Homeचेतक टाइम्सराजगढ़ में 17 अप्रैल को प्रभु महावीर होगें गादीनशीन, चढ़ावों की जाजम...

राजगढ़ में 17 अप्रैल को प्रभु महावीर होगें गादीनशीन, चढ़ावों की जाजम का ऐतिहासिक आयोजन हुआ, 114 वर्षो बाद हो रहा है आयोजन

राजगढ़। सकल जैन श्रीसंघ राजगढ़ के तत्वाधान में दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पाट परम्परा के अष्ठम पट्टधर वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. आदि ठाणा मुनिमण्डल श्रमणीवृंद एवं राजगढ़ नगर के रत्न आचार्य श्री नवरत्नसागरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न वर्तमान आचार्य श्री विश्वरत्नसागरसूरीश्वरजी म.सा. आदि ठाणा श्रमणीवृंद की पावनतम निश्रा में प्रभु श्री महावीर स्वामी भगवान की अंजनशलाका प्रतिष्ठा के चढ़ावों की जाजम का भव्य आयोजन श्री राजेन्द्र भवन में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ गुरुवार को हुआ। श्री राजेन्द्र भवन में चढ़ावों की जाजम बिछाने का लाभ राजगढ़ निवासी श्री मनीषकुमार प्रकाशचंदजी चाईस परिवार द्वारा लिया गया था यह जाजम लाभार्थी परिवार के निवास से दोनों आचार्य भगवन्तों की निश्रा में विशाल शौभा यात्रा के साथ नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुये राजेन्द्र भवन लायी गयी। यह चल समारोह जाजम लेकर प्रभु के मुनीम जी बनने के लाभार्थी श्री भूपेन्द्रकुमार घेवरमलजी कांकरिया के निवास होते हुये चौपाटी बस स्टेण्ड से मुख्य बाजार, लाल दरवाजा होते हुये राजेन्द्र भवन पहुंचा। समाजजनों ने सामुहिक रुप से पाट पर विराजित दोनों आचार्य भगवन्तों को गुरुवंदन किया तत्पश्चात् आचार्य श्री विश्वरत्नसागरसूरीश्वरजी म.सा. ने समाजजनों से कहा कि राजगढ़ में बहुत ही प्रतिक्षा के बाद यह सुनहरा अवसर आया है। इस अवसर को आप कदापि नही चूके और इस जाजम पर बढ़चढ़कर हिस्सा ले।

राजगढ़ वासियों के लिये यह इतिहास लिखने का अवसर आया है। इस मौके पर वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. ने समाजजनों से कहा कि राजगढ़ नगर में प्रभु के पंचकल्याण महोत्सव 114 वर्षो के बाद होने जा रहे है। इससे पूर्व अष्टापद जिन मंदिर के समय प्रभु के पांच कल्याण का आयोजन हुआ था। राजगढ़ वासी इस प्रतिष्ठा महोत्सव में उत्साह पूर्वक भाग लेकर अपनी पूण्यानुबंधी लक्ष्मी का सदुपयोग करें। विजय मुहूर्त में दोनों आचार्यभगवन्त एवं साध्वीवृदों की सानिध्यता में चढ़ावों की जाजम मंत्रोच्चार के साथ बिछाई गई । जाजम बिछाने से पूर्व दोनों आचार्यभगवन्तों द्वारा भूमि पर वासक्षेप किया गया फिर मंत्रोच्चार के साथ नयी जाजम पर आचार्यद्वय ने वासक्षेप किया। जय महावीर जय महावीर, त्रिशला नन्दन वीर की जय बोलो महावीर की के जयघोष के साथ चढ़ावों की जाजम का भव्य कार्यक्रम पूरे हर्षोल्लास के साथ प्रारम्भ हुआ। इस जाजम पर लापसी फले चुन्दड़ी, शाही करबा, नास्ता, दोनों समय की नवकारसी, पूजन, महापूजन, अंगरचना, भक्ति भावना सहित प्रतिष्ठा सम्बन्धित समस्त चढ़ावें हो रहे है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!