Homeचेतक टाइम्सपेटलावद - ब्लॉस्ट पीड़ित परिवार की महिला ने प्राचार्य पर लगाया आरोप,...

पेटलावद – ब्लॉस्ट पीड़ित परिवार की महिला ने प्राचार्य पर लगाया आरोप, प्राचार्य ने संबंध बनाने का कह कर नौकरी का समय कम करने की कहीं बात, जिला स्तरीय दल ने सुनी कई समस्याए…

गोपाल राठौड़, पेटलावद। “मुझ से सेटिंग कर लो अच्छी नौकरी पर लगा दूंगा.“ब्लास्ट पीड़ित महिला ने यह बात ब्लास्ट पीड़ितों की समस्या सुनने आए जिला स्तरीय दल के सामने रखी और रोते हुए अपनी आप बीती सुनाई. महिला ने आवेदन में स्पष्ट उल्लेख किया कि प्राचार्य ने संबंध बनाने का कह कर नौकरी का समय कम करने की बात कहीं है.
ब्लास्ट पीड़ित उक्त महिला छात्रावास में रसोईयन के पद पर पदस्थ है. सुबह 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक नौकरी का समय है. महिला का कहना है कि यदि इतने समय नौकरी करूंगी तो अपनीछोटी बच्चें और बच्चें पर ध्यान कब दूंगी. जिसके लिए मैने सुबह 10 से 5 तक की नौकरी की मांग की तो इस प्रकार अधिकारी मेरा स्वाभीमान छीन कर नौकरी करने को कहते है.
शनिवार को जिला स्तरीय अधिकारियों ने ब्लास्ट पीड़ितों की समस्या निराकरण के लिए स्थानीय विश्राम गृह पर एक शिविर का आयोजन किया. जिसमें अपर कलेक्टर एसपीसिंह और जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जमना भीडे ने पीड़ितों के आवेदन लिए.
शिविर बना औपचारिकता –
शिविर में आए पीड़ित परिजनों ने इस शिविर को मात्र औपचारिकता बताया क्योंकि केवल समस्या के आवेदन लिए जा रहे थे. पीड़ितों का कहना है कि यह तो पहले भी कई बार हो चुका है कि समस्या के आवेदन लिए गए है. इससे क्या होता है. बार बार अधिकारी आते है और आवेदन ले कर चले जाते है. पर निराकरण कुछ नहीं होता है. इस शिविर को समस्या निराकरण शिविर नाम दिया गया किंतु एक भी समस्या का निराकरण नहीं किया गया. आखिर सरकार पीड़ितों के साथ बार बार मचाक क्यों कर रही है.
युवक को चक्कर आए बेहोशहो गया –
ब्लास्ट में अपने भाई की मृत्यु के बाद दो वर्ष से युवक कमलेश बाबुलाल गुर्जर नौकरी के लिए भटक रहा है किंतु नौकरी नहीं मिल रही है. शनिवार को बीमार होने के बावजूद शिविर में आवेदन देने आया लंबा इंतजार युवक सहन नहीं कर पाया और कुर्सी पर बैठे बैठे ही चक्कर आने से जमीन पर गिर गया. आसपास खड़े लोगो ने मदद की. और डाॅक्टर चोयल को बुलवाया उन्होंने उसका प्राथमिक उपचार कर उसे कुछ देर एक कमरे में लेटाया तब कहीं जा कर स्थिति सामान्य हुई.

नौकरी की समस्याओं को लेकर कई आवेदन –
सर्वाधिक समस्या नौकरी को लेकर रही. आवेदकों ने मुख्यमंत्री के वादे के अनुसार स्थाई नौकरी की मांग की है.इसके साथ ही कई लोगों ने बैंकों से ऋण दिलवाने और मृतकों द्वारा लिए गए बैंक ऋण माफ या बीमा क्लेम दिलवाने की मांग रखी है. इसके साथ ही सेठिया रेस्टोरेंट संचालक स्व. मुकेश सेठिया की पत्नी संतोष सेठिया ने 11 लाख के मुआवजे की मांग की है उनका कहना है कि ब्लास्ट में सर्वाधिक नुकसान मेरा हुआ है किंतु प्रशासन ने आज तक सुनवाई नहीं की है.
इसके साथ ही प्रीति पटवा ने अपनी दुकान व घर के नुकसान का आवेदन दिया तो रेखा भाटोदरा ने स्थाई नौकरी के लिए आवेदन दिया, वहीं रेशमा ने अपनी नौकरी पेटलावद में ही लगवाने के लिए आवेदन दिया तो परमार परिवार ने कृषि ऋण मांफ करने के लिए आवेदन दिया. इस प्रकार पीड़ितों ने कई आवेदन दे कर एक बार पुनः प्रशासन के सामने अपनी समस्या रखी.

राजेंद्र कांसवा की संपत्ती अधिग्रहीत करने की मांग –
पीड़ितों ने आक्रोशीत स्वर में राजेंद्र कांसवा की सम्पूर्ण संपत्ती को अधिग्रहित करने की मांग एक बार पुनः उठाई जिसमें उन्होंने मांग की है कि राजेंद्र कांसवा की संपत्ती को सरकार अपने कब्जें में लेकर उससे आने वाले पैसों से पीड़ितों को  सहायता प्रदान करें.

पेट्रोलियम आर्गेनाईजेशन की रिपोर्ट दबा रहे है – 
पीड़ितों ने भोपाल के आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा मांगी गई जानकारी का हवाला देते हुए प्रशासन पर आरोप लगाया कि आरोपियों को  बचाया जा रहा है. पेट्रोलियम एक्सप्लेसिव सेप्टी आर्गेनाइजेशन भारत सरकान ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि इस ब्लास्ट के लिए जिला प्रशासन और तत्कालीन कलेक्टर और एसपी दोषी है.उनका मानना है कि यह मामला सरकारी आपराधिक लापरवाही से हुआ नरसंहार है.  जिनके खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

राजेंद्र कांसवा आज भी जिंदा है –
पीड़ित परिजन तो आज भी यह मानने को तैयार नहीं है कि राजेंद्र कांसवा मारा गया है. शनिवार के शिविर में भी पीड़ितों ने खुल्ले आम सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि झाबुआ पुलिस और प्रशासन ने भारत सरकार के पेट्रोलियम एक्सप्लेसिव सेप्टी आर्गेनाइजेशन द्वारा सागर स्थित फ़ोरेंसिक लेब की महत्वपूर्ण रिपोर्ट मांगने पर गोपनीयता का सहारा लेकर रिपोर्ट देने से मना कर दिया. इस बात को कहते हुए पीड़ित राजेंद्र कांसवा के जिंदा होने की बात कह रहे है.
इसके साथ ही अव्यवस्थाओं के कारण पीड़ितों को खड़े रह कर भी इंतजार करना पड़ा.वहीं सुनवाई के बाद अधिकांश आवेदन असंतुष्ट नजर आए.
इस मौके पर नगर परिषद द्वारा पेयजल,चाय और बिस्कीट की व्यवस्था शिविर में आए पीड़ित परिजनों के लिए की गई थी. इस मौके पर एसडीएम सीएस सोलंकी, एसडीओपी आरआर अवास्या, टीआई लोकेंद्र सिंह ठाकुर, डाॅ केडी मंडलोई, जीएस चोयल, तहसीलदार धनजी गरवाल, सीएमओ प्रियंक नवीन पड्या आदि उपस्थित थे। 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!