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पेटलावद – झाबुआ जिले में शौचालय के नाम पर हुआ करोड़ो का घोटाला, जानिए पूरा मामला

कुशाल राठौड़, पेटलावद। झाबुआ जिले में करोडो का एक बड़ा घोटाला शौचालय के नाम पर सूचना के अधिकार के माध्यम से सामने आया है जिसमें स्वच्छता मंत्रालय भारत सरकार एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल से सूचना के अधिकार में मांगी गई जानकारी जीसमे सरपंच तथा वैंडरो को स्वच्छ भारत मिशन में शौचालय निर्माण के अंतर्गत भुगतान के अधिकार किन आदेशों के तहत दिए गए। जिससे पंचायत ग्रामीण विकास विभाग भोपाल से जानकारी प्राप्त हुई कि केवल स्वयं सहायता समूह को अत्यधिक आवश्यक होने पर केवल सक्षम तथा दूरस्थ दुर्गम ग्राम के पात्र हितग्राही का उनकी सहमति पश्चात दो लीच पिट शौचालय निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत एनआरएलएम के पंजीकृत स्व सहायता समूह के माध्यम से निर्मित करवाया जाएगा। वहीं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत उनके क्षेत्र अंतर्गत विकासखंडों के ग्रामों में ऐसे हितग्राही तथा निर्माण एजेंसी को चिन्हित एक बार में करेंगे तथा जनपद वार संकलित प्रस्ताव कलेक्टर एवं मिशन लीडर की अनुमति से राज्य मुख्यालय प्रेषित करेंगे लेकिन झाबुआ जिले में तत्कालीन कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला जल एवं स्वच्छता समिति झाबुआ एसबीएम स्वच्छ भारत मिशन जिला अधिकारी सुनील सुमन ने झाबुआ जिले में सारे नियमों को ताक में रखकर मनमाने तरीके से अपने फायदे के लिए वैडर नियुक्त करवा कर घटिया शौचालय का निर्माण करवायें। वहीं कई जनपद पंचायतों की ग्राम पंचायतों में हितग्राहियों को पता ही नहीं की उनकी शौचालय की राशि भी बिना शौचालय बने ही निकाली गई। साथ ही सुनील सुमन द्वारा जिले में स्थित राजगीर मिस्त्री और श्रमिकों को शासन के दिशा निर्देशों अनुसार शौचालय के निर्माण में रोजगार देना था लेकिन इन राजगीर मिस्त्री और श्रमिकों को रोजगार से भी दूर रखा गया। वहीं संविदा नियुक्ति पद पर कार्य कर रहे श्री सुमन द्वारा अपनी मनमर्जी से पूरे जिले की छह जनपद पंचायतों में मनमाने तरीके से अपने लाभ के लिए वेंडर नियुक्त कर दिए गए एव जांच का विषय बना हुआ है कि पूरे जिले में कितने वेंडरों का शासन के दिशा निर्देश के विपरीत एग्रीमेंट करवाया गया। इस जानकारी में यह भी सामने आया है कि स्वच्छ भारत मिशन के जिला अधिकारी द्वारा 375 ग्राम पंचायत की आईडी खुद अपने पास में रख कर शौचालय के जिओ टेक कर रहे हैं, जबकि जिले की छह जनपद पंचायतों में ब्लॉक समन्वयक अधिकारी की जिम्मेदारी होती है कि वह जियो टेक करें व आईडी अपने पास में रखें लेकिन न तो राजगीर मिस्त्री को रोजगार मिला ना ही श्रमिकों को रोजगार मिला और ना ही स्व सहायता समूह को आवश्यकता अनुसार शासन के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए रोजगार मीला।

शासन के दिशा निर्देश में आंशिक संशोधन स्व सहायता समूह करेंगे कार्य –
मप्र शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल ने कई जिलों में विभिन्न परिस्थितियों को देखते हुए अपने दिशा निर्देशों में कुछ आंशिक संशोधन किया था जैसे विकलांगता, वृद्धावस्था, भौगोलिक दुर्गमता आदि के कारण अनेक हितग्राही स्वय की निधि से शौचालय निर्मित नहीं कर पा रहे हैं जिससे शौचालय निर्माण में अपेक्षित प्रगति नही हो पा रही है जिसके चलते शासन ने इसके लिए स्वयं सहायता समूह को निर्माण कार्य के लिए आदेशित किया था किंतु ग्राम पंचायतो एव वेंडरो दोनों ने मिलकर ही शासन की राशि में भ्रष्टाचार कर दिया गया।

