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श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर हुई एतिहासिक दीक्षा, मुमुक्षु कु. हर्शिता जैन दीक्षा पश्चात बनी साध्वी श्री हर्शितगुणाश्री जी म.सा.

राजगढ़। आज बुधवार को प्रातःकाल की वेला में श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के तत्वाधान में मुमुक्षु कु. हर्षिता जैन की दीक्षा की विधि वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में उनके मंत्रोच्चार से सम्पन्न हुई । दीक्षा से पूर्व मुमुक्षु हर्षिता जैन को दीक्षा पाण्डाल में गाजते – बाजते हाथी पर धर्म के पिता श्री राजेन्द्र खजांची वर्षीदान करवाते हुये लेकर आये । दीक्षा पाण्डाल में मुमुक्षु ने सर्वप्रथम चौमुखी में विराजित प्रभु को गहुंली कर वंदन किया तत्पश्चात् दीक्षा की विधि प्रारम्भ हुई । मुमुक्षु कु. हर्षित के धर्म के माता-पिता श्री राजेन्द्र खजांची एवं श्रीमती अंगुरबाला खजांची व जन्म के माता-पिता दोनों का सम्मान ट्रस्ट की और से सभी ट्रस्टीगणों ने किया । संयम जीवन के उपयोग में आने वाले सभी उपकरणों के चढ़ावें समाजजनों ने पूरे उत्साह के साथ लेकर उपकरण आचार्यश्री को वोहरा कर व पुनः प्राप्त कर साध्वी भगवन्तों को वोहराये । मुमुक्षु को विजय तिलक भीनमाल निवासी भंवरलालजी दरगाजी जोगाणी परिवार ने लगाकर दीक्षा के संयम मार्ग की और विदा किया । चादर श्री राजमलजी वाणीगोता, पात्र श्री पुखराजजी कंकुचोपड़ा, संयमवेश श्री मेघराजजी जैन, पुस्तक श्री कमलेशजी पांचसौवोरा, आसन श्री शांतिलालजी सांकरिया, नवकार माला श्री आनन्द भाई परमार, धर्मदण्ड श्री सुखराजजी कबदी, संथारा श्रीमती भंवरीदेवी सांकलचंदजी तांतेड़, नूतन साध्वी को कामली ओढाने का लाभ श्री हुक्मीचंदजी वागरेचा परिवार ने प्राप्त किया । देखते देखते मुमुक्षु को आचार्यश्री ने रजोहरण प्रदान किया । रजोहरण प्राप्त करते ही दीक्षार्थी खुशी के चलते झुम उठी और पाण्डाल में नृत्य करने लगी । यहां से मुमुक्षु को उठाकर वेश परिवर्तन के लिये ले जाया गया । कुछ ही देर में मुमुक्षु वेश परिवर्तन कर पुनः पाण्डाल में आयी तब वह साध्वी के वेश में आयी । नूतन साध्वीजी का वेश परिवर्तन के साथ केशलोचन भी किया गया । पाण्डाल में आने के पश्चात् साध्वीश्री महेन्द्रश्री जी म.सा. की शिष्या वरिष्ठ साध्वी श्री किरणप्रभाश्री जी म.सा. के वरद हस्तों से नूतन साध्वीजी का पंचमुष्ठी केशलोचन किया गया । मुमुक्षु हर्षिता जैन से बनी नूतन साध्वी को साध्वी श्री हर्षितगुणाश्री जी म.सा. का नाम आचार्यश्री के मुखारविंद से प्रदान किया गया । आचार्यश्री ने कहा कि अब हर्षिता साध्वी श्री किरणप्रभाश्री जी म.सा. की शिष्या के रुप में साध्वी श्री हर्षितगुणाश्री जी म.सा. के नाम से जानी एवं पहचानी जावेगी ।

इस अवसर पर श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के उपाध्यक्ष पृथ्वीराज सेठ, महामंत्री फतेहलाल कोठारी, मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, कोषाध्यक्ष हुक्मीचंद वागरेचा, ट्रस्टी सर्वश्री शांतिलाल सांकरिया, कमलचंद लुणिया, मांगीलाल पावेचा, चम्पालाल वर्धन, जयंतिलाल बाफना, शांतिलाल सेठ, मेघराज जैन, संजय सराफ, बाबुलाल वर्धन, आनन्दीलाल अम्बोर, मांगीलाल रामाणी, सुखराज कबदी, कमलेश पांचसौवोरा सहित समाज की कई विशिष्ठ जानी मानी हस्तियां उपस्थित रही।

श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के तत्वाधान में दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पाट परम्परा के अष्ठम पट्टधर वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. व उनके आज्ञानुवर्ती मालवकेसरी मुनिराज श्री हितेशचन्द्रविजयजी म.सा., मालवशिरोमणी मुनिराज श्री पीयुषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री दिव्यचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री पुष्पेन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री निलेशचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रुपेन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री प्रीतियशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जिनचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जनकचन्द्रविजयजी म.सा. एवं वरिष्ठ साध्वी श्री किरणप्रभाश्री जी म.सा., साध्वी श्री सद्गुणाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री संघवणश्री जी म.सा. आदि ठाणा के सानिध्य में प्रातःकाल की वेला में कु. हर्षिता जैन की दीक्षा सम्पन्न हुई। तीर्थ पर आयोजित होने वाले दीक्षा महोत्सव का 12 जून को संध्या 7ः20 बजे से प्रसारण पारस टी.वी. चैनल होगा।

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