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धार – राष्ट्रीय जैन मोइनिओरिटी आर्गेनाईजेशन का एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर संपन्न, योजनाओं के बारे में दी जानकारी, प्रश्नो के जवाब भी दिए

धार। राष्ट्रीय जैन मोइनिओरिटी आर्गेनाईजेशन की जिला इकाई द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर व बैठक का आयोजन शहर के राजेंद्र भवन बड़ा रावला में किया गया। प्रशिक्षण शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में जैन मोइनिओरिटी आर्गेनाईजेशन के प्रदेश संयोजक विक्रम श्रीमाल, विशेष अतिथि के रूप में जैन मोइनिओरिटी आर्गेनाईजेशन के प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश भटेवरा, दिगंबर समाज अध्यक्ष वीरेंद्र जैन, पोरवाल स्था. समाज अध्यक्ष शैलेंद्र जैन, डॉ. अशोक जैन व अध्यक्षता श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाश बाफना द्वारा की गई। प्रशिक्षण शिविर में स्वागत भाषण जैन मोइनिओरिटी आर्गेनाईजेषन के जिला अध्यक्ष मोहित तांतेड़ द्वारा दिया गया, तांतेड़ ने प्रदेश पदाधिकारियों का स्थानिय ईकाई से परिचय करवाने के साथ ही मोइनिओरिटी आर्गेनाईजेशन द्वारा प्राप्त निर्देशो के अनुरूप जिले में भी जैन समाज के उत्थान के लिए गतिविधियां जल्द शुरू करने की बात कही। जल्द ही एक एनजीओ गठन करने पर सहमति दी। अतिथियों का अभिनंदन पीयूष जैन, डॉ. दीपक जैन, विनय छाबड़ा, प्रफुल जैन, वीरेंद्र जैन, सुनिल तांतेड़, विपिन लुनिया, राजेंद्र हरण, अमित डूंगरवाल, तेजकुमार मेहता द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत में प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश भटेवरा ने जैन धर्म के इतिहास व समाज को मिले अल्पसंख्यक के दर्जे के बारे में विस्तृत से जानकारी दी। वहीं मोइनिओरिटी आर्गेनाईजेशन के प्रमाण पत्र भी अतिथियों के द्वारा दिए गए। कार्यक्रम का संचालन आदित्य धोखा व आभार शरद धोखा ने माना। उक्त जानकारी जिला उपाध्यक्ष पीयूष जैन ने दी।

इन योजनाओं के बारे में दी जानकारी, प्रश्नो के जवाब भी दिए
जैन मोइनिओरिटी आर्गेनाईजेशन की जिला इकाई द्वारा करीब दो घंटे का प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में जानकारी देते हुए प्रदेश संयोजक विक्रम श्रीमाल ने बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार पूरे देश में सकल जैन समाज के लोगों की संख्या 44 लाख 52 हजार हैं, यानि अल्पसंख्यक के आंकड़ों के अनुरूप हम सिर्फ 0.78 प्रतिशत है। इतना कम आंकड़ा इसलिए हैं, कि जनगणना के दौरान हमने अपने नाम के साथ जैन लिखने के बजाए अपनी-अपनी उप जाति लिखी हैं। इसलिए आगे से किसी भी प्रकार के फॉर्म भरते समय जैन भी लिखे, साथ ही अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ लेना शुरू करें। श्री श्रीमाल ने बताया कि जैन समाज के करीब 60 प्रतिशत लोग आज भी आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं, इसलिए समाज के ही इन लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हमे उन्हें आगे बढ़ाना होगा। श्री श्रीमाल ने प्रोजेक्टर के माध्यम से अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही कौषल विकास के तहत नई मंजिल योजना, उस्ताद योजना, सीखो और कमाओं योजना व अल्पसंख्यकों का शैक्षिक सषक्तिकरण के तहत छात्रवृति योजनाएं, कोचिंग योजनाएं, नई उड़ान, महिला सषक्तिकरण योजना, अल्पसंख्यकों को रियायती ऋण योजना के बारे में विस्तृत से जानकारी दी। साथ ही इस दौरान मौजूद समाज के लोगों के प्रश्नो का जवाब देकर निराकरण भी किया।

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