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धार – कलेक्टर के निर्देश पर राजेन्द्रसूरी सूरी साख सोसायटी संस्था का टीम ने जप्त किया रिकार्ड, संस्था की वित्तीय स्थिति ठीक हैं, जमा राशि सुरक्षित – उपायुक्त वैद्य

धार। जन सुनवाई में निरंतर राजेन्द्रसूरी सोसायटी द्वारा जमाकर्ताओंं को पैसे वापस नहीं किए जाने के संबंध में शिकायते मिलने पर कलेक्टर दीपक सिंह ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त सहकारिता को निर्देश दिए। कि वे तत्काल शिकायतकर्ताओं के बयान दर्ज कर संस्था के विरूद्ध हरसंभव वैद्यानिक कार्यवाही करें। कलेक्टर श्री सिंह द्वारा जारी निर्देशों के परिपालन में उपायुक्त अपने निरीक्षकों और आॅडिटर्स के दल सहित राजगढ़ स्थित सोसायटी के मुख्यालय पहुॅंचे। जहाँ आधी रात होने के बाद भी संस्था की वित्तीय स्थिति तथा जमा राशि के विरुद्ध उसकी परिसम्पत्तियाँ आदि का मूल्यांकन कराया गया। सोसायटी के निर्वाचित पदाधिकारियों, कर्मचारियों एवं डेली कलेक्शन करने वाले एजेंटो से पूछताछ की।  जांच दल ने चर्चा में बताया कि सोसायटी के सदस्यों की संख्या 20 हजार हैं, और निश्चय ही सोसायटी प्रदेश की बडी सोसायटियों के अंतर्गत आती हैं, क्योंकि इसकी अचल संपत्ति जिसमें भवन, भूमि आदि शामिल हैं, उनकी अनुमानित कीमत ही लगभग 15 करोड हैं। उपायुक्त सहकारिता जो कि समानांतर रुप से रजिस्ट्रार न्यायालय भी हैं, इसके द्वारा संस्था से लोन लेकर उसे नहीं चुकाने वाले बकायादारों को विगत तीन माह में राशि 2 करोड की वसूली के नोटिस जारी करने पर 1 करोड 50 लाख की राशि जमा हुई हैं, और वर्तमान में सोसायटी का वसूली प्रतिशत 40 प्रतिशत हो गया हैं। ऐसी ही कठोर कार्यवाहियों से आने वाले समय में बडी राशि का लोन लेकर उसे न चुकाने वाले अब न्यायालय के प्रभाव से बकाया राशि जमा करने लगे हैं।
उपायुक्त सहकारिता अमरीश वैद्य ने बताया कि सोसायटी की बेलेंस शीट, वित्तीय पत्रकों और ऑडिट नोट की गहन जाँच के बाद अब यह पाया कि सोसायटी में कोई वित्तीय अनियमितता नहीं हैं। वास्तव में उचित मैनेजमेंट न हो पाने के कारण भुगतान असंतुलन की स्थिति निर्मित हुईं, जो कि अन्य बडी वित्तीय संस्थाओं और बैंको में भी हो जाती हैं। चूंकि अब स्वयं मप्र शासन सहकारिता विभाग ने वसूली की दिशा में कठौर वैधानिक प्रयास शुरु किए हैं, तो अधिकतम 1 माह में लोन ले चुके लोग पैसा जमा करेंगे और भुगतान असंतुलन धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा। उल्लेखनीय हैं, कि विगत 6 माह में इस सोसायटी द्वारा लगभग 7 करोड की राशि अपने जमाकर्ताओ को लौटाई जा चुकी हैं। कलेक्टर श्री सिंह के निर्देश पर जबकि उपायुक्त स्वयं वसूली कार्यवाही करा रहे है और ऋण जमा न करने वालों के विरुद्ध पुलिस एफ.आई.आर. तक की कार्यवााही के लिये सहकारिता विभाग तैयार है तब ऐसा कोई कारण नहीं है कि लोगो को उनका जमा पैसा नहीं मिले। यह उम्मीद की जा रही हैं, कि मार्च 2019 तक हालात नियंत्रण में आ जाऐंगे। उपायुक्त सहकारिता ने दूरभाष पर चर्चा में बताया कि उन्होंने 03 निरीक्षकों का दल गठित कर दिया हैं, जो कि वसूली से प्राप्त राशि को प्राथमिकता के साथ कम जमा राशि वालों, बीमारों, वृद्धों सहित जिनके परिवार में बेटी के विवाह जैसी संवेदनशील परिस्थितियाँ हैं, उन्हें पहले भुगतान कराने के फार्मूले पर कार्यवाही हेतु निर्देशित कर चुके हैं। इनके अतिरिक्त प्रत्येक जमाकर्ता का भुगतान सुनिश्चित कराया जाएगा। सोसायटी स्तर से जरा सी भी लापरवाही पाई गई तो उनके विरुद्ध तत्काल एफआईआर कराई जाएगी।
सहकारिता विभाग के कठोर नियंत्रण के प्रभाव भी दिखने लगे है। अनेक छोटे व्यवसाय जैसे सिलाई, ठेला लगाने वाले, सब्जी की दुकान वालों को सहकारिता विभाग ने तत्काल भुगतान भी कराएं हैं। 

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