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राजगढ़ – भाजयुमो को भाजपा ने माना रीड की हड्डी, त्रिवेणी मुकाबला या फिर रवि त्रिवेदी होंगे रिपिट? सुमित अवस्थी और मदन चोयल का नाम भी दावेदारी में…

रमेश प्रजापति, राजगढ़। भारतीय जनता पार्टी ने भाजयुमो को पार्टी की रीड की हड्डी माना है और क्यों ना माने क्योंकि युवाओं की टीम ही प्रदेश के साथ देश में भी भाजपा को सत्ता का सुख दिलवाया है। लम्बे अर्से के बाद देश में युवाओं की सक्रियता के कारण इस देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बन पाये है। आज इन्हीं सक्रिय युवा कार्यकर्ताओं के बलबुते पर मध्यप्रदेश की सरकार नाज कर रही है। युवा मोर्चा द्वारा समय-समय पर जनता के बीच पहुॅचकर अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई है। विगत माह प्रदेश में भाजयूमों के जिलाध्यक्ष की घोषणा हुई। लेकिन उस घोषणा में पट्ठेवाद का पट्टा मिला हुआ। पार्टी अनुशासन की बात तो करती है पर कार्यकर्ताओं की दबी जुबां पट्ठेवाद पर इशारा करती है। दरअसल, यह तो पार्टी की बात है और पार्टी संगठन सबकों संभाल ही लेगा। बरहाल अब बहुत ही जल्द भाजयूमों के मण्डल अध्यक्षों की घोषणा धार जिले में होगी। ऐसे तो सनी रिन धार जिला भाजयूमों अध्यक्ष के लिए अपनी नई टीम की तैयारी में जुट गये होंगे लेकिन कार्यकारिणी भंग होने के बावजुद भी उनका मौह पद से छुट नहीं पा रहा है। यू देखा जाय तो सनी रिन की सक्रियता दबी छपी नहीं है? सरदारपुर एवं राजगढ़ मण्डल के भाजयूमों अध्यक्ष के दावेदारों के नाम भी आलाकमान की सूची में जुड़ चुके होंगे। लेकिन हम यहां केवल राजगढ़ मण्डल के अध्यक्ष पद के दावेदारों की बात कर रहें है। यहा त्रिवेणी मुकाबले का अनुमान लग रहा है।

राजगढ में भाजपा का दबदबा –
पिछले कुछ वर्षो से राजगढ़ मण्डल भाजपा का गढ़ बन गया है। ऐसे में मेहनती और जमिनी पकड़ वाला मण्डल अध्यक्ष पार्टी को मिलता है तो युवाओं की एक बड़ी लाॅबी का पार्टी को समर्थन मिल जायेगी। राजगढ़ मण्डल में भाजयूमों के अध्यक्ष पद के दो प्रबल दावेंदार माने जा रहें है और तीसरा वर्तमान भाजयूमों अध्यक्ष को रिपिट कर के किया जा सकता है। और इन सब से अलग सत्तारूड़ पार्टी के विधायक हर बाह की तरह अपनी जिद पर कोई और नया चेहरा ले आये यह तो भगवान ही जाने। सूत्रों की माने तो राजगढ़ मण्डल में भाजयूमों मण्डल अध्यक्ष के दो प्रबल दावेदार है जिनमें से एक यूवामोर्चा मण्डल महामंत्री सुमित अवस्थी और दुसरा मण्डल उपाध्यक्ष मदन चोयल का नाम आगे चल रहा है। वहीं अपने कार्यकाल में कुछ खास प्रदर्शन ना करने वाले मण्डल अध्यक्ष रवि त्रिवेदी को संगठन फिर कमान देने पर विचार कर सकता है।

पार्टी सक्रियता से काम करने वाले युवा को मिलेगा मौका ? लम्बे समय से सक्रिय है सुमित अवस्थी –
पार्टी जब कोई भी अपना बड़ा कार्यक्रम करती है तो वों उसकी कई महत्वपूर्ण जवाबदारी यूवा मोर्चा को दे देती है। वहीं पार्टी में लम्बे समय से कई कार्यक्रमों में अपना योगदान देने वाले मण्डल महामंत्री सुमित अवस्थी को संगठन मण्डल अध्यक्ष बनाने पर विचार कर सकता है। सुमित अवस्थी पार्टी के कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में अपनी सुक्रिय भूमिका निभाते आये है। पूर्व में भी मण्डल अध्यक्ष की दावेदारी में इनका ही नाम आगे था लेकिन एन वक्त पर ग्रामीण क्षेत्र से मण्डल अध्यक्ष की घोषणा की दी गई। जिसके बाद अवस्थी को महामंत्री बनाया गया और अवस्थी में ने पार्टी की सारी जिम्मेदारीयों को निर्वाहन बखुबी किया है। शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के कई कार्यकताओं से अवस्थी का सिधा संवाद रहा है। जिसके चलते अवस्थी को पार्टी इस बार राजगढ़ मण्डल की कमान सौप सकती है।

