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धार – अंजन शलाका प्रतिष्ठा महोत्स : च्यवन कल्याणक विधान शुरू, प्रतिष्ठा महोत्सव में बढ रही रौनक, चैन्नई से आए 100 से अधिक भक्तजन

धार। भक्तामर महातीर्थ अभ्यदुय धाम पर आयोजित अंजन शलाका प्रतिष्ठा महोत्स में भक्तजनों की आगम संख्या निरंतर बढ रही है। चैन्नई से 100 से अधिक भक्तजन प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने हेतु आए। मप्र, राजस्थान से भी क्रमषः भक्तजनों के आने की संख्या प्रतिदिन बढ रही है। आयोजकों के अनुसार प्रतिष्ठा महोत्सव में गुरूवार से कल्याणक कार्यक्रम भी प्रारंभ हो गए है। आयोजकों का यह भी कहना है कि प्रतिष्ठा महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 8,9,10 व 11 फरवरी तक यह संख्या लगभग 50 हजार तक पहुंच सकती है। इसका कारण यह भी है कि भक्तजनों के ठहरने, भोजन की उत्तम व्यवस्था है।  प्रतिष्ठा महोत्सव के चौथे दिन 7 फरवरी को कल्याणक महोत्सव के मंचीय कार्यक्रम शुरू हो गए है। च्यवन कल्याणक विधान प्रारंभ होकर उसकी पूजा-अर्चना व मंच पर चयनित पात्र भगवान के माता-पिता, इंद्र-इंद्राणी, महामंत्री, नगर सेठ, दरबान विराजित थे। मंच पर सभी पात्रों ने अपना-अपना रोल बखूबी निभाया। प्रतिष्ठा महोत्सव में निश्रा प्रदान करने हेतु  युवाचार्य आचार्य भगवंत विश्वरत्नसागर सूरिजी मसा का भी गुरूवार को मंगल प्रवेष हुआ। आपके साथ मुनिमंडल, साध्वी जी भी थे। इसके अतिरिक्त आज संपन्न हुए कार्यक्रमों में मंगलगान, प्रभातियां जिसके लाभार्थी रमेषचंद्र पुष्पा बेन परिवार कोटा राजस्थान एवं प्रभु आंगी के गुणवंती बाई मोहनलाल संघवी चैन्नई थे। रात्रि में मंगल चौबीसी जेनमल कोठारी परिवार इंदौर की और से संपन्न हुई। जीवदया के तहत घास-चारा प्रदान करने के लाभार्थी श्री भंडार जैन संघ दिल्ली थे। दोपहर के साधार्मिक वात्सल्य के लाभार्थी हस्ते श्रीमती षिरोमणि बेन, स्व. जवाहरलाल फतेसिंह चौहान एवं संध्या साधार्मिक वात्सल्य के लाभार्थी श्रीमती गुलाबबाई बागमल जी उन्हेल परिवार रहे। अनुकम्पा भोजन के लाभार्थी स्व. नानालाल जी, स्व. रतन बाई की और से शांतिलाल- सौ. सुमन, गौतमचंद्र-सौरु कुसुम परिवार डंग राजस्थान थे। धार श्री संघ के सभी सक्रिय कार्यकर्तागण एवं चेन्नई से आए मंडल द्वारा बहुत ही सुंदर सेवाएं प्रदान की जा रही है। उक्त जानकारी विजय मेहता ने दी।

8 फरवरी के कार्यक्रम –
प्रातः मंगल गान प्रभातिया, क्रिया मंडल में जन्मकल्याणक विधान, छपपन दिग्कुमारी महोत्सव, चौसठ इंद्र देवेन्द्रों द्वारा मेरूपर्वत पर गमन वहां पर जन्मोत्सव एवं इंद्र इंद्रो द्वारा 250 अभिषेक कार्यक्रम संपन्न होंगे। इसके अतिरिक्त साधार्मिक वात्सल्य, जीवदया घास-चारा लापसी, प्रभु आंगी रोशनी, मंगल गान, चौबीसी एवं अनुकम्पा भोजन कार्यक्रम भी होंगे।   

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