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दसई – शिक्षा की जमीनी हकीकत बया करता ग्राम पदमपुरा का हाई स्कूल, शिक्षकों कमी बनी खराब रिजल्ट का कारण…

नरेन्द्र पँवार, दसई। मध्य प्रदेश शासन विकास के नाम पर कितना ही ढोल पिटती रहे लेकिन विद्यालयों मे आज भी शिक्षा के नाम पर सिर्फ हवाबाजी के अतिरिक्त कुछ नहीं दिख रहा है। समीपस्थ गांव पदमपुरा मे मध्य प्रदेश शासन के आदेश से जुलाई 2013 मे हाई स्कूल खोला गया था। स्कूल के खुलते ही इस विद्यालय मे प्रवेश के लिये छात्र-छात्रओ की भीड लग गई थी। लेकिन शासन की अव्यवस्था के चलते वर्तमान मे विद्यालय से प्रतिवर्ष दाखिले लेकर कई छात्र अन्यत्र जा चुके है। विद्यालय का न तो अपना कोई भवन है ओर नहीं शिक्षक ऐसे मे शिवराज मामा के भांजे-भांजिया कैसे पढ लिखकर योग्य बनेगे ? विचारणीय प्रश्न है।

शिक्षको के सभी पद खाली- इस विद्यालय के प्राथमिक विभाग मे दर्ज 34,माध्यमिक मे 133 तथा हाई स्कूल मे 83 इस प्रकार कुल 250 छात्र-छात्रायें अध्ययन कर रहे है। लेकिन शिक्षक के नाम पर  प्रावि, मावि तथा हाई स्कूल सहित कक्षा एक से दस तक मे 250 छात्रों को मात्र तीन शिक्षक समस्त विषयों का अध्यापन कार्य करवा रहे। ऐसे मे शासन की योजनाआें की पोल खुलती दिखाई दे रही है। तीनो ही विभाग मे जो एक-एक शिक्षक कार्यरत है वे शासन की मंशानुसार दिन भर विभिन्न जानकारियां तैयार करने मे ही लगे रहते है तथा छात्र पढाई की ओपचारिकता भर पुरी कर अपने घर को चले जाते है।

छात्र विद्यालय छोडकर अन्यत्र जा रहे है- विद्यालय मे पढाने के लिये शिक्षक उपलब्ध नहीं होने से कई छात्र-छात्राऐं विद्यालय छोड कर अन्य विद्यालयों मे जा चुके है तथा कुछ छात्र अभी भी इस इंतजार मे है कि नये शिक्षक आयेंगे तो हम अपनी पढाई पूरी कर लेंगे। विगत दो तीन वर्षो से विद्यालय मे शिक्षक नहीं होने से यही हाल है क्योकि विद्यालयो मे अतिथि शिक्षकों को पर्याप्त पैसा नही मिलने पर यहां कोई अतिथि शिक्षक  पढाने आने को तैयार नहीं है। वहीं इस वर्ष तो शासन ने भी अतिथि की भर्ती पर रोक लगा रखी है।

खराब रिजल्ट के फलस्वरूप जारी हुवा कारण बताओं सूचना पत्र- शिक्षको की कमी के चलते विगत सत्र मे अध्यापन कार्य प्रभावित हुआ था। जिससे बोर्ड परीक्षा परिणाम बेहद कमजोर आया था। अधिकारियों ने प्रभारी प्राचार्य को कारण बताओं सूचना पत्र जारी कर जवाब मांग लिया है।

विद्यालय का अपना भवन ही नहीं- शासकीय हाई स्कूल पदमपुरा का उन्नयन जुलाई 2013 मे हुआ था। जिसे आज चार वर्ष से अधिक समय हो गया मगर आज तक भवन बनाने का श्रीगणेश नही हुआ परिणाम   विद्यालय की कक्षायें प्राथमिक विद्यालय के पूराने भवन के छोटे-छोटे कमरो मे लग रही है जहां एक कमरे मे एक से अधिक कक्षाओं के छात्र भेड बकरी जैसे बिठाये जाते है।

  इनका कहना है-
 विद्यालय का भवन नही है हम प्रायमरी की बिल्डिंग से काम चला रहे है। विद्यालय मे शिक्षकों के समस्त पद रिक्त होने के चलते मै अकेला जितना हो सके कार्यालयीन कार्य के अतिरिक्त पढाई कार्य भी करवा रहां हूं। जहां तक अतिथि शिक्षक का सवाल है हमने आसपास के कई गांवों मे प्रयास कियें लेकिन कम वेतन के चलते कोई भी आना नहीं चाहता है। साथ ही शासन ने अभी तक कोई आदेश नही मिले। शिक्षको की कमी को लेकर कई बार आलाअधिकारीयो को अवगत करा दिया गया है।    -शैलेन्द्र सोंलंकी प्रभारी प्राचार्य हाई स्कूल पदमपुरा

 ग्राम पंचायत पदमपुरा द्वारा कई बार अधिकारियां को लिखित एवं मौखिक रूप से अवगत करवा दिया गया है। लेकिन अभी तक शासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गईं है। शिघ्र ही विद्यालय मे अध्ययनरत छात्रों के पालको के साथ विद्यालय की समस्याओं को लेकर धार मे आदिम जाति कल्याण विभाग के कार्यालय के समक्ष धरना देकर आंदोलन किया जावेगा। यदि समस्या का समाधान नही हुआ तो एक प्रतिनिधि मण्डल प्रदेश के मुखिया श्रीशिवराजसिह चौहान से मिलेगा  – मुन्नालाल मारू उपसरपंच ग्राम पंचायत पदमपुरा

विद्यालय मे कई समस्या बनी हुई है मगर शिक्षको की कमी से बच्चो का भविष्य खराब हो रहा है। जबकि शासन शिक्षा के क्षेत्र मे बढाने के लिये कई योजना बना रही है। लेकिन शिक्षको के अभाव मे योजना सब धरातल पर ही नजर नही आ रही है। शासन को बच्चो के भविष्य को देखते हुवे अतिषिघ्र ही शिक्षको की कमी को पूरी  करना चाहिये ।    – प्रकाश पग्गी अभिभावक

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