ग्रामीण क्षेत्र में मदन चोयल की जबरजस्त पकड़ –
ग्रामीण क्षेत्र में कार्यकर्ताओ से पकड़ रखने वाले रिंगनोद के मदन चोयल को अध्यक्ष बनाया जा सकता है।  इन दिनों शहरी क्षेत्रों में अपना सिक्का जमाने में काफी हद तक सफल रही है। अब भाजपा ग्रामीण क्षत्रों में अपनी पकड़ बनाने का हर संभव प्रयास कर रही है। ऐसे में हो सकता है कि इस बार फिर संगठन ग्रामीण क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को मण्डल अध्यक्ष की कमान सौंप सकती है। ग्रामीण क्षेत्र के मदन चोयल का नाम भी अध्यक्ष की दावेदारी में चल रहा है। मदल चोयल मण्डल उपाध्यक्ष के पद पर रहते हुए पार्टी द्वारा दि गई जिम्मेदारीयों को बखुबी निभाया है। मदन चोयल सिरवी समाज के महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए समाज से भी सिधे जुड़े हुए है एवं ग्रामीण क्षेत्र में कार्यकर्ताओं से भी इनका सिधा संवाद रहा है। अगर पार्टी इन्हें युवा मोर्चा की कमान देती है तो ग्रामीण क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ ही समाज के युवाओं की एक बड़ी लाॅबी चोयल के साथ पार्टी के लिए कार्य करेंगी। वहीं सुत्रों की माने तो मदन चोयल का विधायक वेलसिंह भूरिया के करिबी रहने का भी फायदा मिल सकता है और पार्टी इन्हें युवा मोर्चा की कमान सौप सकती है। हांल ही में युवा मोर्चा द्वारा निकाली गई तिरंगा यात्रा का प्रभारी रहते हुए चोयल द्वारा एक सफल तिरंगा यात्रा निकाली गई जिसमें सेकड़ो युवाओं ने सहभागीता की थी।

त्रिवेदी को फिर मिल सकता है मौका –
अध्यक्ष की कमान संभालते हुए किए गए कार्यो से त्रिवेदी को रिपिट करने पर पार्टी विचार कर सकती है। प्रदेश में जब भी विधानसभा चुनाव होते है तब पार्टी युवा मोर्चा को कई दायित्व सौप देती है और युवा मोर्चा पार्टी की अलख जागाने में कामयाब हो जाता है। वहीं मण्डल अध्यक्ष रवि त्रिवेदी को पार्टी इनके द्वारा किये गये कार्य के कारण पुनः रिपिट करने पर विचार कर सकती है। लेकिन सुत्रों की माने तो एक बात यह भी सामने आ रही है कि अपने कार्यकाल में रवि त्रिवेदी कोई खास छाप नही छोड़ पाई। कई युवा मोर्चा के कार्यकर्तओं को त्रिवेदी संतुष्ट करने में कई जगह नाकाम हुए है। लेकिन फिर भी पार्टी एवं संगठन के प्रति त्रिवेदी का समर्पण देखते हुए संगठन त्रिवेदी को एक बार फिर मौका दे सकता है। क्योंकि विधानसभा चुनाव में त्रिवेदी द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में बनाई गई पकड़ भुले नही भुली जा सकती है। इसलिए पार्टी फिर से त्रिवेदी को मौका देने पर विचार कर सकती है।

क्या किसी नई चेहरें को मिलेगा मौका ? 
भारतीय जनता पार्टी में कई बार ऐसा देखा गया है कि पार्टी सारे विवादों को भुलाकर किसी नये चेहरे को मौका दे देती है। बताया तो यह भी जाता रहा है कि सरदारपुर क्षेत्र में विधायक अगर जिद कर ले तो पार्टी संगठन को उनके आगे झुकना पड़ता है। अब युवा मोर्चा के मण्डल अध्यक्षों की नियुक्ती में भी अगर ऐसा होता है तो विधायक अपने चहते को ही मण्डल की कमान सौंपेगे। इन तीनों दावेदारों के अलावा कुछ और का भी नाम चल रहा है लेकिन पार्टी इन तिनों दावेदारों पर ही विचार कर रही है। अगर सही मायने में देखा जाये तो केवल चुनाव के समय ही युवा मोर्चा को याद किया जाता रहा है और बाद में युवा मोर्चा को भुला दिया जाता रहा है। जबकी चुनाव में सबसे ज्यादा कार्य युवा मोर्चा का कार्यकर्ता ही करता रहा है। भाजपा मण्डल अध्यक्ष की तरह युवा मोर्चा के मण्डल अध्यक्ष को भी पार्टी द्वारा हर कार्यक्रम में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

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