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पेटलावद – ज्ञान पाचंम के दिन धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी श्री पुण्य शीला ने कहा – आगम ज्ञान दर्शन चरित्र की त्रिवेणी है

पेटलावद। हमें एक अक्षर चाहें एक महीने में याद हो या छः माह में याद हो हमें ज्ञान सीखने से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए मारतुश मुनि बारह वर्ष तक एक शब्द सीखने का पुरुषार्थ करते रहे कभी निराश नहीं हुए और अंततः केवल ज्ञान प्राप्त करने में सफल हो गए आज के दिन जैन आगमों को लिपिबद्ध करने की वजह से ज्ञान पाचंम के रूप में में मनाया जाता है व ज्ञान की आराधना की जाती है। तत्कालीन धर्माचार्य देवाधी गणी महाश्रमण ने देखा कि अब ज्ञान की आवृत्ति घट रही है आगम की गाथाएं लुप्त हो रही है तब उन्होंने सभी धर्म प्रमुखों को इकट्ठा कर धर्म शास्त्रों को लिपिबद्ध करने का अनुरोध किया उसके बाद आपने बत्तीसी आगमों को लिपिबद्ध करवाया ताकि आने वाले समय में संघ समाज में ज्ञान की सतत प्राप्ति होती रहे। आगम ज्ञान दर्शन चरित्र की त्रिवेणी है इसके ज्ञान से कई आत्माओं ने भवसागर पार किया है कर रही है और भविष्य में भी पार होती रहेंगी ,उक्त बात ज्ञान पाचंम के दिन पुण्य पुंज साध्वी श्री पुण्य शीला जी ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही। आपने आगे कहा सही गलत की जानकारी हमें आगम से प्राप्त होती है प्रतिक्रमण 32 वा आवश्यक आगम है जिसे हर जैनी को याद करना आवश्यक है। जो श्रुत की आराधना करता है वहां निश्चित रूप से ज्ञान प्राप्त करने में सफल होता है जब हमारा आपका ज्ञानावरणिय कर्म क्षय हो जायेगा तब हम भी केवल ज्ञान प्राप्त करने में सफल हो जायेगें। आज के दिन हर श्रावक श्राविकाओं को कुछ ना कुछ नया ज्ञान सीखने का नियम लेना ही चाहिए और सीखे ज्ञान को और दृढ़ कर आगे बढ़ाना चाहिए। साध्वी चतुरगुणा जी ने नंदी सूत्र का वाचन किया। मांगीलाल राठौड़ द्वारा इस चातुर्मास की दूसरी बड़ी आठ उपवास की तपस्या पूर्ण करने पर श्री संघ द्वारा उनका अभिनंदन किया गया नरेन्द्र कटकानी ने तेले से तो श्रीमती मोना मुरार में खुले आठवां की बोली लेकर उनका सम्मान किया, श्री राठौड़ ने इसके पूर्व अट्ठारह उपवास की तपस्या पूरी कर ली है, आज शुभम मुरार ने तीन तो कई ने एक उपवास तो 25 से अधिक एकासने की आराधना कि, कई श्रावक श्राविकाओं ने गुरु वंदना से नए ज्ञान सीखने का पाठ भी साध्वी श्री से लिया।एक माह तक स्थानक भवन में रह कर संवर की आराधना करने वाले 14 आराधकों का सम्मान भी श्री संघ द्वारा किया गया इसमें 2 वर्ष 4 माह की कुमारी मानवी गांधी उल्लेखनिय है जो प्रतिदिन अपनी मां के साथ स्थानक भवन में आकर साध्वी श्री से नियम लेकर संवर की आराधना कर रही थी। आज वर्धमान धुलचंद मोदी ,पारस कुमार आभास कुमार सोलंकी परिवार की ओर से प्रभावना भी वितरित की गई।

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