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मांस-मदिरा का सेवन ना करने का संकल्प ही गुरु दक्षिणा : वनवासी क्षेत्र उंडेढ़ के 85 लोगों ने नवनिर्मित शीतला माता मंदिर के सामने ली शपथ, महिलाओं ने कहा – कोई शराब पीकर घर आया तो गुरुदेव को तुरंत लगाएंगे फोन

सुनील माहेश्वरी @ रिंगनोद। शास्त्रों में कहा गया है गुरुद्वारा जो प्राप्त नहीं होता वह अन्यत्र भी नहीं मिलता गुरु कृपा से निसंदेह मनुष्य सब कुछ प्राप्त कर ही लेता है संस्कृत में श्लोक है “गुरु न प्राप्यते यत्तन्नान्यत्रापि हि लभ्यते! गुरुप्रसादत सर्व तु प्रानन्प्रोत्येव न संशय: !!” इस श्लोक के अर्थ से समझा जा सकता हैं कि गुरु प्रेरणा के बिना जिंदगी में बदलाव संभव नही हैं। यदि जीवन मे बदलाव लाना है, तो गुरु का होना जीवन मे जरूरी हैं। ऐसा ही उदाहरण धार जिले के बाहुल्य वनवासी कस्बे उंडेढ़ का है, जहाँ 96 घरों में करीब 500 लोग निवास करते हैं। यहां होली के अवसर पर ग्रामीणों ने विशाल मंदिर बनाकर माँ शीतला एवं शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठा व पंच कुंडीय यज्ञ सम्पन्न करवाया, ओर गुरू दक्षिणा का समय आया तो ज्योतिषाचार्य पुरुषोत्तम भारद्वाज ने गुरु दक्षिणा ना लेते हुए कहां की आप लोग मांस मदिरा का सेवन छोड़ने का संकल्प ले वही मेरे लिये सबसे बड़ी गुर दक्षिणा होगी, कहते हुए नशा मुक्ति का संकल्प दिलाया। ओर इस बात से प्रभावित होकर न पियेगें न पिने देंगे की तर्ज पर 85 लोगों ने क्षेत्र के ख्याति प्राप्त आदिवासी समाज के मसीहा ज्योतिषाचार्य पुरुषोत्तम भारद्वाज माताजी मंदिर राजगढ़ के सामने हाथ मे गंगाजल, एक सुपारी तथा चावल लेकर एवं हाथ मे कलेवा बांधकर मंत्रोच्चार के साथ एक जाजम पर बैठकर नवनिर्मित मंदिर के सामने शराब ना पीने की शपथ ली।

सभी ने स्वेच्छा एवं पक्के मन से जीवन मे कभी शराब का सेवन नही करने की कसम खाई। उपस्थित ग्रामीणों ने विशेषकर महिलाओं ने करतल ध्वनि से स्वागत किया। सभी संकल्पित व्यक्तियों को तुलसी की माला एवं रामचरित मानस व हनुमान चालीसा की पुस्तक भेंट की, एवं गुरु दक्षिणा के रूप में सभी गुरुजनों ने निःस्वार्थ भाव से एक रुपया ओर श्रीफल लिया। संकल्प लेने वाले ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम में कई लोग शराब का सेवन करते थे।
जिसके चलते परिवार का भरण पोषण ठीक ढंग से नही हो पाता था, ओर महिलाएं भी परेशान रहती थी। महिलाओं ने भी जोरदार समर्थन के साथ कहा कि अगर घर मे कोई शराब पिकर आयेगा, उसे घर मे प्रवेश नही करने देंगे, ओर तत्काल गुरुजनों को फोन लगाएंगे, गुरुजनों ने सभी को मोबाइल नंबर भी दिये हैं।

वही ग्राम के प्रमुख पटेल, तड़वी ने इस अभियान से खुशी हैं। ज्ञात है कि ज्योतिषाचार्य पुरुषोत्तम भारद्वाज माताजी मंदिर राजगढ़ करीब 35 सालों से इस उंडेढ़ क्षेत्र के प्रसिद्ध प्राचीन व चमत्कारी गौमुख धाम में विराजित हनुमान मंदिर से जुड़े हुए हैं, हर वर्ष हनुमान जयंती पर इनकी प्रेरणा से आसपास के ग्रामवासी मंदिर पर महायज्ञ व विशाल भंडारे का आयोजन करते हैं, जिसमे आसपास सहित दूरदराज के हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं, यहाँ पर ली गई हर मन्नत पूरी होती हैं, और गुरदेव द्वारा यहां समय समय पर नशा मुक्ति को लेकर संकल्प भी दिलवाया जाता हैं। और लोग इस संकल्प को पूरा कर नशे का आजीवन त्याग कर देते हैं। आसपास के कई गांव के लोग नशा छोड़, धर्म से जुड़ गये हैं। ज्योतिषाचार्य श्री भारद्वाज का आगे संकल्प हैं, इस धाम पर 108 कुण्डीय यज्ञ करवाना, एवं मंदिर निर्माण कर आसपास के सभी गांवों में शिव परिवार की स्थापना करवाकर सभी ग्रामीणों को धर्म के प्रति जोड़ना ताकी सभी व्यसनों को छोड़कर केवल रामनाम की लत को ग्रहण करें। इस प्राण प्रतिष्ठा धार्मिक आयोजन से पूरा गांव नशा मुक्त हुआ, साथ ही आसपास में बसे ग्रामीणों को भी इस से सिख मिली।

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