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काला धन कानून संबंधी केंद्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट अप्रैल 2016 मे बने काला धन कानून को जुलाई 2015 से लागू करने और इसके दायरे में आने वाले लोगों के खिलाफ जांच की अनुमति देने संबंधी अधिसूचना पर रोक लगाने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ मंगलवार को सुनवाई करेगा। इस आदेश को केंद्र सरकार ने चुनौती दी है। जस्टिस इन्दिरा बनर्जी और जस्टिस संजीव खन्ना की अवकाशकालीन पीठ ने अपने समक्ष सोमवार को आयकर विभाग की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें सुनने के बाद कहा कि इस पर मंगलवार को सुनवाई की जाएगी।  मेहता का कहना था कि इस कानून को पिछली तारीख से लागू करने की केंद्र की अधिसूचना पर रोक लगाकर हाई कोर्ट ने गलती की है। हाई कोर्ट ने 16 मई को अपने अंतरिम आदेश में आयकर विभाग को VVIP हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में आरोपी गौतम खेतान के खिलाफ इस कानून के तहत कार्रवाई करने से रोक दिया था। खेतान के खिलाफ काला धन को लेकर एक मामला दर्ज किया गया है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि काला धन (अघोषित विदेशी आमदनी और संपत्ति) और कर का अधिरोपण कानून जो अप्रैल 2016 में बना है, को जुलाई 2015 से लागू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने इस मामले को जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया था।  केंद्र ने हाई कोर्ट के इसी अंतरिम आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। सॉलिसीटर जनरल ने इस याचिका का उल्लेख करते हुये पीठ से कहा कि इस कानून के आधार पर ही केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने कई जांच शुरू की हैं। इस पर पीठ ने कहा, ‘यह कल सूचीबद्ध होगा।’ इस बीच, पीठ ने खेतान की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एन के कौल का यह अनुरोध अस्वीकार कर दिया कि इसे एक सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया जाये क्योंकि इस सप्ताह खेतान के ऐडवोकेट ऑन रिकार्ड उपलबध नहीं हैं। पीठ ने कहा, ‘आप (कौल) इसका (ऐडवोकेट ऑन रिकॉर्ड) की अनुपलब्धता का कल उल्लेख कीजिएगा।’ खेतान 3,600 करोड़ रुपये के अगुस्टा वेस्टलैंड VVIP हेलीकॉप्टर घोटाला मामले के आरोपियों में से एक हैं और उसने काला धन कानून के विभिन्न प्रावधानों की वैधता को चुनौती दे रखी है। खेतान ने आयकर विभाग के 22 जनवरी के आदेश को भी चुनौती दी है। इस आदेश के तहत आयकर विभाग ने खेतान के खिलाफ इस कानून की धारा 51 के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज करने की अनुमति प्रदान की थी। इस कानून के तहत जानबूझ कर टैक्स चोरी करने का दोषी पाए जाने की स्थिति में दोषी को 3 से 10 साल तक की सजा हो सकती है। इससे पहले हाई कोर्ट ने केंद्र से जानना चाहा था कि अघोषित विदेशी आमदनी और संपत्ति के मामलों से निबटने के लिए अप्रैल 2016 में बनाए गए काला धन कानून को जुलाई 2015 से किस तरह लागू किया जा सकता है।

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