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पेटलावद – तीन दिन के बच्चे की हुई मौत, परिजनों ने डॉक्टर पर लगाए लापरवाही के आरोप, ग्रामीणों के साथ झाबुआ – रतलाम मार्ग को किया जाम

गोपाल राठौड़, पेटलावद।  तीन दिन के बच्चें की मृत्यु के बाद गुस्साएं ग्रामीणों ने झाबुआ रतलाम मार्ग पर किया चक्काजाम. मृत बच्चें को गोद में लेकर पिता भी बैठे धरने पर. ग्रामीणों की मांग लापरवाह डाक्टर को हटाया जाए. चक्काजाम से वाहनों की लंबी लाइन लगी. इस संबंध में मृत बालक के पिता ने पुलिस थाने में भी मर्ग कायम करवाया और पोस्ट मार्टम करवाया.

प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 26 अगस्त को रात्रि 2 बजे मोर निवासी कृष्णपालसिंह पंवार की पत्नी टीना को डिलेवरी के लिए पेटलावद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. जहां पर रात 3.40 बजे टीना ने एक स्वस्थ्य बच्चें को जन्म दिया. बच्चें ने सुबह तक शौच नहीं की तो उसके पति कृष्णपाल ने ड्यूटी नर्स से पूछा की बच्चा शौच नहीं कर रहा है उसने कहा 1 से 7 दिन में बच्चें शौच करते है कोई चिंता की बात नहीं. इस संबंध में कृष्णपाल द्वारा डॉ गोपाल चोयल को भी सूचना दी गई. उन्होंने कहा में आकर चेक करता हॅू. फिर दोपहर 1 बजे हमें छुट्टी दे दी गई. फिर दूसरे दिन शाम 5 बजे बच्चें के द्वारा उल्टी करने पर परिजन उसे रतलाम सिविल स्वास्थ्य केंद्र ले गए.जहां रात्रि 9 बजे बच्चें का चेकअप हुआ और बताया गया कि इसका शौच का रास्ता बंद है.इसका आपरेशन करना होगा. जिसके बाद इसे आपरेशन के लिए इंदौर भेजा गया.जहां इसका इलाज करवाया गया . किंतु 28-29 अगस्त की दरम्यान रात्रि में बालक की मृत्यु हो गई. जिसके बाद 29 अगस्त को बच्चें के माता पिता पेटलावद पुलिस थाने पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज करवाई और बच्चें का पोस्ट मार्टम करवाया. बच्चें के पिता कृष्णपाल सिंह का आरोप है कि पेटलावद अस्पताल में लापरवाही की गई और समय रहते बच्चें का सही चेकअप कर जानकारी नहीं दी गई अन्यथा बच्चें की जान बच जाती. इसके लिए वे लापरवाही डाक्टर के विरूद्व कार्रवाई की मांग कर रहे है. इस में ग्राम मोर  के ग्रामीणों उनके साथ मिलकर झाबुआ रतलाम मार्ग पर बैठ गए है और मार्ग जाम कर दिया है.

ग्रामीणों की मांग है कि लापरवाह डाक्टर को हटाया जाए.समाचार लिखे जाने तक दो घंटे से जाम जारी है. जिस कारण वाहनों की लंबी कतार लग गई है. जिसके चलते यात्री भी परेशान हो रहे है. कई बसे और अन्य निजी वाहन जाम के कारण खड़े हो गए. मौके पर पटवारी व चौकी प्रभारी पहुंचे किंतु उनकी बात का भी ग्रामीणों पर कोई असर नहीं. ग्रामीणों का कहना है कि पहले लापरवाही पर कार्रवाई हो. हम दिन भर पेटलावद में भटकते रहे किंतु कोई जिम्मेदार अधिकारी ने हमारी सुध नहीं ली.  इस संबंध में डाक्टर गोपाल चोयल से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि किसी प्रकार की लापरवाही नहीं की गई है. बच्चा यहां से पूर्ण रूप से स्वस्थ्य गया था. इसके बाद दो दिन के बाद की घटना है. आपरेशन के पश्चात क्या हुआ इस बात को देखना होगा. आखिर बच्चें की मृत्यु का कारण क्या है?

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