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रायपुर – मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न, ताईवान और छत्तीसगढ़ के बीच प्रौद्योगिकी विकास सहायता निधि शुरू, आई.आई.टी. भिलाई में चीनी भाषा सीखने का केंद्र प्रारंभ

रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज शाम यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में ताईवान की नेशनल-चिन-यी-यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्नोलॉजी (एन.सी.यू.टी)  और छत्तीसगढ़ सरकार की संस्था छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) के बीच प्रौद्योगिकी विकास सहायता निधि (टी.जी.जी.एस.एफ.) की शुरूआत की गई। इस निधि का उपयोग छत्तीसगढ़ में स्थापित कंपनियों को लाइसेंसिंग में सहायता करने तथा उत्पाद विकास के लिए प्रौद्योगिकियों के विकास और अधिग्रहण करने में किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार पूर्वी एशियाई देशों के साथ कार्यनीति तथा सामाजिक आर्थिक विकास संचालित साझेदारी के लिए सक्रिय रूप से एक्ट ईस्ट विजन को बढ़ावा दे रही है। एक्ट-ईस्ट प्रयास के तहत जापान, सिंगापुर, मलेशिया, ताइवान और अन्य देशों के साथ भागीदारी को दृढ़ किया जा रहा है। इसी कड़ी में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। आज ही भिलाई स्थित आई.आई.टी. भिलाई में चीनी भाषा सीखने के केंद्र भी शुरूआत हुई है। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, ताईवान से आये चिन-यी यूनिवर्सिटी  ऑफ टैक्नोलॉजी, ताईवान के अध्यक्ष श्रीवेन युआनचेन, सलाहकार सुश्री रू-यी-करेन-ऑंग, अंतर्राष्ट्रीय विनिमय विभाग के डॉ. चिन-तिंग-जिम्बो-लिउ एवं चीनी भाषा की प्रशिक्षक सुश्री सियाव-हुई-यूआन, छत्तीसगढ़ के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमन सिंह, सचिव श्री संजय शुक्ला, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री सुरेन्द्र जायसवाल, तकनीकी शिक्षा विभाग की विशेष सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी , छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के महा प्रबंधक श्री सुनील मिश्रा भी उपस्थित थे। 
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा – नये राज्य की स्थापना के बाद से ही छत्तीसगढ ने तीव्र गति से विकास किया है। छत्तीसगढ़ ने देश में सुशासित और तीव्र औद्योगिक विकास करने वाले राज्य के रूप में अपनी पहचान स्थापित की है। राज्य शासन ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग द्वारा ज्ञान युक्त समाज बनाने का कार्य प्रारंभ किया है। आई.टी.एवं आई.टी. आधारित उद्योगों की नीति एवं निवेश नीति में अनेक तरह की रियायतें प्रदान की जा रही है। इनमें स्थायी पूंजीनिवेश पर छूट, इकाई स्थापना के प्रथम वर्ष में मिलने वाली छूट, ब्याज अनुदान, भूमि में छूट, स्टैम्प ड्यूटी में छूट, प्रवेश शुल्क में छूट आदि अनेक तरह का प्रोत्साहन राज्य शासन द्वारा किया जा रहा है। इन प्रोत्साहनों को मूर्त रूप देने के लिए शासन द्वारा एकल खिड़की प्रणाली अपनायी गयी है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ देश में तेजी से उभरता हुआ राज्य है। उनके नेतृत्व में विगत 15 वर्षों में यहां उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी और अधोसंरचना विकास के अनेक कार्य हुए हैं, जिससे राज्य का चौतरफा विकास हुआ है, इससे यहां उद्योगों और निवेश के लिए बेहतर वातावरण बना है। उन्होंने इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से ताइवान के प्रतिनिधि मंडल का परिचय भी कराया। चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अलेक्स पाल मेनन ने बताया कि वर्ष 2017-18 में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने तथा पारस्परिक हितों के क्षेत्रों में जापान, कोरिया के साथ साझेदारी स्थापित करने के लिए राज्य द्वारा किये गये प्रयासों का नेतृत्व किया है। इन प्रयासों के परिणाम स्वरुप जापान, कोरिया की इकाइओं ने इंजीनियरिंग, खाद्य प्रसंस्करण, इस्पात और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण आदि क्षेत्रों में निवेश हेतू रूचि दिखाना प्रारंभ कर दिया है। राज्य की श्रेष्ठतर निवेश नीति के कारण ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों के लिए आकर्षक निवेश विकल्प के रूप में छत्तीसगढ़ स्वयं को स्थापित करने में सफल हो रहा है। 

श्री मेनन ने बताया कि छत्तीसगढ़ में निवेश को बढ़ावा देने तथा इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के उद्योगों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु चिप्स ने 2017 में भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आई.ई.एस.ए.) के साथ साझेदारी की। चिप्स के इस प्रयास द्वारा नेशनल चिन-यी यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्नोलॉजी (एन.सी.यू.टी.) ताइवान के साथ प्रौद्योगिकी विकास समर्थन सयुक्त निधि स्थापित करने हेतु 6 फरवरी, 2018 को समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू) किया गया जिसके अनुसार प्रारंभिक कॉर्पस निधि हेतु 500,000 अमरीकी डालर का फंड स्थापित किया गया है, जिसमें 80 प्रतिशत राशि लगभग 400,000 अमरीकी डालर नेशनल चिन-यी यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्नोलॉजी (एन.सी.यू.टी.) ताइवान का योगदान होगा। शेष 20 प्रतिशत योगदान लगभग 100,000 अमरीकी डालर चिप्स द्वारा किया जाना है। फंड का उपयोग छत्तीसगढ़ में स्थापित कंपनियों को लाइसेंसिंग में सहायता करने तथा उत्पाद विकास के लिए प्रौद्योगिकियों का अधिग्रहण करने में किया जायेगा।

इसके अतिरिक्त भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी.) भिलाई और नेशनल चिन-यी यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्नोलॉजी (एन.सी.यू.टी) ने 5 फरवरी, 2018 को शोध सहयोग के लिए तथा छात्र विनिमय कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू) किया है। इस समझौता ज्ञापन के तहत, दोनों संस्थान संयुक्त अनुसंधान गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेंगे, इसके अलावा संकाय, छात्र विनिमय और पेटेंट, प्रौद्योगिकी, जानकारियों, उत्पाद हस्तांतरण आदि होगा। इस एम.ओ.यू. के तहत भिलाई इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बी.आई.टी.) -दुर्ग के 17 बी. टेक. के छात्र कॉलेज ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस, एन.सी.यू.टी. द्वारा आयोजित आईसीटी एप्लीकेशन ऑफ स्मार्ट मशीनरी पर एक महीने का प्रशिक्षण प्राप्त कर ताइवान से लौटे हैं। इस अवसर पर इन छात्रों ने मुख्यमंत्री के साथ अपना अनुभव साझा किया। छत्तीसगढ़ शासन की यह पहल राज्य के छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण तथा सीखने के नए अवसर उपलब्ध कराने के लिए की गई है।  

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