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पेटलावद – क्षेत्र में कपास की हो रही भरपूर आवक किंतु किसानों का कपास नहीं पहुंच पा रहा मंडी, बाजार में ही व्यापारियों द्वारा ख़रीदा जा रहा कपास, किसान हो रहे सही मूल्य व वजन से वंचित

गोपाल राठौड़, पेटलावद। क्षेत्र में कपास की भरपूर आवक हो रही है. किंतु किसानों का कपास मंडी तक पहुंच ही नहीं पा रहा है. क्योंकि उसकी खरीदी बाजार में ही व्यापारियों द्वारा की जा रहा है. जिस कारण से किसानो को सही मूल्य व सही वजन से वंचित रहना पड़ रहा है. केवल भावांतर योजना की फसले ही मंडी तक पहुंच पा रही है. जबकि जिला प्रशासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि किसी भी परिस्थिति में मंडी चलाई जाए किंतु अधिकारियों की लापरवाही के कारण किसान मंडी तक नहीं पहुंच रहे है और व्यापारी खुले रूप से लूट कर रहे है. आखिर क्या मजबूरी है कि व्यापारियों को खरीदी के लिए मंडी में नहीं बुलाया जा रहा है. कुछ व्यापारी अपनी स्वेच्छा से मंडी में बैठ रहे है किंतु रायपुरिया क्षेत्र में खुले आम रोड पर ही कपास व अन्य फसलों की खरीदी प्रशासन के आंखों के सामने हो रही है. जिस का खामीयाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. वहीं जो व्यापारी मंडी में पहुंच रहे है वे भी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे है.क्योंकि वे तो पेटलावद के होने के कारण उन्हें मंडी में बैठना पड़ रहा है किंतु आसपास के क्षेत्रों में खुले आम खरीदी की जा रही है.

जिले की सबसे बड़ी मंडी –
पेटलावद मंडी जिले की सबसे बड़ी मंडी किंतु यहां सूचारू रूप से मंडी का संचालन नहीं होता है. कुछ दिनों तक मंडी चलती है उसके पश्चात पुनः बाजारों में खरीदी प्रारंभ हो जाती है. मंडी को सुचारू रूप से चलाने के लिए मंडी प्रशासन को सख्ती अपना होगी तथा एक भी दिन बाजार में खरीदी नहीं होने देना होगी. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रो में भी खरीद पर रोक लगना चाहिए तभी मंडी सही तरीके से चालू हो पाएगा. मंडी प्रशासन को अपना टेक्स तो बाहर खरीदी होने पर भी मिल जाता है. किंतु किसानों को उनका वास्तविक लाभ नहीं मिल पाता है. इसलिए मंडी में ही खरीदी होना आवश्यक है. जिसके चलते किसानों को भी उनका वास्तविक लाभ मिल सके.
इस संबंध में किसानों का कहना है कि यदि प्रशासन सख्त रूप अपना कर सभी की फसलें मंडी में ही लेने के लिए कटीबद्व हे तो किसानों को भी इसका पूरा लाभ मिलेगा. अन्यथा मंडी का कोई महत्व नहीं रह जाएगा.
वहीं मंडी प्रशासन दावे कर रहा है कि खरीदी मंडी में ही हो रही है. किंतु धरातल पर देखा जाए तो मंडी में खरीदी नाम मात्र की हो रही है. बाकी किसानों की कपास की फसल बाजार में ही व्यापारियों द्वारा खरीदी जा रही है. जिसका जीता जागता उदाहरण रायपुरिया में देखा जा सकता है. जहां पर खुले रूप से कपास की खरीदी की जा रही है. किंतु मंडी प्रशासन द्वारा आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
इस संबंध में मंडी सचिव मोहम्मद सलीम खान से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि हमारे द्वारा प्रयास किए जा रहे है. कि कपास की खरीदी बिक्री मंडी में ही हो. रायपुरिया में मंडी नहीं है. जिस कारण से कुछ हो सकता है. कुछ छोटे पोटले बाहर बिक रहे होंगे बाकी मंडी में ही खरीदी हो रही है. 

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