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रायपुर – मुख्यमंत्री ने किया जी-जामगांव औद्योगिक प्रक्षेत्र का भी भूमिपूजन, किसानों की आमदनी डबल करने में मददगार साबित होगा मेगा फूडपार्क – सीएम डॉ. रमन सिंह

रायपुर। कृषि उपजों पर आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने की छत्तीसगढ़ सरकार की नीति के तहत धमतरी जिले के ग्राम बगौद-बंजारी (तहसील-कुरूद) में लगभग 170 एकड़ के रकबे में मेगाफूड पार्क की स्थापना की गई है। प्रदेश सरकार के उपक्रम छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (सीएसआईडीसी) ने  45 करोड़ रूपए की लागत से इसका निर्माण किया है।  मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज प्रदेश व्यापी अटल विकास यात्रा के दौरान धमतरी जिले के भखारा में आयोजित विशाल आमसभा में 1464 करोड़ रूपए के 270 निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया, जिनमें इस मेगा फूडपार्क का लोकार्पण भी शामिल है। डॉ. सिंह ने आमसभा में धमतरी जिले के जी-जामगांव (तहसील-कुरूद) के लिए स्वीकृत औद्योगिक प्रक्षेत्र का भी भूमिपूजन किया। इस औद्योगिक प्रक्षेत्र का निर्माण 25 एकड़ के रकबे में छह करोड़ 43 लाख रूपए की लागत से किया जाएगा। मुख्य अतिथि की आसंदी से डॉ. रमन सिंह ने आमसभा में लोकार्पित मेगा फूडपार्क का उल्लेख करते हुए कहा कि यह फूड पार्क प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप किसानों की आमदनी वर्ष 2022 तक दोगुनी करने में काफी मददगार साबित होगा। उन्होंने फूडपार्क की स्थापना के लिए सीएसआईडीसी के अध्यक्ष श्री छगनलाल मूंदड़ा सहित निगम और उद्योग विभाग के सभी अधिकारियेां और कर्मचारियों के योगदान की भी तारीफ की। आमसभा को पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चंद्राकर और लोकसभा सांसद श्री चन्दूलाल साहू ने भी सम्बोधित किया। पर्यटन, संस्कृति और सहकारिता मंत्री श्री दयालदास बघेल, महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री श्रीमती रमशीला साहू और सीएसआईडीसी के अध्यक्ष श्री छगनलाल मूंदड़ा सहित अनेक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि भी इस अवसर पर उपस्थित थे। सीएसआईडीसी के अधिकारियों ने बताया कि रायपुर-धमतरी राष्ट्रीय राजमार्ग से सिर्फ ढाई किलोमीटर की दूरी पर विकसित फूडपार्क में 146 प्रकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एक ही परिसर में संचालित होंगे। उनके लिए कुल 146 भू-खण्ड विकसित किए गए हैं। मेगाफूड पार्क में अब तक दस पंूजी निवेशकों को उद्योगों की स्थापना के लिए भू-खण्ड आवंटित किए जा चुके हैं। इन उद्यमियों द्वारा फूडपार्क के अपने उद्योगों में कुल 170 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश किया जाएगा। इनमें आयुर्वेदिक और यूनानी दवाईयों की निर्माण इकाईयों के साथ-साथ सॉफ्टड्रिंक, कार्बोनेटेड बेवरेज सोडावाटर, आटा, मैदा, सूजी, बिस्किट और फलों पर आधारित प्रसंस्करण उद्योग शामिल हैं। इन उद्योगों के शुरू होने पर लगभग एक हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही अच्छी कीमत पर किसानों की उपजों की खपत भी इनमें होगी, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी। फूडपार्क में उद्यमियों ने आवंटित भू-खण्डों पर अपनी-अपनी फेक्ट्रियों के लिए भवन आदि अधोसंरचनाओं का निर्माण शुरू कर दिया गया है। सम्पूर्ण परिसर में 27 नग आर.सी.सी. पुलियों सहित लगभग 12 किलोमीटर सड़कों की डामरीकृत आंतरिक सड़कों का निर्माण किया गया है, जिनकी चौड़ाई 18 मीटर है। परिसर में सड़कों के दोनों ओर पक्की नालियां भी बनाई गई हैं। इसके अलावा पेयजल के लिए पांच लाख और तीन लाख लीटर के दो ओव्हरहेड टैंक, क्रमशः दो लाख और एक लाख लीटर क्षमता के सम्पवेल की भी स्थापना की गई है। अधिकारियों ने बताया कि मेगाफूड पार्क परिसर में पानी टंकियों से जल प्रदाय के लिए बिछाई गई पाइप लाइनों की लम्बाई लगभग 15 किलोमीटर है। इसके साथ ही रात्रिकालीन प्रकाश व्यवस्था के लिए एलईडी लाईट सहित करीब 12 किलोमीटर की सड़कों में विद्युतीकरण भी किया गया है। फूडपार्क में सड़क, नाली, बिजली और पेयजल सुविधाओं के अलावा अत्यंत जरूरी प्रशिक्षण केन्द्र, ट्रेड एण्ड डिस्प्ले सेंटर, मार्केटिंग सपोर्ट सिस्टम, प्रशासकीय भवन, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, बैंक, अग्निशमन केन्द्र, जलपान गृह आदि का भी प्रावधान किया गया है।

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