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अमझेरा – स्वराज महोत्सव के तहत व्याख्यान माला कार्यक्रम संपन्न, जिस दिन अखण्ड भारत परम वैभवशाली होकर जगतगुरू होगा उस दिन भारत का जन-जन सुखी होगा – मुख्य वक्ता श्री शर्मा

अमझेरा। स्वराज अमृत महोत्सव के तहत यहॉ अखण्ड भारत दिवस के अवसर पर व्याख्यान माला का आयोजन स्वराज महोत्सव समिति के माध्यम से किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता हरिओमजी शर्मा ने अपने उद्बोधन में बताया कि अभी हमें पूर्ण स्वतंत्रता नहीं मिली है । सन् 1947 में आधी रात में हमें जो आजादी मिली वह पुरी तरह नहीं मिली क्योंकि जिस रावी नदी के जल को हाथ में लेकर पूर्ण स्वराज की शपथ उठाई थी वह पुरी नहीं हो सकी इसलिए माननिय अटलजी ने अपनी कविता ने भी कहा है कि रावी की शपथ न पुरी है, आजादी अभी आधी अधुरी है हिंगलाज माता का मंदिर,ढाकेश्वरी देवी का मंदिर,भगवान राम के पुत्र लव के नाम से बसा नगर लाहौर हमारा नहीं रहा, पंजाब हमारा नहीं रहा भारत माता को खण्ड-खण्ड कर 15 अगस्त 1947 को हमें जो आजादी मिली वह खण्डीत आजादी मिली। हम हमारे घरों में अथवा मंदिरों में खण्डित प्रतिमा का पूजन नहीं करते इसलिए भारत को पुनः अखण्ड करना होगा और जिस दिन भारत पूर्ण स्वराज प्राप्त कर अखण्डित भारत परम वैभवशाली होकर जगतगुरू होगा उस दिन भारत का प्रत्येक नागरिक सुखी होगा। उन्हौने क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद, झांसी रानी लक्ष्मीबाई, भगतसिंह, राजगुरू, सुखदेव, खुदीराम बोस, सुभाषचंद्र बोस आदि के साथ अमर शहीद महाराणा बख्तावरसिंहजी के देष की आजादी में उनके महत्वपूर्ण योगदान के बारे बताया कि महाराणा ने निस्वार्थ भाव से देश की आजादी के लिए अपना र्स्वस्व न्यौछावर कर दिया जिनके नाम से अंग्रेज इतना खोफ खाते थे कि सारे नियम कायदों को ताक में रखकर उन्हे फांसी दे दी गई।

महाराणा बख्तावरसिंहजी जैसे अनेको अनेक क्रांतिकारीयों के इतिहास को दबा दिया गया और किताबों में चार पंक्तियॉं भी लिखकर हमें पढ़ाया नहीं गया। अंग्रेज भारत में व्यापार करने नहीं आये बल्कि वे भारत की संस्कृति,सभ्यता और धर्म को नष्ट करने के लिए और उनकी राजसत्ता को स्थापित करने के लिए आये थे लेकिन हमें यह सब नहीं पढ़ाया गया लेकिन अब समय बदल रहा है हम स्वराज अमृत महोत्सव मना रहे है सारा विश्व भारत की ओर आषा भरी निगाहों से देख रहा है । हम स्वाधिनता से स्वतंत्रता की ओर आगे बढ़ते हुए पूर्ण स्वराज प्राप्त करेगें। कार्यक्रम के प्रारंभ में भारतमाता, महाराणा बख्तावरसिंह, भीमा नायक के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलीत कर मार्ल्यापण किया गया। मुख्य वक्ता हरिओमजी शर्मा व माननीय खण्ड संघचालक गोविंदजी गुप्ता का स्वागत कार्यक्रम के संयोजक मुकेश पंडित व समिति सदस्य राजेन्द्र शर्मा के द्वारा एवं अतिथि परिचय अमित तिवारी के द्वारा किया गया वहीं पूर्व सैनिक केषवानंद शर्मा व अश्विन ठाकुर का स्वागत अतिथियों के द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम के समापन पर सरस्वती शिशु मंदिर की बहनों के द्वारा पूर्ण वंदेमातम का गायन किया गया। क्रार्यक्रम का संचालन प्रदीपसिंह पंवार एवं आभार विक्रमसिंह राठौर के द्वारा व्यक्त किया गया।

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