Homeचेतक टाइम्सखिलेड़ी - चामुंडा माता मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव, प्रतिमाओं का हुआ जलाधिवास

खिलेड़ी – चामुंडा माता मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव, प्रतिमाओं का हुआ जलाधिवास

जगदीश चौधरी, खिलेडी। नवनिर्मित मां चामुंडा माता मंदिर प्राण प्रतिष्ठा व शतचंडी महायज्ञ अंतर्गत महायज्ञ के दूसरे दिन यज्ञ आचार्यों द्वारा वैदिक महा मंत्रों के साथ महायज्ञ के मंडल के सभी देवी देवताओं का पूजन पाठ कर महायज्ञ में आहुतियां दी गई। औषधि वास पूजन धूपादीवास पूजन ग्धादीवास पूजन व प्राण प्रतिष्ठा होने वाली मुर्ती पुजन मे जलादी वास पुजन कर यज्ञ के दुसरे दिन आचार्य ने वैदिक मंत्रों के द्वारा महायज्ञ में यजमानो ने आहुतिया दि आचार्यो हरिनारायण शास्त्री व सुभाषचंद्र चौबे के आचार्य तत्व मे सभी यजमानो को पंडितों कृष्णकांत जी अग्निहोत्री ओम प्रकाश जी शर्मा विजय अग्निहोत्री रमाकांत जी अग्निहोत्री प्रवीण जी शर्मा नितिन शास्त्री लीलाधर जी चौबे सनत कुमार शर्मा विशाल शर्मा सुनील जी श्याम जी चौबे विशाल चौबे आदि पंडितों के द्वारा सभी यजमानो को हवन कुंड में वैदिक मंत्रों के साथ पूजन पाठ कराया व हवन में आहुतियां दी गई।  इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु हवन की परिक्रमा की गई शाम को महाआरती के साथ महाप्रसादी का वितरण किया गया महायज्ञ के दूसरे दिन की महाप्रसादी के लाभार्थी कन्हैयालाल जी हरिराम पाटीदार बनें , वही ब्राह्मणों के भोजन के लाभार्थी मांगीलाल जी रणछोड़ मुकाती लाभार्थी बने ।, पंच दिवसीय महायज्ञ में प्रति दिन  हवन कुंडों में घी की आहूति के लिए घी देने के लाभार्थी अमृतलाल पटेल बनें वहीं आचार्यो ने बताया की दुसरे दिन  माता दुर्गा हवन पुजन कर आहुति दी गई है।

महायज्ञ के दुसरे दिन दोपहर में हुआ नानी बाय का मायरा-
गुरुवार दोपहर को यज्ञ शाला परिसर में नानी बाई के मायरे का आयोजन किया गया नानी बाई का मायरा कथा का वाचक पंडित  सुनील कुमार शर्मा के द्वारा किया गया कथा वाचक ने प्रसंग सुनाते कहा की भागवत कथा पुरुषार्थ से ही नहीं सौभाग्य से प्राप्त होती हैं कथा सुनाने वाले बहुत मिलते हैं वही कथा सुनने वाले बहुत कम मिलते हैं मनुष्य जीवन श्रेष्ठ है सत्संग करने से रहना चाहिए सत्संग व कथा करने से भगवान की प्राप्ति होती है। मनुष्य को धर्म का पालन करते रहना चाहिए सत्संग से ही मनुष्य हो भव सागर से पार हो सकता है भगवान में बुद्धि प्रदान की गई है उसका खसरा लेकर नारायण को पाया जा सकता है धन दिया है तो सदुपयोग करो गूंगे को वाचन इश्वर बनाता है अपना घर ऐसा बनाओ भगवान को बुलाना ना पड़े सत्संग व धरने से जुड़कर रहते रहना चाहिए जीवन की डोर को श्याम सुंदर से जोड़ कर रखना चाहिए यह बंधन वह नानी बाई के मायरे में नरसिंह जी के अनेक वनदान भक्तों को नानी बाई के मायरे के प्रसंग में सुनाए गए गुरुवार को हुए नानी बाय के मायरे के लाभार्थी कमल प्रेमनाराय पाटीदार बने। वहीं गुरुवार रात्रि में महायज्ञ स्थल पर सुन्दरकाण्ड का आयोजन हुआ ।

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