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राजगढ़ – पर्युषण पर्व का तीसरा दिन, आत्मा को प्रसन्न करने का पर्व है पर्युषण – पुज्या श्री मधुबालाजी…

राजगढ़। आचार्य प्रवर पुज्य गुरूदेव श्री उमेशमुनिजी म.सा. के सुशिष्य प्रवर्तक पुज्य श्री जिनेन्द्र मुनिजी म.सा. कि आज्ञानुवर्ती पुज्या श्री मधुबालाजी म.सा. आदी ठाणा-7 के सानिध्य में धर्म आराधना चल रही है। पुज्या श्री मधुबालाजी ने बताया की पर्व का तीसरा दिन है। ये पर्व आत्मा को प्रसन्न करने का पर्व है। खाते तो जीवन भर मगर 8 दिन ये तपस्या कर अपना जीवन सुन्दर बनाना चाहिए। अपने आप को धनवान बनाना है तो धर्म के मार्ग में मन लगाना होगा। पुज्या श्री सुनीता जी म.सा. ने बताया की संसार से डरो मगर धर्म से नही। पर्वाधिराज पर्युषण पर्व का आज तीसरा दिन है।



ये पर्व धर्म आराधना के पर्व है। इनसे मत डरो ये आपके साथ हमेशा रहेगें। डरना है तो संसार से डरों धार्मिक स्थान पर जाने से व्यक्ती डरता है कि संत सतिया हमें दीक्षा ना करा दे। उनमें दर्शन नही करता है कभी भी डरों मत वो आपकों मोक्ष का मार्ग बतायेंगे। संत-सतिया उपवास का बोले तो ममें नही कर पाउंगा ऐसा ही होता है। आप उनमें दर्शन वंदन करों और अच्छा ज्ञान प्राप्त करो। धर्म से कभी नही डरना चाहिए। व्यक्ती अपनी पत्नी से नही डरता है। मगर धर्म से डरता जबकि उसे नही पता कि पति और पत्नी का रिश्ता तो कांच जैसा होता हैं। जो एक बार टुट जाये तो कभी नही जुड़ता है। पति को पत्नी पर, पत्नी को पति पर हमेशा विश्वास रखना चाहिए।
स्थानक समाज के हितेश वागरेचा ने बताया कि श्रीमती समीक्षा लुणावत के आज 30 उपवास हुए है एवं आगे के भाव है। साथ ही पर्युषण पर्व कि आराधना करने 24 श्रावक- श्राविकांए बहार से आये है। थांदला, दाहोद, करई, खरगोन, इंदौर, बदनावर, नागदा, बड़वाह सभी धर्म आराधना करने पर्व में आये है। आज श्रावक – श्राविकाओं को 2, 3, 4, 5, 6, 7 उपवास कि तपस्या चल रही है।

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