Homeचेतक टाइम्समध्य प्रदेश में नियमित और स्थाई कर्मचारियों को 9 प्रतिशत महंगाई भत्ता

मध्य प्रदेश में नियमित और स्थाई कर्मचारियों को 9 प्रतिशत महंगाई भत्ता

भोपाल। प्रदेश के लगभग आठ लाख नियमित और स्थायीकर्मियों को एक जुलाई 2018 से सात की जगह नौ फीसदी महंगाई भत्ता (डीए) मिलेगा। इसी तरह जिन कर्मचारियों को छठवां वेतनमान मिल रहा है, उन्हें अब 148 फीसदी डीए मिलेगा। इनका डीए छह प्रतिशत बढ़ाया गया है। जुलाई से फरवरी 2019 तक का बढ़ा हुआ डीए सरकार नकद नहीं देगी। यह राशि जीपीएफ (सामान्य भविष्य निधि) खाते में जमा कराई जाएगी। मार्च से डीए वेतन में जोड़कर नकद दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने जुलाई 2018 में अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता दो प्रतिशत बढ़ाकर नौ प्रतिशत कर दिया था, लेकिन प्रदेश में वित्तीय स्थिति को देखते हुए सरकार फैसला नहीं कर पा रही थी। कर्मचारियों के दबाव को देखते हुए सरकार ने बढ़ा हुआ डीए देने का निर्णय किया, जिसके बुधवार को वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिए। इसके मुताबिक सातवां वेतनमान प्राप्त अधिकारियों-कर्मचारियों को एक जुलाई 2018 से नौ प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा, लेकिन खजाने की स्थिति को देखते हुए आठ माह का एरियर नकद देने की जगह जीपीएफ खाते में जमा कराया जाएगा। छठवां वेतनमान प्राप्त कर रहे अधिकारियों-कर्मचारियों को 142 की जगह 148 प्रतिशत डीए मिलेगा। वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय पेंशन योजना के अभिदाताओं को एरियर का नकद भुगतान होगा।

पेंशनर्स का डीए छत्तीसगढ़ की सहमति के बाद बढ़ेगा
उधर, साढ़े चार लाख पेंशनर्स को बढ़े हुए डीए के लिए अभी और इंतजार करना होगा। दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने पेंशनर्स का डीए बढ़ाने के लिए अभी तक सहमति नहीं दी है। राज्य बंटवारा अधिनियम के मुताबिक दोनों राज्यों के बीच सहमति होने के बाद ही डीए में वृद्धि की जा सकती है। अभी पेंशनर्स को पांच फीसदी डीए ही मिल रहा है। जनवरी और जुलाई का डीए मिला दिया जाए तो पेंशनर्स को चार फीसदी डीए का नुकसान हो रहा है।

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