Homeचेतक टाइम्ससातवां वेतनमान चाहिए तो चिकित्सा शिक्षकों बंद करना होगी निजी प्रैक्टिस

सातवां वेतनमान चाहिए तो चिकित्सा शिक्षकों बंद करना होगी निजी प्रैक्टिस

भोपाल। सातवें वेतनमान की मांग कर रहे चिकित्सा शिक्षकों को सरकार ने दो विकल्प दिया है। पहला उन्हें निजी प्रैक्टिस बंद करना होगा। दूसरा शाम को अस्पतालों में पेड ओपीडी चलाना होगी, जिसकी आधी राशि कॉलेज में जमा करना होगी। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन व अपर मुख्य सचिव (एसीएस) चिकित्सा शिक्षा राधेश्याम जुलानिया के बीच सोमवार को हुई बैठक इन मुद्दों पर चर्चा हुई है। साथ ही समयबद्घ पदोन्नति, चिकित्सा प्रतिपूर्ति दिया जाना और टाइम स्केल (पदोन्नति नहीं होने पर भी नया वेतनमान) का लाभ दिया जाने पर सहमति बनी है। हालांकि, चिकित्सा शिक्षा विभाग के किसी अधिकारी ने संबंध में अभी कोई बयान नहीं दिया है। एसोसिएशन के सचिव डॉ. राकेश मालवीय ने कहा कि सातवां वेतनमान देने, केन्द्र के समान नॉन प्रैक्टिसिंग एलाउंस पर चर्चा नहीं हो सकी है। इसके लिए अगले हफ्ते बैठक होगी।

मेडिकल कॉलेजों के स्वशासी कर्मचारियों के प्रतिनिधियों की भी सोमवार को एसीएस के साथ बैठक हुई। प्रतिनिधियों ने बताया कि राष्ट्रीय पेंशन योजना व समयमान वेतनमान को लेकर सहमति बनी है। सातवें वेतनमान के लिए एसीएस ने वित्त विभाग के अफसरों से बात कर हल निकालने का भरोसा दिलाया है।

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