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आज से सिंगापुर, मलेशिया और इंडोनेशिया के 5 दिन के दौरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से सिंगापुर और इंडोनेशिया के 5 दिन के दौरे पर जा रहे हैं। बीच में कुछ घंटों के लिए वो मलेशिया भी जाएंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिकए प्रधानमंत्री इस दौरान सिंगापुर और इंडोनेशिया देशों के नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। ये दौरा इसलिए भी खास है  क्योंकि इस दौरे पर जो समझौते होंगे उसमें चीन और पाकिस्तान दोनों की नजर होगी। ये दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि एशिया महादेश में इस मुलाकात के बाद बहुत कुछ बदलने वाला है। पीएम सिंगापुर और इंडोनेशिया के नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और भारतीय समुदाय को संबोधित भी करेंगे। रक्षा समेत कई अहम मुद्दों पर करार हो सकते हैं।

पीएम मोदी का इंडोनेशिया का पहला और सिंगापुर का दूसरा दौरा है। मलेशिया में पीएम मोदी वहां के नये प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद को बधाई देंगे। 28 साल पहले 1991 में लुक ईस्ट पॉलिसी का ऐलान हुआ था लेकिन 2015 में एक्ट ईस्ट पॉलिसी हो गई और उसके बाद से पीएम मोदी हमेशा से इस रिश्ते को मजबूत करने में जुटे रहे। इसी कड़ी में ये दौरा अहम है। एशिया पैसेफिक में इंडोनेशिया अकेला देशा है जहां मुस्लिमों की संख्या सबसे ज्यादा है लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान से रिश्ते बेहतर नहीं है।

भारत इसलिए भी इंडोनेशिया से रिश्ता सुधारना चाहता था ताकि इंडोनेशिया के साथ जुड़कर पाकिस्तान को अलग थलग किया जा सके। इसलिए रमजान के पाक मौके पर ये दौरा और भी खास हो जाता है। इंडोनेशिया मुस्लिम बहुल देश होने के साथ साथ दक्षिण.पूर्वी एशिया में उभरती बड़ी आर्थिक शक्ति भी है। आपको बताते हैं कि आखिर रमजान के महीने में पीएम मोदी का इंडोनेशिया का ये दौरा क्यों खास है। भारत इंडोनेशिया के साथ ट्रेड.डिफेंस गलियारा बनाना चाहता है। इस रूट का मुकाबला चीन के न्यू मैरीटाइम सिल्क रूट से होगा। इससे भारत के लिए अरब सागर में निगरानी और व्यापार आसान हो जाएगा।

इंडोनेशिया से निकलने के बाद पीएम कुछ वक्त के लिए 31 मई को मलेशिया में रुकेंगे लेकिन उसके बाद सिंगापुर में ऐसे कई समझौते होंगे जिन पर चीन की कड़ी नजर होगी। पूर्वी एशिया में अगर चीन के सामने कोई चुनौती है तो वो सिंगापुर है। सिंगापुर से अच्छे संबंधों से चीन से आयात की निर्भरता कम होगी। बता दें कि एशिया में चीन के बाद सिंगापुर एक बड़ी मैन्युफेक्चरिंग पावर है।

शांगरी ला डायलॉग 2002 में शुरू हुआ था लेकिन भारत के किसी भी प्रधानमंत्री को पहली बार शांगरी ला डायलॉग में स्पीच देने का मौका मिलेगा। मतलब साफ है भारत के बढ़ते कद को दरकिनार करके पूर्व में कारोबार और सुरक्षा किसी भी देश के लिए आसान नहीं। इसलिए पीएम एक्ट ईस्ट नीति के जरिए कारोबार से लेकर सुरक्षा पर बात करने के लिए मलेशियाए सिंगापुरए इंडोनेशिया के दौरे पर आज निकलेंगे।

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