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रायपुर – प्रत्येक विश्वविद्यालय किसी न किसी क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रोल मॉडल बनें – राज्यपाल सुश्री उइके

रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा है कि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सभी विश्वविद्यालय हरसंभव आवश्यक पहल करें। अब समय आ गया है कि किसी न किसी क्षेत्र में हर विश्वविद्यालय उत्कृष्ट कार्य कर रोल मॉडल बनें। सभी विश्वविद्यालयों में नैक ग्रेडिंग कराने हेतु आवश्यक मार्गदर्शन देने और समन्वय करने के लिए पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर को नोडल एजेंसी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। राज्यपाल सुश्री उइके आज यहां राजभवन के काफ्रेंस हॉल में विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थीं। राज्यपाल सुश्री उइके ने कुलपतियों से कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में अच्छे कार्य और तेज गति से कैसे काम हो, इस पर विशेष ध्यान देंवें। उन्होंने कहा कि कोई भी योजना या अभियान केवल रिपोर्ट तैयार करने तक ही सीमित न रहे, बल्कि जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़कर अच्छी भावना के साथ कार्य करें। एन.एस.एस. कैम्प के दौरान गांवों के लोगों को जोड़कर सेवा भावना से कार्य करें। राज्यपाल ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समय-सीमा में काम कराने की आवश्यकता व्यक्त की तथा जो समस्याएं आ रही हों, उन्हें वे अवगत भी कराएं। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से विभिन्न योजनाओं के तहत अनुदान प्राप्त करने के संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन देने एवं समन्वय करने के लिए हर विश्वविद्यालय अपने क्षेत्र के एक-एक महाविद्यालय को नोडल एजेंसी बनाएं।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि आज की परिस्थिति और उपयोगिता के आधार पर शोध कार्य के लिए विषयों का चयन करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के परिसर में वृक्षारोपण करें और उसे हरा-भरा एवं आकर्षक बनाकर बेस्ट प्रेक्टिसेस की शुरूआत करें। विश्वविद्यालयों में  बैकलाग के पदों की स्थिति की समीक्षा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि केन्द्र शासन के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय को ईकाई मानकर बैकलाग पदों की पूर्ति करें। उन्होंने कहा कि ग्रीन इकोटूरिज्म, कौशल, फिट इंडिया और रैन वाटर हार्वेस्टिंग आदि के कार्यों को बेहतर ढंग से क्रियान्वित करें। ज्ञातव्य है कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने की शुरूआत आज इस बैठक में प्लास्टिक के बॉटल की जगह पीने के पानी कांच के बॉटल में सर्व किया गया। सभी विश्वविद्यालयों से आग्रह किया गया कि अपने परिसर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाएं। साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करें। बैठक में निर्धारित सभी एजेण्डों की विस्तार से समीक्षा की गई।
राज्यपाल के सचिव श्री सोनमणि बोरा ने सभी कुलपतियों से कहा है कि वे समय की आवश्यकता एवं स्थानीय मुद्दों का शोध के विषय के रूप में चयन कराएं। उन्होंने कहा कि बस्तर और सरगुजा के विश्वविद्यालयों द्वारा आदिवासियों से संबंधित विषयों पर तथा अन्य विश्वविद्यालयों को स्थानीय विषयों पर शोध कर अपनी विशिष्ट पहचान बनाना चाहिए। श्री बोरा ने विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शैक्षणिक व्यवस्था के साथ ही वहां के वातावरण को आकर्षक बनाने की आवश्यकता व्यक्त की। बैठक में 08 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने अपने-अपने विश्वविद्यालयों में संचालित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।  बैठक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अतिरिक्त सचिव डॉ. देवस्वरूप, उच्च शिक्षा विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी., उच्च शिक्षा विभाग की आयुक्त श्रीमती शारदा वर्मा, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति प्रोफेसर केशरीलाल वर्मा, हेमचंद विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा, अटल बिहारी विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलपति श्री गौरी दत्त शर्मा, बस्तर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शैलेन्द्र कुमार सिंह, संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय सरगुजा के कुलपति डॉ. रोहिणीप्रसाद, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की कुलपति डॉ. माण्डवी सिंह, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार के कुलपति श्री जी.आर. चुरेन्द्र और पंडित सुंदर लाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बंशगोपाल सिंह उपस्थित थे।

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