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कर्नाटक सियासत : येदियुरप्पा की ताजपोशी फिलहाल टली, आलाकमान को स्पीकर और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार

नई दिल्ली। कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद भी बीजेपी सरकार बनाने की किसी तरह की जल्दबाजी से बचती दिख रही है। कर्नाटक बीजेपी के नेता बीएस येदियुरप्पा कल ही राज्यपाल वजूभाई वाला से मिलने वाले थे और सरकार बनाने के दावा पेश करने वाले थे लेकिन अचानक ही येदियुरप्पा के कार्यक्रम में बदलाव कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक ऐन वक्त पर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने इस प्लान को होल्ड पर डाल दिया। येदियुरप्पा का शपथ ग्रहण की तारीख से लेकर मंत्रिमंडल विस्तार तक की तारीख तय थी लेकिन इन सब को फिलहाल रोक दिया गया है। माना जा रहा है कि बीजेपी को बागी विधायकों पर स्पीकर और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है। बागी विधायकों के डिसक्वालीफिकेशन का मामला स्पीकर के पास फैसले के लिए लंबित है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के बागी विधायकों की पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। बीजेपी चाहती है कि पहले स्पीकर और सुप्रीम कोर्ट के रूख का अंदाजा मिल जाए इसके बाद ही बात को आगे बढ़ाया जाए। येदियुरप्पा ने प्रदेश मुख्यालय ‘‘केशव कृपा’’ में आरएसएस नेताओं से मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं दिल्ली से निर्देशों का इंतजार कर रहा हूं। मैं किसी भी वक्त विधायक दल की बैठक बुला सकता हूं और (दावा पेश करने के लिए) राजभवन जा सकता हूं। मैं इसके लिए इंतजार कर रहा हूं।’’

उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आशीर्वाद और सहयोग से ही संभव हुआ है कि वह मुख्यमंत्री बनने के लिए तालुका से राज्य स्तर तक पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अगला कदम उठाने से पहले संघ परिवार के अग्रजों से आशीर्वाद लेने यहां आया हूं।’’ सरकार बनाने के संबंध में येदियुरप्पा को मंजूरी देने के लिए दिल्ली में भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक होने की संभावना है। येदियुरप्पा ने कल रात भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने लिखा, ‘‘मैं यह बताते हुए काफी खुशी महसूस कर रहा हूं कि मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की तरफ से पेश विश्वास मत में हमने उन्हें हरा दिया है जिससे कर्नाटक में हमारी पार्टी की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है।’’ उन्होंने कहा कि इस वक्त पार्टी के 105 विधायक ‘‘चट्टान’’ की तरह हमारे साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों से विभिन्न राजनीतिक कारणों से हमारे लिए यह परीक्षा की घड़ी थी लेकिन इन सभी चुनौतियों से पार पाते हुए हमने विश्वास मत में उन्हें पराजित कर दिया।’’ गौरतलब है कि विधानसभा में शक्ति परीक्षण में कुमारस्वामी सरकार को भाजपा के 105 मतों के मुकाबले 99 वोट ही मिले।

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