Homeचेतक टाइम्ससाजोद - सहकारी दुग्ध समिति ने किया बोनस वितरण

साजोद – सहकारी दुग्ध समिति ने किया बोनस वितरण

साजोद।बुधवार को दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति साजोद ने वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 का कुल 1561270 रु.का लाभ समिति के सदस्यों को वितरित किया। संस्था में सर्वाधिक बोनस पाने वाले संजय मुकाती हनुमंतिया 21183₹,मांगीलाल गाजी,आत्माराम मेहता 20383₹ दोनो संयुक्त रुप से व भागीरथ सगीत्रा 12765₹ रहे।कार्यक्रम में अथितियों के रूप में राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड व इंदौर सहकारी दुग्ध संघ के पदाधिकारी डॉ.अशोक खरे क्षेत्रीय महाप्रबंधक, पूर्व क्षेत्रीय अधिकारी एन के पगारे, जीके वर्मा,एसडी शर्मा, बीके परिहार, महेंद्र रघुवंशी उपस्थित थे।अतिथियों का स्वागत समिति अध्यक्ष दयाराम सगीत्रा,मांगीलाल गाजी, आनंदीलाल पिपलिया, श्रीराम बगड आदि ने किया।।इस अवसर पर वार्षिक साधारण सभा की गई जिसमें आय व्यय का ब्यौरा दुग्ध संघ के पूर्व क्षेत्रीय पर्यवेक्षक एसडी शर्मा द्वारा सदस्यों को प्रस्तुत किया गया। वार्षिक साधारण सभा में सर्वसम्मति से सोलर सिस्टम, भवन निर्माण, उनन्त जानकारी के लिए पुस्तकालय कक्ष व आधुनिक मशीन लगाने को लेकर निर्णय लिये गए। साथ ही चल रही योजना के बारे में बताया। जिसमे राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड द्वारा चलाए जा रहे आहार संतुलन कार्यक्रम के बारे में बताया एवं प्रशिक्षित स्थानीय जानकार व्यक्ति एलआरपी  सुनील धाकड़ द्वारा सभा में उपस्थित पशुपालकों को आहार संतुलन कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी देते हुए कहा कि पशुओं को अतिरिक्त चारा न खिला कर संतुलित आहार बैलेंस करके खिलाया जाए। आहार संतुलन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों की लागत मूल्य को कम करना है। वर्तमान में पशुपालक परंपरागत तरीके से अपने पशुओं को चारा खिलाता रहा है।कार्यक्रम में चयनीत पशुओं की पूरी जानकारी लेते हुए किसानों को सॉफ्टवेयर के माध्यम से एलआरपी द्वारा बताया जाता है की पशुओ को अतिरिक्त या कम खिलाया जाए ताकि वह हरा चारा,भूसा, दाना, मिनरल मिक्सर,संतुलित हो। इसके बाद लाभांश वितरित करने आये इंदौर संघ के एन के पगारिया ने कहा कि सहकारिता से स्वयं का फायदा है। इसमें पूरी पारदर्शिता रहती है। एक झुटता कि बात कही बीएमसी  लगाने के बाद दुग्ध उत्पादन 800 लीटर से बढ़कर 2000लीटर प्रतिदिन बढ़ा। सहयोग की अपील की ताकि भविष्य में भी इसी प्रकार से संस्था को लाभ मिलता रहे। डॉ खरे ने उन्नत नस्ल के पशुओं ओर समिति को सुचारू रूप से चलाने की लिए जागरूकता जरूरी बताया एवं न्डीडीपी  से आये अथितियों ने कहा कि राष्ट्रीय डेरी बोर्ड से जो भी अनुदान या उनन्त जानकारी उपलब्ध होगी वह संघ के माध्य्म से समिति तक पहुचाते रहेगे। आभार सचिव श्री राम बग्गड़ ने माना।।
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