स्थानीय सामग्री से बनना था शौचालय, बना दिये पुस्टो की ईंटों से शौचालय-
शासन के यह भी दिशा निर्देश है कि शौचालय निर्माण में पकी हुई ईटे जो स्थानीय हो सीमेंट बालू रेत का उपयोग कर शौचालय निर्माण किया जाए लेकिन यहां पर भी भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा किसी गुजरात के व्यवसायी से पुस्टे की बनी ईट जो पानी में भी तैरती है उसका उपयोग किया गया जो केमिकल से चिपका दी गई। जिसमें राज मिस्त्री सहित श्रमिकों को भी रोजगार से वंचित रखा गया साथ ही कर्ज लेकर ईट व्यवसाई को भी हानी पहुचाई गई। पुस्टो की ईटो का खर्च भी लगभग 3 से 4 हजार था जब की शासन से मीलने वाली राशि 12 हजार रुपये थी। बाकी बची राशी कहा पर है यह तो अधीकारी ही बता सकते है।

ब्लॉक समन्वय अधिकारी भी घोटाले में शामिल –
झाबुआ जिले की जनपद पंचायत पेटलावद में संविदा नियुक्ति पर ब्लॉक समन्वयक अधिकारी बाबूलाल परमार जिस पर कई फर्जी शौचालय के भुगतान सहित शौचालय के भ्रष्टाचार में आरोप लगे हैं व जांच भी हुई है। इस भ्रष्ट अधिकारी ने जनपद पंचायत पेटलावद की कई ग्राम पंचायत शौचालय में शासन के आदर्शों के विरुद्ध जिला अधिकारी की मिलीभगत से मनमाने तरीके से वेंडरो को नियुक्त किया व शौचालय हितग्राही को मिलने वाली राशि मैं बड़े स्तर पर घपला किया है। ग्राम पंचायत धतुरिया के ग्रामीणों सहित पेटलावद की कई ग्राम पंचायतों ने इस भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ भी जीला पंचायत झाबुआ को शिकायत की गई है। शिकायत में ग्रामीणों द्वारा बताया गया है कि हमारे शौचालय बने ही नहीं लेकिन पोर्टल पर देखने के बाद में हमारी राशि शौचालय नहीं बनने के बावजूद निकाल ली गई है।

बाबूलाल परमार को पाया था दोषी –
ब्लॉक समन्वयक अधिकारी बाबूलाल परमार के खिलाफ दिनांक 18/8/2018 में ग्राम पंचायतों द्वारा शिकायत करने पर जांच भी हुई थी जिसमें ग्राम पंचायतों की आईडी इस भ्रष्ट अधिकारी द्वारा अपने वेडरो को दी गई एवं ग्राम पंचायतों द्वारा खुद शिकायत की गई थी कि हमारी ग्राम पंचायत की आईडी वेंडरो को दे कर हमारी ग्राम पंचायत की गोपनीय जानकारी एवं राशि वेंडरो द्वारा निकाली जा रही है। जिसमें जांच के पश्चात बाबूलाल परमार को दोषी पाया था।

राणापुर की बन पंचायत मे आज भी शौचालय अधुरे राशी नीकली –
झाबुआ जिले की राणापुर जनपद पंचायत के अंतर्गत बन पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण शौचालय की जांच में 26/9/2018 को हुई जांच में 94 शौचालय ऐसे पाए गए जो जमीन पर थे ही नहीं लेकिन इसके जिओ टेक कर के भुगतान वेंडर ब्लॉक समन्वय अधिकारी द्वारा कर लिया गया था, जबकि उक्त शौचालय आज भी अधूरे पड़े हैं व राशि निकल चुकी है। लेकिन जिला एसबीएम अधिकारी झाबुआ द्वारा आज तक शौचालय निर्माण को लेकर ध्यान नहीं दिया गया और ना ही मानिटरिंग की गई। देखा जाए तो शासन के सख्त निर्देश है कि जिला अधिकारी की भी जिम्मेदारी थी कि वह समय पर ब्लॉक में बन रहे शौचालयों का निरीक्षण करें। इस जांच में भी दोषी पाए गए अधिकारियों को बचाया गया था।

होगी इसकी उच्च स्तरीय जांच के लिए शिकायत –
शौचालय निर्माण में गड़बड़ी एवं घोटाले में शासन के दिशा निर्देश की अनदेखी सहित वेंडरों एवं सरपंचों द्वारा निकाली गई राशि सहित राजमिस्त्री तथा श्रमिकों को काम नहीं मिलने एवं वेंडर को मनमाने तरीके से नियुक्त करने तथा सहायता समूह को आवश्यकता अनुसार कार्य नहीं दिए जाने की शिकायत मंत्रालय भारत सरकार, मध्यप्रदेश शासन स्वतंत्र एजेंसी को सारे सबूतों के साथ में शिकायत दर्ज करवाई जाएगी।

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