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राजगढ़ – चातुर्मास आराधना, जिवन में तपस्या का बहुत महत्व है – पूज्या श्री मधुबालाजी…

राजगढ़। आचार्य प्रवर पुज्य गुरूदेव श्री उमेषमुनि जी म.सा. के सुशिष्य प्रवर्तक पुज्य श्री जिनेन्द्रमुनि जी म.सा. के आज्ञानुवर्ती पुज्या श्री मधुबाला जी म.सा. आदी ठाणा -7 का महावीर स्थानक भवन में चातुर्मास आराधना चल रही है। आज पुज्या श्री मधुबाला जी म.सा. ने धर्मसभा में बताया कि संसार के सारे सुख अगर नही मिले और पति का सुख मिला तो वह स्त्री अपने आप को सुखी मानती है। संसार का सुख मिले और पति का सुख नही मिला वह अपने आप में दुःख का अनुभव करती है। जिवन में तपस्या करना चाहिए तपस्या का बहुत महत्व है। पूज्या श्री सुनीता जी म.सा. ने बताया की कभी किसी बोलचाल बंद नही करना। संघ, परिवार, मित्र आदी संसार में कोई भी कैसा भी हो। मगर व्यक्ती को बोलचाल कभी बंद नही करना चाहिए। अगर आप ने बोलना बंद किया तो आपके सारे रास्ते बंद हो जायेंगे। जिवन में कभी भी किसी के प्रति गाठ नही बांधना सभी से बोलते रहना चाहिए।



स्थानक भवन में हितेश वागरेचा ने बताया की पुज्या श्री मलयाश्री जी म.सा. के 41 उपवास का आज पारणा हुआ। वही श्रीमती श्वेता मेहता के 25, श्रीमती भारती खाबिया के 14, श्रीमती समीक्षा लुणावत के 12 उपवास हुए है एवं आगे के भाव है। श्रीमती जय श्री वागरेचा के आज 9 उपवास पूर्ण हुए। तपस्या की बोली में तपस्या इनका बहुमान श्री मति मिनु नेखेत्रा ने 11 उपवास से किया। तपस्या में परदेशी राज का तप में श्रीमती चेतना वागरेचा, मेरूतप में श्रीमति मंजु बाफना, श्रीमति मधु खाबिया साथ ही तेले कि लड़ी, एकासण कि लड़ी, उपवास कि लड़ी, सिद्ध भक्ती तप, धर्मचक्र आदी तपस्या चल रही है। वहीं 1 से 5 अगस्त तक धार्मीक शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें अधिक संख्या में इसका श्राविकाए लाभ ले रही है। आज दर्शन के लिए इंदौर, धार, लिमड़ी, जाम नगर आदी जगह से श्रद्धालु पधारें थे।

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