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भाजपा कार्यकर्ता महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाँ- भारत के बाहर गठबंधन खोज रही कांग्रेस

भोपाल। भाजपा कार्यकर्ता महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जमकर गरजे। उन्होंने जहां भाजपा कार्यकर्ताओं को चुनावों के लिए जीत का मंत्र दिया वहीं कांग्रेस के तमाम आरोपों का करारा जवाब दिया। उन्होंने जातिगत राजनीति से लेकर वोट बैंक की राजनीति के लिए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। कार्यकर्ता महाकुंभ को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संबोधित किया। भोपाल के जंबूरी मैदान पर लाखों कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 19 राज्यों में भाजपा की सरकार होना गौरव की बात है। लेकिन उससे भी बड़ा गौरव इस बात से है कि ये विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है और हम इसके कार्यकर्ता हैं।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो पार्टी सवा सौ साल से बढ़ी हो.. जिसके पास सैकड़ों पूर्व मंत्री, पूर्व गवर्नर, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व एमपी, पूर्व एमएलए हो… तो ऐसा क्या हुआ कि देश में उसकी हालत ऐसी हो गई। आज सूक्ष्म दर्शी यंत्र के साथ लेकर निकलना पड़ता है कि ये पार्टी कहीं बची है या नहीं। कांग्रेसी ऐसी हालात क्यों हुई। ये सोचने का विषय है। उन्होंने कहा कि हम भी 1984 में हारे थे, लेकिन हमने ईवीएम पर आरोप नहीं लगाए, हमने दूसरे आरोप नहीं लगाए। हम हार स्वीकार करते हुए जमीन पर उतरे, जनता के बीच गए। हमने जनता के लिए संघर्ष जारी रखा। इसलिए आज जीते।
पीएम मोदी ने कहा कि क्या कारण है कि कांग्रेस पार्टी 440 से सिमटकर 44 की हो गई। ये इसलिए कि उन्होंने आत्मचिंतन नहीं किया और अब हम पर आरोप लगा रहे हैं। इसका कारण मुख्य कारण अहंकार है। पार्टी कुछ ही लोगों की होकर रह गई है जो ये चाहते हैं कि उच्च पद तो सिर्फ उनके लिए ही है। उनको सहन नहीं होता कि कोई चायवाला, कोई गरीब का बेटा, कोई किसान का बेटा शीर्ष तक पहुंचे।  संबोधन में तीन तलाक की जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस पर वोट बैंक की राजनीति नहीं करना चाहिए। खासकर जिस पार्टी की मुखिया एक महिला हो, उस पार्टी को। मां-बेटी हिंदू हो या मुसलमान उस पर जुल्म नहीं होना चाहिए। वोट बैंक की राजनीति ने यह परिस्थिति पैदा की है। अब कांग्रेस पार्टी हिंदुस्तान में गठबंधन करने में सफल नहीं हो रही है। इसलिए भारत के बाहर गठबंधन खोजा जा रहा है। क्या बाहरी देश तय करेंगे कि भारत में प्रधानमंत्री कौन बनेगा। क्या सत्ता खोने के बाद आपने संतुलन भी खो दिया। सवा सौ साल पुरानी पार्टी में कुछ नहीं बचा, ये कांग्रेस पार्टी बोझ बन गई है। ऐसे लोगों से देश को बचाना है। ये भी जागरुक नागरिकों को कर्तव्य है। इसलिए भाजपा कार्यकर्ता यह संकल्प लें कि हमारा बूथ हम हारने नहीं देंगे। आजादी के 70 सालों में देश में बर्बादी आई है। इसे बचाना है तो वोटबैंक की राजनीति से मुक्ति दिलाना होगी। वोटबैंक की राजनीति ने ऐसी बर्बादी लाई कि राजनीतिक दल चुनिंदा दल, लोगों को चुन लेते थे और सत्ता हासिल कर लेते थे। उन्हें पूरे देश, समाज, सभी लोगों से कोई लेना-देना नहीं था। इन्हीं से देश को बचाना है।

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