Homeचेतक टाइम्सअमित शाह के बाद यह बन सकते है भाजपा के नये ...

अमित शाह के बाद यह बन सकते है भाजपा के नये अध्यक्ष, नये अध्यक्ष के सामने रहेगी महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा चुनाव की चुनौतियां

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में इस बार दो ऐसे चेहरे हैं जिनकी एंट्री ने सबको चौंका दिया। ये दो चेहरें हैं भाजपा के अध्यक्ष रहे अमित शाह और पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर। कश्मीर से कन्याकुमारी तक भाजपा का झंडा बुलंद करने में अहम भूमिका निभाने वाले अमित शाह अब मोदी सरकार के हिस्सा हैं, वहीं अपनी कूटनीतिक सोच का लोहा मनवाने वाले एस जयशंकर भी मोदी के भरोसेमंद मंत्री बने हैं। अमित शाह के मोदी कैबिनेट में शामिल होने के बाद अब यह तय हो गया है कि जल्द ही भाजपा को नया अध्यक्ष मिलेगा। अमित शाह के केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल होने के बाद उनके संभावित उत्तराधिकारी के रूप में भाजपा नेता जे पी नड्डा का नाम उभरा है। नड्डा नयी मोदी सरकार में शामिल नहीं हुए हैं। शाह के मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल होने के बाद पार्टी के ‘एक व्यक्ति, एक पद’ सिद्धांत के तहत उन्हें भाजपा अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ सकता है।

नड्डा हिमाचल प्रदेश के ब्राह्मण समुदाय से आते हैं और उन पर भाजपा शीर्ष नेतृत्व को काफी विश्वास है। उनका जुड़ाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी रहा है और उनकी छवि साफ सुथरी मानी जाती है। वह मोदी की अगुवाई वाली पहली राजग सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। सूत्रों ने बताया कि नड्डा भाजपा संसदीय बोर्ड के भी सदस्य है जो भाजपा की शीर्ष निर्णय करने वाली संस्था है और इसका सदस्य होने के नाते वरिष्ठता के लिहाज से भी वह उपयुक्त माने जा रहे हैं। नड्डा के अलावा पार्टी महासचिव भूपेन्द्र यादव और ओपी माथुर के नाम की भी चर्चा है।

हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह जरूरी नहीं कि कैबिनेट के गठन के फौरन बाद ही शाह की जगह नया अध्यक्ष बनाया जाए। 2014 में भी राजनाथ सिंह के गृहमंत्री बनने के कुछ माह बाद ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अमित शाह को नया अध्यक्ष चुना गया था। इस बार स्थिति कुछ इसलिए बदली हुई है क्योंकि शाह का टर्म पूरा हो चुका है और लोकसभा चुनाव की वजह से ही संगठन के नए चुनाव टालकर शाह को बतौर अध्यक्ष एक्सटेंशन दिया गया था। इसके अलावा नित्यानंद राय के मंत्री बनने से बिहार प्रदेश भाजपा, महेन्द्र नाथ पांडे के मंत्री बनने से उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पद के लिये भी नये चेहरे की तलाश करनी होगी क्योंकि ये दोनों संबंधित राज्यों के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। भाजपा का जो भी नया अध्यक्ष होगा, उसके सामने चुनौतियों का अंबार होगा। सबसे पहले तो नए अध्यक्ष पर इसी साल होने वाले तीन राज्यों महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में चुनाव होने हैं। इन तीनों ही राज्यों में भाजपा की सरकार है और नए अध्यक्ष के सामने इन राज्यों में पार्टी की पिछली परफॉर्मेंस को बनाए रखने का दबाव होगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!