजुर करवाया था। जिस प्रकार मिडीया ने यह मामला उठाया था उसके बाद लगने लगा था की तेहसील क्षैत्र के कई ग्रामीण अंचलो मे व्याप्त इस प्रकार की समस्याओ को सरकार प्रमुखता के साथ हल कर देगी। लेकीन ऐसा कुुछ भी  नही हुआ। आज भी ग्रामीण अंचलो मे खईडिया नदी जैसी समस्या कई क्षैत्रो मे व्याप्त है। राजौद क्षैत्र से लगा हुआ कचनारिया ग्राम यहा पर मावि मे अध्ययन के लिये तीन राजस्व ग्राम के रसानिया, गुलरीपाडा, राजघाटा के विद्यार्थीयो के साथ सैकडो ग्राम के ग्रामीण प्रतिदिन नदी पार कर जोखिम भरा सफर तय करने को मजबुर हैै। गुलरीपाडा,राजघाटा और रसानिया मे प्रावि तक स्कुल है। मावि की पढाई के लिये विद्यार्थीयो को कचनारिया आना पडता है लेकीन रास्ते मे पढने वाली डोजाखाली को पार करना इन लोगो के लिये खतरो से  कम नही है। वही इन ग्रामा के ग्रामीणो को स्वास्थ एंव अन्य सुविधाओ के लिये राजौद आना पडता है। यहा पर भी पहुॅचने के लिये डोजाखाली का कठिन सफर पार करना पडता है। अभी कम बारिश मे तो नदी मे तीन फिट पानी है। तेज बारिश मे तो आवागमन पुरी तरह से बंद हो जाता है। पालक पीठ पर लादकर अपने बच्चो को नदी पार करवाते है तो कोई बच्चा तैरकर नदी पार करता है। लेकीन जवाबदार है की सुनने को तैयार नही।
 रसानिया से कचनारिया तक करीब 4 किमी लंबी सडक व डोजाखाली पर पुल के लिये क्षैत्रिय जिला पंचायत सदस्य श्रीमति रामकन्या- दिलीप वसुनिया ने पिछले वर्ष 8 दिसबंर 2016 को भोपाल मे प्रमुख सचिव मप्र शासन पंचायत एंव ग्रामीण विकास विभाग भोपाल को सौपा था। लेकीन प्रस्ताव यह कहते हुये खारिज कर दिया की जनसंख्या के आकडो के द्वारा पर यहा पर सडक नही बनाई जा सकती। श्रीमति वसुनिया ने बताया की विभाग ने 2001 की जनसंख्या को आधार बनाकर प्रस्ताव खारिज किया है। जबकी वर्तमान मे या 2011 की जनसंख्या को आधार माना जाये तो प्रधानमंत्री सडक से इन ग्रामो को जोडा जा सकता है। ऐसे 10 अन्य सडको के भी प्रस्ताव इसी आधार पर खारिज कर दिये गये। श्रीमति वसुनिया ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग की की 2001 की जनसंख्या के आधार एंव निर्धारित मापदंड को संशोधित कर वर्तमान या 2011 की जनगणना के आधार पर प्रधानमंत्री सडको की स्वीकृति प्र्रदान की जाये।

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