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11 महीने में मध्य प्रदेश में मरे 23 बाघ, MP लगातार दूसरे साल देश में पहले स्थान पर…

भोपाल। डेस्क। बाघों की मौत के मामले में मध्य प्रदेश लगातार दूसरे साल देश में पहले स्थान पर है। मध्य प्रदेश में 19 जनवरी से पांच दिसंबर तक 23 बाघों की मौत हो चुकी है, जबकि इस अवधि में महाराष्ट्र में 17 और साल 2014 में टाइगर स्टेट का दर्जा पा चुके कर्नाटक में 14 बाघ मरे हैं।  ये खुलासा राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण यानी एनटीसीए की रिपोर्ट से हुआ है. पिछले साल प्रदेश में जनवरी से दिसंबर तक 31 बाघों की मौत हुई थी. पिछले साल कर्नाटक में 15 बाघ मरे थे. मध्य प्रदेश में पिछले सात सालों में बाघों की सुरक्षा, मैनेजमेंट और टाइगर रिजर्व, अभयारण्यों से गांवों की शिफ्टिंग पर 1050 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए गए थे, लेकिन बाघों की मौत का ग्राफ कर्नाटक की तुलना में कम नहीं हो रहा है। इसके लिए वन्यप्राणी विशेषज्ञ कर्नाटक सरकार के बाघ प्रबंधन को बेहतर मानते हैं.उनका कहना है कि मप्र में मैदानी और मुख्यालय स्तर से प्रबंधन में काफी कमियां हैं. जिस कारण ज्यादा बाघों की मौत हो रही है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में केंद्र सरकार ने देशभर में बाघों की गिनती कराई थी. जिसमें देश में सबसे ज्यादा 406 बाघ कर्नाटक और 308 मध्य प्रदेश में पाए गए. हाल ही में शहडोल वन क्षेत्र की तीन घटनाएं सामने आई हैं. जिनमें दो बाघ और एक तेंदुए का शिकार महज 10 दिन के अंतराल में हुआ है।

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