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सरदारपुर – खईड़िया नदी पर पुल निर्माण में अपनी भूमिका निभाने वाली छात्रा ज्योति को कल कलेक्टर करेंगे सम्मानित, दो वर्ष तक उफनती लहरों को पार कर पढ़ाई करने स्कुल जाने वाली साहसी बालिका है ज्योति…

सरदारपुर। सरकार और व्यवस्था को दो वर्ष तक चुनौती देकर खईडिया नदी की उफनती लहरो को पार कर पढाई के लिये स्कुल जाने वाली साहसी बालिका ज्योति को कल जिला मुख्यालय पर स्वतंत्रता दिवस समारोह मे कलेक्टर श्रीमन शुक्ला सम्मानित करेगे। वैसे तो खईडिया नदी के पुल निर्माण मे मिडीया की अहम भुमिका थी लेंकीन जिस प्रकार शासन और व्यवस्था को इस बालिका ने चुनौती दी वह काबिले तारीफ है। 

वर्ष 2014 मे माही विभाग के द्वारा दी गई सुरक्षित नांव डुबने के बाद छात्रो की सुरक्षा को लेकर मिडीया द्वारा प्रमुखता से पुल बनवाने के लिये खबरे प्रकाशित कर जुगाड की नाव पर सुरक्षा का मुद्दा उठाया था तब नदी के किनारे पंचरूडी ग्राम मे संचालित हो रहे मावि के छात्रावास मे बच्चो को भर्ती कर बालिकाओ को देदला मावि मे जाने के लिये कह कर दाखिला थमा दिया था। 
बीड बस्ती की रहने वाली बालिका ज्योति ने देदला स्कुल मे दाखिला तो ले लिया था लेकीन सडक मार्ग से 15 किमी प्रतिदिन पैदल सफर करने के बजाये इस बालिका ने खईडिया नदी की उफनती लहरो को पार कर तीन किमी की दुरी तय कर स्कुल जाने तय किया। पिता किशन की मेहनत भी रंग लाई और कुछ दिन मे ही बालिका टयुब से नदी को पार करने मे निपुट हो गई। लेकीन 100 फिट गहरी और करीब 500 फिट लंबी नदी को उफनती लहरो के साथ पार करना कोई सरल काम नही है। मिडीया द्वारा ज्योति की खबर को प्रकाशित करने के बाद प्रशासन हरकत मे आया और बालिका ज्योति को छात्रावास मे भर्ती करवाने के लिये परिजनो से कहा बालिका पर दबाव भी डाला गया लेकीन इस साहसी बालिका ने सभी को ना कह दिया । पुल निर्माण के लिये साहसी बालिका ज्योति ने आखिरकर पढाई के लिये ट्यूब के सहारे खईडिया नदी को पार करना जारी रखा और इस बीच कागजो पर पुल निर्माण की कार्यवाही धिमी गति से जारी रही। इस बीच 14 अगस्त 2015 को ज्योति के ही पडोस मे रहने वाले छात्र महेन्द्र जो की राजौद छात्रावास मे अध्ययन करता है वह भी ज्योति की तरह टयुब के सहारे खईडिया नदी को पार कर रहा था लेकीन बीच नदी मे टयुब फुटने से महेन्द्र की डुबने से मौत हो गई। लेकीन बालिका ज्योति इस हादसे के बाद भी नही डरी और अगले दिन स्वतंत्रता दिवस के आयोजन मे टयुब के सहारे नदी पार कर स्कुल गई। 
खईडिया नदी पर पुल निर्माण पुर्ण हो चुका है। बालिका के प्रयासो को देखते हुये ज्योति के विद्यालय,संकुल प्राचार्य,ग्राम पंचायत और आदिवासी संगठन की और से बालिका को सम्मानित करने के प्रस्ताव बीईओ कार्यालय भेजे गये। 
खंड शिक्षा अधिकारी आनंद पाठक ने दुरभाष पर चर्चा के दौैरान बताया की बालिका को सम्मानित करने के लिये कई प्रस्ताव आये थे जिसे हमने जिले मे भेजा बालिका के साहस को देखते हुये उसे जिले मे स्वंतंत्रता दिवस के आयोजन मे सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। कल बालिका को सम्मानित किया जायेगा। बालिका को जिला मुख्यालय पर ले जाने के लिये हमने वही के शिक्षक को जिम्मेदारी सौपी है। श्री पाठक ने बालिका के साहस की प्रंशशा करते हुये उसे बधाई दी। 
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