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रायपुर – मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में कृषक कल्याण परिषद की बैठक, प्रदेश के दस हजार किसान संगवारियों सहित कृषि विभाग के मैदानी अमले को दिया जाएगा प्रशिक्षण

रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के लगभग दस हजार किसान संगवारियों के बेहतर प्रशिक्षण की जरूरत पर विशेष रूप से बल दिया है। उल्लेखनीय है कि राज्य के लगभग 20 हजार गांवों में हर दो गांवों के बीच स्थानीय किसानों में से एक-एक किसान संगवारी बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने किसान संगवारियों के साथ-साथ कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों के लिए भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि समयबद्ध कार्यक्रम बनाकर उन्हें राज्य के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न जिलों में संचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों में भी प्रशिक्षण दिलाया जा सकता है। 
    डॉ. सिंह ने आज शाम यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कृषक कल्याण परिषद की बैठक में अधिकारियों को इस आशय के निर्देश दिए। कृषि और जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, परिषद के उपाध्यक्ष श्री विशाल चन्द्राकर और अन्य सदस्यों सहित कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुनील कुमार कुजूर, सचिव श्री अनूप श्रीवास्तव, मार्कफेड के प्रबंध संचालक श्री अन्बलगन पी, कृषि विभाग के संचालक श्री एम.एस. केरकेट्टा और संबंधित वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य सभी राज्यों को दिया गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में किसान संगवारियों और कृषि विभाग के मैदानी कर्मचारियों और अधिकारियों की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण होगी। इसके लिए उन्हें खेती-किसानी के क्षेत्र में आ रही नई तकनीकों का भी ज्ञान और प्रशिक्षण जरूरी है।
    अधिकारियों ने बैठक में बताया कि वर्तमान में राजधानी रायपुर स्थित राज्य कृषि प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों और विभाग के अन्य मैदानी अमले को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्य सरकार की योजना के तहत हर जिले में प्रत्येक दो गांवों पर स्थानीय किसानों में से एक किसान संगवारी का चयन किया गया है। इस प्रकार प्रदेश के लगभग 20 हजार गांवों में दस हजार किसान संगवारी बनाए गए है। इन किसान संगवारियों को किसानों के बीच कृषि क्षेत्र से जुड़ी शासकीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार का दायित्व सौंपा गया है। उन्हें यह भी कहा गया है कि वे इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ किसानों को दिलाने के लिए कृषि विभाग के साथ लगातार समन्वय और सम्पर्क बनाए रखें।
    मुख्यमंत्री ने किसान संगवारियों के अलावा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों और ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारियों के लिए भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। डॉ. रमन सिंह ने इस बात पर खुशी जतायी कि कृषि विभाग ने अपनी योजना के तहत वर्ष 2015-16 से लगातार किसानों  के खेतों की मिट्टी का परीक्षण करवाया जा रहा है और उन्हें स्वायल हेल्थ कार्ड भी दिए जा रहे हैं। हर दो साल में मिट्टी परीक्षण का  प्रावधान किया गया है। अब तक लगभग 43 लाख स्वायल हेल्थ कार्ड किसानों को दिए जा चुके हैं। स्वायल हेल्थ कार्ड वितरण में छत्तीसगढ़ पूरे देश में अग्रणी है। मुख्यमंत्री ने कृषि अधिकारियों से कहा कि वे किसानों को उनके स्वायल हेल्थ कार्ड में की गई अनुशंसा के आधार पर उर्वरकों के संतुलित उपयोग की समझाइश दें।

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