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सरदारपुर – पेसा एक्ट कानून लागू होने के बाद जिले का पहला मामला… मारपीट के प्रकरण की सूचना पुलिस ने विवाद निवारण समिति को दी, अब दोनों पक्षों को सुना जाएगा पंचायत में

सरदारपुर। प्रदेश सरकार द्वारा लागू किए गए पेसा एक्ट कानून के बाद धार जिले का पहला मामला सरदारपुर विधानसभा से सामने आया है, यहां पर ग्राम जौलाना में दो परिवारों में आपसी कहासुनी के बाद एक महिला के साथ दो युवकों के द्वारा मारपीट की गई थी। इस मारपीट में एक नाबालिक भी शामिल है। ऐसे में कानून के नए निर्देशों के बाद सरदारपुर पुलिस ने इस बात की सूचना संबंधित पंचायत के सचिव को दी गई है। बुधवार दोपहर के समय एसडीओपी रामसिंह मेडा सहित टीआई प्रदीप खन्ना पंचायत भवन पहुंचे, जहां पर प्रकरण की जानकारी देते हुए नोटिस भी तामिल करवाया है। अब पंचायत कार्यालय द्वारा पीड़ित पक्ष सहित आरोपी को बुलाया जाएगा, जहां पर दोनों के बीच में आपसी समझौता करवाते हुए निराकरण करवाया जाएगा।

दरअसल आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में प्रदेश सरकार द्वारा पेसा एक्ट कानून लागू किया है, इस नए कानून के बाद जनजाति वर्ग के व्यक्ति की भूमि पर किसी गैर जनजाति व्यक्ति ने अनधिकृत कब्जा कर रखा है तो ग्रामसभा को उसे हटवाकर मूल व्यक्ति को दिलाने का अधिकार दिया गया है। ग्राम सभा की सहमति के बिना अनुसूचित क्षेत्रों में नई शराब दुकान नहीं खुलेगी। भूमि अधिग्रहण के पहले भी सहमति लेनी होगी। स्थानीय पुलिस स्टेशन में ग्राम के व्यक्ति से संबंधित कोई भी प्राथमिक सूचना दर्ज होती है तो इसके सूचना ग्राम सभा को देनी होगी। इस नए निर्देशों का पालन सख्ती से करवाने के लिए एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने जिले के सभी एसडीओपी सहित थाना प्रभारियों को दिए थे। धार के सरदारपुर थाना अंतर्गत ग्राम जोलाना में 11 दिसंबर को सुबह के समय महिला घर के पीछे खेत में काम कर रही थी, इसी बीच आरोपी कान्हा पिता बहादुर सहित एक नाबालिग आया व महिला के साथ बांस से मारपीट की गई थी। मामले में 12 नवंबर को सूचना के आधार पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया।

एसडीओपी रामसिंह मेडा के अनुसार नया कानून लागू होने के बाद अब मारपीट जैसे साधारण प्रकरणों का निकाल ग्रांम पंचायत की शांति समिति के माध्यम से किया जाता हैं, ग्राम जौलाना में विवाद की सूचना के बाद प्रकरण दर्ज किया गया। साथ ही दोनों पक्षों को थाने नहीं बुलाकर गांव में ही उसका निराकरण ग्रामीणों की मौजूदगी में किया जा सके, इसको लेकर धार की प्रथम सूचना पंचायत के सचिव को दी गई है। अब सचिव विवाद निवारण समिति के माध्यम से दोनों पक्षों को बुलाकर प्रकरण का निराकरण करवाएगा तथा विवाद समाप्त होने पर पंचायत की और से एक रिपोर्ट दी जाएगी। ताकि पुलिस भी उस प्रकरण को समाप्त कर सके। इस नए नियम के बाद पीड़ित पक्ष सहित आरोपी पक्ष को बार-बार थाने सहित कोर्ट नहीं जाना पडेगा। वहीं ग्राम पंचायत ही इन विवादों को समाप्त करवा सकेगी।

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